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    62 वर्ष के गौरवशाली सफर के साथ लड़ाकू विमान मिग-21 की होगी विदाई, चंडीगढ़ बनेगा भावुक पलों का गवाह

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 02:13 PM (IST)

    भारतीय वायुसेना मिग-21 लड़ाकू विमानों को विदाई देने के लिए चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन पर भव्य समारोह आयोजित कर रही है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और महिला फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा समेत कई लोग शामिल होंगे। संभावना है कि वायुसेना प्रमुख और स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा मिग-21 उड़ाएंगे। मिग-21 ने 62 वर्षों तक देश की सेवा की।

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    चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से होगी लड़ाकू विमान मिग-21 की विदाई।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। 1965, 1971 की जंग और कारगिल युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले भारत के पहले सुपरसोनिक जेट की अब विदाई का समय आ गया है। लड़ाकू विमान मिग-21 की भारतीय वायुसेना से 26 सितंबर को विदाई हो जाएगी। इन भावुक पलों का चंडीगढ़ गवाह बनेगा।  मिग-21 अंतिम बार फ्लाई-पास्ट करेगा और उसे गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अलविदा कहा जाएगा। समारोह में वायुसेना बैंड की प्रस्तुति भी होगी, जबकि वरिष्ठ अधिकारी मिग-21 के योगदान को याद करते हुए अपने विचार साझा करेंगे। 

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    बुधवार को हुई रिहर्सल में सूर्यकिरण की टीम और विमानों ने आसमान में शानदार करतब दिखाए। इस दौरान सुरक्षा इंतजामों की अंतिम तैयारियों को भी परखा गया। सूत्रों के अनुसार, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और महिला फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा आवाज की गति (332 मीटर प्रति सेकेंड) से तेज उड़ने वाले इस विमान से उड़ान भरेंगे।

    इसके साथ ही 62 वर्ष के गौरवशाली इतिहास के साथ मिग-21 भारतीय वायुसेना से विदाई ले लेगा। यह विमान 1963 में पहली बार भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। मिकोयन ग्युरेविच (मिग-21) का चंडीगढ़ से करीब 6 दशक पुराना रिश्ता है और यहीं से अब विदाई हो रही है। मिग-21 न केवल भारतीय वायुसेना के लिए बल्कि देशवासियों के लिए गर्व का विषय रहा है। इसकी विदाई भावुक कर देने वाला क्षण होगा क्योंकि इस विमान ने कई दशकों तक देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा की है।

    मिग-21 की यात्रा और योगदान

    • वर्ष 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।

    • यह भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था, जिसकी गति ध्वनि की गति से भी अधिक थी। • 1971 के भारत-पाक युद्ध में दुश्मन के कई विमान मार गिराकर भारत को निर्णायक बढ़त दिलाई।

    • कारगिल युद्ध (1999) के दौरान भी जांबाजी के साथ अपनी ताकत दिखाई।

    • “वायुसेना की रीढ़” कहलाने वाला यह विमान भारत की हवाई शक्ति का आधार बना रहा

    • 62 वर्षों तक देश की रक्षा में योगदान देता रहा।

    तकनीकी विशेषताएं

    • मिग-21 की अधिकतम गति लगभग 2,200 किलोमीटर प्रति घंटा (Mach 2.05) है।

    • यह 17,500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।

    • हवा से हवा में मार करने वाली और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें लगाई जाती थीं।

    • विमान का डिज़ाइन छोटा पर शक्तिशाली था, जो तेज हमलों व हवाई युद्ध के लिए आदर्श माना गया।

    2021 के बाद 7 बार क्रैश हुआ मिग-21

    5 जनवरी 2021: राजस्थान के सूरतगढ़ में क्रैश हुआ था। पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा था।

    17 मार्च 2021: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास क्रैश हुआ था। आईएएफ ग्रुप कैप्टन की मौत हो गई थी।

    20 मई 2021: पंजाब के मोगा में दुर्घटना हुई। इस दौरान पायलट की जान चली गई थी।

    25 अगस्त 2021: राजस्थान के बाड़मेर में फिर हादसे का शिकार हुआ। पायलट जान बचाने बचाने में सफल रहा था।

    25 दिसंबर 2021: राजस्थान में ही दुर्घटनाग्रस्त हुआ। पायलट की जान चली गई थी।

    28 जुलाई 2022: राजस्थान के बाड़मेर में क्रैश हुआ। दो पायलट्स की जान चली गई थी।

    8 मई 2023: राजस्थान के हनुमानगढ़ में क्रैश हुआ। पायलट सुरक्षित निकल आए थे।

    चंडीगढ़ से जुड़ाव 

    -रणनीतिक तैनाती: चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन पर मिग-21 लंबे समय तक तैनात रहे। यहां से इन विमानों ने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और पश्चिमी सीमा क्षेत्र की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई।

    युद्धों में अहम भूमिका: 1965 और 1971 के भारत–पाक युद्ध में मिग-21 ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उस दौरान चंडीगढ़ एयर बेस से भी इन विमानों का ऑपरेशन हुआ।

    प्रशिक्षण का केंद्र: चंडीगढ़ स्टेशन पर वायुसेना के कई पायलटों ने मिग-21 पर ट्रेनिंग प्राप्त की। यहां से प्रशिक्षित पायलटों ने देशभर में अपनी सेवाएं दीं।

    -आपातकालीन और त्वरित कार्रवाई: मिग-21 तेज गति वाले फाइटर जेट होने के कारण चंडीगढ़ से सीमाई इलाकों तक मिनटों में पहुंचकर तैनात हो सकते थे। यह उत्तरी भारत की सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण था।

    -एयर शो और जनता से जुड़ाव: चंडीगढ़ में समय-समय पर होने वाले एयर शो और प्रदर्शनों में मिग-21 की उड़ान ने लोगों को प्रेरित किया और वायुसेना की ताकत का प्रदर्शन किया।