सुरेश कुमार को बड़ी राहत, चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी पद की नियुक्ति रद करने पर स्टे
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके पूर्व चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार को बड़ी राहत मिली है। सुरेश कुमार की नियुक्ति को रद करने के आदेश को हाईकोर्ट ने स्अे कर दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके पूर्व चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार को बड़ी राहत मिली है। बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सुरेश कुमार की सीएम के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी पर नियुक्ति को खारिज करने के हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश पर स्टे लगा दिया है। इससे राज्य सरकार को भी बड़ी राहत मिली है। कैप्टन अमरिंदर सिंह किसी भी कीमत पर सुरेश कुसार को अपनी टीम में बनाए रखना चाहते थे। हाईकोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।
हाईकोर्ट ने कोर्ट के पहले के अादेश पर लगाया स्थगन, एक माह पहले सिंगल बेंच ने रद की थी नियुक्ति
राज्य सरकार ने करीब एक माह पहले हाई कोर्ट के सिंगल बेंच द्वारा सुरेश कुमार की नियुक्ति को रद करने के फैसले को हाईकोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी थी। डबल बेंच द्वारा एकल पीठ के निर्णय पर स्थगन अादेश देने के बाद सुरेश कुमार के कैप्टन अमरिंदर सिंह की टीम में वापस आने का रास्ता खुल गया है। सुरेश कुमार ने एकल पीठ के फैसले के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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मोहाली के जिस वकील ने सुरेश कुमार की नियुक्ति को अदालत में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी उन्होंने भी पिछले हफ्ते कोर्ट में केविएट दाखिल कर रखी थी। सुरेश कुमार की चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में रिटायरमेंटमेंट के बाद दी गई नियुक्ति को हाईकोर्ट ने 15 जनवरी को रद कर दिया था। पूरे एक माह बाद इस केस पर सरकार की ओर से दायर अपील पर सुनवाई हो रही है। अदालत का फैसला आते ही सुरेश कुमार ने अपना इस्तीफा चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह को भेज दिया था जिसकी कॉपी सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी तेजवीर सिंह, सीएम के ओएसडी एमपी सिंह को भी भेज दी थी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह किसी भी तरीके से सुरेश कुमार को अपनी टीम में फिर शामिल करना चाहते थे, लेकिन सुरेश कुमार इसके लिए राजी नहीं थे। सुरेश कुमार को मनाने के लिए मुख्यमंत्री दो बार उनके घर पर भी गए लेकिन उनके बीच में क्या बात हुई, इसकी सही जानकारी नहीं मिल सकी।
दूसरी ओर, माना जा रहा है कि सुरेश कुमार इस पद पर अब लौटना नहीं चाहते हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि उनके खिलाफ साजिश रचने वाले वहीं काम कर रहे हैं। कैप्टन सरकार में सबसे पावरफुल ब्यूरोक्रेट और कैप्टन की आंख व कान कहे जाने वाले सुरेश कुमार को वापस लाना मुख्यमंत्री की मजबूरी भी बनती जा रही है।
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