भाजपा प्रभारी ने पार्षदों से बंद कमरे में पूछा मेयर प्रत्याशी का नाम, दिल्ली में चर्चा के बाद होगा फाइनल
चंडीगढ़ में मेयर चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं, जनवरी के अंतिम सप्ताह में नया मेयर मिलेगा। भाजपा प्रभारी अतुल गर्ग ने पार्षदों से बंद कमरे में मेय ...और पढ़ें

चंडीगढ़ को जनवरी के अंतिम सप्ताह में शहर को नया मेयर मिल जाएगा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मेयर चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जनवरी के अंतिम सप्ताह में शहर को नया मेयर मिल जाएगा। भाजपा में मेयर प्रत्याशी के लिए सौरभ जोशी, महेशइंद्र सिंह सिद्धू, कंवरजीत सिंह राणा और दलीप शर्मा मुख्य दावेदार माने जा रहे हैं। इनमें से ही किसी को भाजपा चेहरा बना सकती है।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मेयर प्रत्याशी के लिए पार्षदों की नब्ज टटोलना शुरू कर दिया है। रविवार को चंडीगढ़ भाजपा के प्रदेश प्रभारी एवं गाजियाबाद से सांसद अतुल गर्ग ने चंडीगढ़ पहुंचकर एक-एक पार्षद से मेयर पद के प्रत्याशियों पर उनकी राय ली। बंद कमरे में अतुल गर्ग ने सभी पार्षदों से उनकी च्वाइस पूछी। जो नाम बताया उसके प्रत्याशी बनाए जाने का कारण भी पूछा।
मेयर हरप्रीत कौर बबला से लेकर सभी पार्षदों ने एक-एक कर बंद कमरे में उन्हें पसंदीदा प्रत्याशी का नाम बताया और उसे प्रत्याशी बनाए जाने का कारण भी बताया। अतुल गर्ग ने मेयर हरप्रीत से उनके कार्यकाल पर भी चर्चा की। मेयर ही राय प्रत्याशी तय करने में बहुत अहम रहने वाली है। प्रभारी अतुल गर्ग ने पार्षदों की राय डायरी में लिखकर उसे गुप्त रख लिया है।
वह इस पर भाजपा के दिल्ली में बैठे वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे। भाजपा की खास बात यह रहती है कि जो भी जो नाम फाइनल हो जाए उसका कोई विरोध नहीं करता। बाकी सभी को इस पर राजी कर लिया जाता है। इस बार मामला दिलचस्प रहने वाला है।
यह बिंदू रहेंगे अहम
वरिष्ठ पार्षद सौरभ जोशी दो बार पार्षद रहे लेकिन उन्हें दस वर्षों में कभी कोई पद नहीं मिला। कई पार्षदों ने उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने की राय देकर इसे भी एक वजह बताया। जोशी की दावेदारी के लिए यह मजबूत पक्ष हो सकता है।
महेशइंद्र सिंह सिद्धू, दलीप शर्मा और कवंरजीत सिंह राणा तीनों इससे पहले किसी न किसी पद पर रह चुके हैं। महेशइंद्र सिंह सिद्धू और कंवरजीत सिंह राणा के लिए भी कई बड़े नेता लाबिंग में जुटे हैं। वहीं दलीप शर्मा बापूधाम से पार्षद हैं गांव और कालोनियों में पैंठ बनाने के लिए पार्टी उनके नाम का विचार कर सकती है।
निगम सदन में होगा सियासी घमासान
नगर निगम सदन की मंगलवार को होने वाली बैठक में इस बार सियासी घमासान होगा। आप की दो पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भाजपा पर हमलावर होंगी। आप अपनी पार्षदों को वापस लाने की खुली चेतावनी तक दे चुकी है। इतना ही नहीं आप वरिष्ठ नेता सन्नी सिंह आहलूवालिया तो अपने पार्षदों को लाने के साथ दो भाजपा पार्षदों के भी आने का दावा कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि इस बैठक में किस तरह से आरोप प्रत्यारोप और पलटवार होगा। बताया जा रहा है कि राजनीतिक दल अपने पार्षदों को एकजुट रखने और दूसरे दलों की सेंधमारी से बचाने के लिए उन्हें मंगलवार को ही शहर से बाहर भेज सकते हैं। खासकर आम आदमी पार्टी और भाजपा इस बार ऐसा कर सकती है।
पिछले चुनाव में भी ऐसा होता रहा है जब पार्षद 15 से 20 दिन भी शहर से बाहर रहे हैं और सीधे मतदान के दिन ही निगम सदन पहुंचे हैं। हालांकि इस बार हाथ उठाकर मेयर का निर्णय होना है। अब देखना होगा कि राजनीतिक दलों की रणनीति क्या रहती है।

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