Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भीख मांगने वाले बच्चे कहीं चोरी के तो नहीं? पंजाब के सभी जिलों में भिखारियों के होंगे DNA टेस्ट

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 08:16 AM (IST)

    चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों की तस्करी रोकने के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं महिला व बाल विकास विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ऑपरेशन जीवन ज्योत के तहत संदिग्ध बच्चों और उनके अभिभावकों का डीएनए टेस्ट कराएगा। मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि बठिंडा में आठ बच्चों को बचाया गया था और डीएनए टेस्ट से वास्तविक माता-पिता की पहचान होगी।

    Hero Image
    पंजाब के सभी जिलों में भिखारियों के होंगे DNA टेस्ट (फाइल फोटो)

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। Punjab News: बड़े शहरों के चौकों पर भीख मांगने वाली महिलाओं की गोद में छोटे बच्चों को अक्सर हम उनकी मासूमियत को देखते हुए कुछ न कुछ दे देते हैं। संभवत: अपनी ओर से हम उनका भला करने की सोच रहे होते हैं, परंतु हमारा यह सत्कर्म बच्चों की तस्करी को तो नहीं बढ़ा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह सच जांचने के लिए सामाजिक सुरक्षा एवं महिला व बाल विकास विभाग ने भीख के लिए ले जाए जाने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों का डीएनए टेस्ट करवाने का फैसला किया है।

    इस संबंध में सभी डिप्टी कमिश्नरों को ‘ऑपरेशन जीवन ज्योत’ के अंतर्गत ऐसे बच्चों का पता लगाने को कहा गया है जिन पर विभागीय अधिकारियों को थोड़ा-सा भी संदेह है।

    भिक्षावृत्ति को मिल रहा बढ़ावा

    डीएनए टेस्ट करवाने का यह विचार उस समय आया, जब सामाजिक सुरक्षा, महिला व बाल विकास विभाग की एक बैठक में मंत्री डॉ. बलजीत कौर को विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव राजी पी. श्रीवास्तव व अन्य अधिकारियों ने बताया कि कई मामलों में ऐसा देखने में आया है कि हम भीख मांगने वाले बच्चों को उनकी माताओं की गोद में देखकर माताओं को चेतावनी देते हैं कि यदि उन्होंने फिर से भीख मंगवाई तो केस दर्ज किया जाएगा।

    लेकिन माताएं किसी और चौक या अन्य नगर में उन्हीं बच्चों से वही काम करवाने लगती हैं। इस कारण बच्चों से भिक्षावृत्ति का खेल जारी ही रहता है।

    बठिंडा में आठ बच्चों को बचाया गया था, डीएनए टेस्ट से वास्तविक माता-पिता की होगी पहचान

    इस तरह का मामला सबसे पहले बठिंडा में सामने आया था जहां आठ बच्चों को बचाया गया था। अब ऐसे बच्चों का डीएनए टेस्ट करवाकर हम बच्चों के असली माता-पिता की पहचान करने की कोशिश करेंगे।

    यह भी पढ़ें- 11 साल बाद मौत की सजा से बरी हुआ शख्स, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला; पीठ ने कहा- अगर कीमत खून हो तो...

    डीएनए टेस्ट फेल होने पर अभिभावकों के खिलाफ दर्ज किया जाएगा मानव तस्करी का केस: डॉ. बलजीत कौर

    सामाजिक सुरक्षा, महिला व बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि कई ऐसे बच्चे भी मिल जाते हैं जिनकी माता-पिता से शक्ल नहीं मिलती जो हमारे लिए संदेह करने के लिए काफी है कि कहीं ये बच्चे तस्करी करके तो नहीं लाए गए हैं।

    इसलिए हमने ऐसे बच्चों का डीएनए टेस्ट करवाने का फैसला किया है। यदि टेस्ट सफल रहा तो बच्चा अभिभावकों को लौटा दिया जाएगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो अभिभावकों के खिलाफ मानव तस्करी का केस दर्ज होगा। एक अन्य विभागीय अधिकारी ने बताया कि छोटी लड़कियों के मामलों को अति गंभीरता से लिया जा रहा है।

    अच्छी परवरिश के लिए बच्चे अडॉप्शन कमेटियों को सौंपेंगे DNA टेस्ट

    फेल होने पर बच्चे अच्छी परवरिश के लिए अडॉप्शन कमेटियों को सौंपे जाएंगे, ताकि इनकी जिंदगी खराब न हो। सेंट्रल अडाप्शन रिसोर्स एजेंसी का कार्यालय हर जिले में है जहां छोटे बच्चों को गोद लेने की लंबी प्रतीक्षा सूची है। दूसरी ओर ऐसे केस आ रहे हैं जिनमें बच्चों से जबरन भीख मंगवाई जा रही है।

    यह भी पढ़ें- Punjab Weather Update: पंजाब में भारी वर्षा का अलर्ट, 20 जुलाई तक रहें सावधान! देखें ताजा अपडेट

    comedy show banner
    comedy show banner