BBMB डैम विवाद: हाई कोर्ट में अवमानना याचिका पर सुनवाई स्थगित, पंजाब सरकार ने SC में दायर की एसएलपी
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में बीबीएमबी डैम में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई टल गई। हरियाणा के फतेहाबाद की पंचायत ने पंजाब सरकार पर न्यायालय के आदेश का पालन न करने का आरोप लगाया था। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही जिसके बाद अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी। अगली सुनवाई जुलाई के अंतिम सप्ताह में होगी।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) डैम में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर जारी विवाद पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। यह याचिका हरियाणा के फतेहाबाद की एक ग्राम पंचायत द्वारा पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दायर की गई है थी। जिसमें 6 मई 2025 को हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश का पालन न करने और जानबूझकर उसमें बाधा डालने का आरोप लगाया गया है।
चीफ जस्टिस और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ के समक्ष याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया कि पंजाब सरकार के अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए, क्योंकि उन्होंने 6 मई को पारित उस आदेश का पालन नहीं किया, जिसमें केंद्र सरकार के गृह सचिव की अध्यक्षता में 2 मई को हुई बैठक में लिए गए फैसले का अनुपालन के आदेश दिए गए थे। इसके तहत हरियाणा को पानी छोड़ने के आदेश थे।
सुनवाई के दौरान पंजाब राज्य की ओर से पेश सरकारी वकील ने अदालत को जानकारी दी कि राज्य सरकार ने इस अदालत द्वारा बीबीएमबी मामले में पारित सभी आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर दी है।
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वकील ने यह भी बताया कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तब तक इस याचिका पर सुनवाई रोकी जाए।राज्य सरकार के इस जवाब को देखते में लेते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने फिलहाल इस याचिका पर आगे की सुनवाई टाल दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अब यह याचिका जुलाई के अंतिम सप्ताह में दोबारा सूचीबद्ध की जाएगी। अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं की गई है।
बीबीएमबी डैम की प्रशासनिक व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर पंजाब सरकार और अन्य पक्षों के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा है।
हाई कोर्ट ने 6 मई 2025 को आदेश दिया था कि डैम की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए व गृह सचिव की अध्यक्षता में लिए गए निर्णय को लागू किया जाए। याचिकाकर्ता का आरोप है कि पंजाब सरकार ने इस आदेश को लागू नहीं किया और जानबूझकर उसमें बाधा डाली।
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