BBMB में प्रतिनिधित्व न होने से हरियाणा झेल रहा पानी का नुकसान, सीएम ने उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उठाया मुद्दा
उत्तर क्षेत्रीय परिषद में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने बीबीएमबी में सदस्य की नियुक्ति के लिए राज्य को प्रतिनिधित्व न देने का मुद्दा उठाया। कहा कि बीबीएमबी में हरियाणा का प्रतिनिधित्व नहीं होने से पंजाब असंतुलित जल बंटवारा करा रहा है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में प्रतिनिधित्व नहीं होने से हरियाणा का बड़ा नुकसान हो रहा है। बोर्ड के गठन से लेकर ढाई साल पहले तक बीबीएमबी में दो सदस्य होते थे। इनमें एक सदस्य सिंचाई और दूसरा सदस्य बिजली की व्यवस्था देखता था। ढाई साल पहले गुलाब सिंह नरवाल बीबीएमबी के सदस्य सिंचाई पद से क्या हटे, हरियाणा को भाखड़ा की मेन लाइन से पानी कम मिलने लगा।
बीबीएमबी के गठन से बाद से सदस्य सिंचाई हरियाणा का और सदस्य बिजली पंजाब की तरफ से बनाया जाता था। ताकि दोनों राज्यों के बीच समन्वय ठीक रहे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में यह मुद्दा उठाया है। मनोहर लाल ने बताया कि बीबीएमबी में हरियाणा का प्रतिनिधित्व नहीं होने से राज्य को प्रतिदिन 700 से 1000 क्यूसिक पानी कम मिल रहा है, जबकि पंजाब के पास अतिरिक्त पानी बचता है।
बीबीएमबी की कार्यप्रणाली पर भी हरियाणा ने सवाल उठाए हैं। हरियाणा की तरफ से यह कहा गया है कि बीबीएमबी हरियाणा में बरसात से पहले बुवाई के समय भी पानी से बिजली उत्पादन करता है, जबकि बरसात से पहले किसान को सिंचाई के लिए पानी देना जरूरी है, इसलिए उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने निष्पक्ष सुझाव यह दिया है कि केंद्र सरकार सदस्य सिंचाई हरियाणा का और सदस्य बिजली पंजाब का रखने के अलावा एक और सदस्य की नियुक्ति कार्मिक विभाग में करे। इसकी नियुक्ति का अधिकार हिमाचल प्रदेश को दिया जा सकता है।
जल बंटवारा संतुलित होगा तो दिल्ली को होगा फायदा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही कह चुके हैं कि यदि भाखड़ा बांध से जल बंटवारा संतुलित होगा तो हरियाणा को पर्याप्त पानी मिलेगा। इससे हरियाणा अपने दक्षिण में सिंचाई व पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कर अतिरिक्त पानी को दिल्ली को भी देने पर विचार कर सकता है। दिल्ली की बढ़ती आबादी के चलते मौजूदा समय में करीब 300 क्यूसिक पानी अतिरिक्त चाहिए। हरियाणा हालांकि दिल्ली को तय समझौते और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 1050 क्यूसेक पानी प्रतिदिन दे रहा है।
हरियाणा की सिंचाई व्यवस्था पर पड़ रहा विपरीत असर
सिंचाई विभाग हरियाणा के इंजीनियरिंग इन चीफ डा. सतबीर सिंह कादियान का कहना है कि पिछले ढाई साल से बीबीएमबी में सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति का प्रबंधन करने से ज्यादा बिजली उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। इससे हरियाणा की सिंचाई व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। बीबीएमबी में सदस्य सिंचाई हरियाणा का होगा, यह इसके गठन के समय ही तय कर दिया गया था। इसलिए मुख्यमंत्री ने उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में यह विषय रखा है।
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