गुरप्रीत सिंह घुग्गी प्रभाव खत्म करने को भगवंत मान हुए आक्रामक
पंजाब में आम आदमी पार्टी में उठापटक के बीच पार्टी के प्रदेश प्रधान बनाए गए भगवंत मान आक्रामक हो गए हैं। वह गुरप्रीत सिंह घुग्गी के प्रभाव को खत्म करने के लिए सक्रिय हाे गए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन के बाद प्रधान बने भगवंत मान ने पूर्व कन्वीनर गुरप्रीत सिंह घुग्गी के इस्तीफा देते ही आक्रामक रवैया अख्तियार कर लिया है। उन्होंने पार्टी को नए सिरे से पंजाब में खड़ा करने के लिए रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।
इस सिलसिले में मान ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एडवोकेट एचएस फूलका को कमर कसकर तैयार होने के लिए बोल दिया है। मान ने प्रधान बनने के बाद अभी तक विधायकों के साथ एक भी बैठक नहीं की है, लेकिन सभी को यह संदेश भिजवा दिया है कि वह फूलका के साथ चलें।
पंजाब में विधानसभा चुनाव बुरी तरह हारने के बाद आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीते सप्ताह दिल्ली में पहली बार आप विधायकों की बैठक बुलाकर नेतृत्व परिवर्तन किया था। इसके विरोध में पंजाब में आप के पूर्व कन्वीनर गुरप्रीत सिंह घुग्गी ने इस्तीफा दे दिया।
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बताया जाता है कि प्रवक्ता सुखपाल सिंह खैहरा ने भी चीफ व्हिप व प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल ने खैहरा का इस्तीफा मंजूर नहीं किया था। हालांकि अभी तक इस बाबत पार्टी ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है कि खैहरा का इस्तीफा केजरीवाल ने मंजूर किया या नहीं।
घुग्गी के पार्टी से किनारा करने के बाद पार्टी में घुग्गी के प्रभाव को खत्म करने को लेकर नए प्रधान भगवंत मान ने फिलहाल फूलका को कहा है कि वह पूरे आक्रामक तरीके से सरकार पर सियासी हमलें करें। इसी दिशा में फूलका ने बीते दिनों राज्यपाल को 17 विधायकों के साथ जाकर मांग की थी कि विधानसभा का सत्र जल्द से जल्द से बुलाया जाए।
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बाहर निकलने के बाद फूलका ने मीडिया के सामने सबसे पहले यही कहा था कि देख लो पूरे 17 विधायक हैं। तीन किन्हीं कारणों से नहीं आ सके। फूलका द्वारा किए गए शक्ति प्रदर्शन के पीछे मान की सलाह थी कि पहले फूलका को मजबूत करें फिर पार्टी को नए सिरे से रणनीति बनाकर पंजाब में मजबूत किया जाएगा।
दो से तीन मुद्दों पर जारी करें बयान
पार्टी सूत्रों के अनुसार, फिलहाल मान ने निर्देश दिया है कि पार्टी की तरफ से रोजाना कांग्रेस सरकार के खिलाफ दो से तीन मुद्दों को लेकर बयान जारी किए जाएं। पहले पखवाड़े यानि 30 मई तक विभिन्न मुद्दों को आप उठाएगी, इसके बाद मान उक्त मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन के रूप में अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे।