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    Punjab: PSIEC प्लॉट घोटाले में शामिल कर्मचारियों पर होगा एक्‍शन, विजिलेंस ने शुरू की जांच प्रक्रिया; CM मान ने दिए निर्देश

    Updated: Sat, 24 Feb 2024 02:39 PM (IST)

    PSIEC प्लॉट घोटाले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर विजिलेंस का एक्‍शन शुरू हो गया है। ब्यूरो की ओर से कर्मचारियों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ध्यान रहे कि इससे पहले ब्यूरो की ओर से लगभग 100 प्लॉट मालिकों को नोटिस जारी किए गए है। यह नोटिस उन लोगों को भेजे गए है जो निर्माण कार्य शुरू करने में असफल रहे।

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    PSIEC प्लॉट घोटाले में शामिल कर्मचारियों पर होगा एक्‍शन (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब स्माल स्केल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (पीएसआइइसी) में प्लॉट घोटाले में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों को नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है। अगले सप्ताह ब्यूरो की ओर से पूछताछ के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस घोटाले में पूर्व व मौजूदा आइएएस अधिकारियों का भी नाम है।

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    ब्यूरो की ओर से कर्मचारियों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ध्यान रहे कि इससे पहले ब्यूरो की ओर से लगभग 100 प्लॉट मालिकों को नोटिस जारी किए गए है। यह नोटिस उन लोगों को भेजे गए है जो नियम और शर्तों के तहत निर्माण कार्य शुरू करने में असफल रहे।

    इन में से 42 नोटिस वापस आ गए है क्योंकि अलॉटियों की ओर से जो पते दिए गए थे वह गलत थे। जोकि एक बड़े घोटाले का संकेत है। जिन अलॉटियों को नोटिस मिल चुके है उन्हें भी ब्यूरो में अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जाएगा।

    2018 में जांच में ठहराया गया था दोषी

    ध्यान रहे कि पूर्व कांग्रेस सरकार में हुए इस घोटाले में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पीएसआइइसी के उन भ्रष्ट अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी है, जिन्हें विजिलेंस ब्यूरो की 2018 में की गई जांच में दोषी ठहराया गया था। इनमें तीन सेवानिवृत आइएएस अधिकारी जो अन्य आरोपितों के साथ पहले ही भाग निकले थे।

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    ब्यूरो की जांच को दरकिनार कर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फर्जी पत्र के आधार पर हुए प्लॉट घोटाले की विभागीय जांच के लिए आईएएस अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। जिन्हें आवंटन एवं ट्रांसफर घोटाले की जांच सौंपी गई। ब्यूरो की ओर से जांच के बाद दोषी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी जोकि नहीं दी गई थी।

    ब्‍यूरो की ओर से तैयार की गई अपडेट रिपोर्ट

    वहीं बीते दिनों मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने उद्योग विभाग को एक अपडेट-रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा। ब्यूरो की ओर से तैयार की गई अपडेट रिपोर्ट भी भेजी गई जिस में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी गई है। मुख्य सचिव ने उद्योग विभाग और पीएसआईईसी के अधिकारियों द्वारा तैयार की गई अपडेट-रिपोर्ट पर अपने कवरिंग नोट में आरोपित अधिकारियों और उनसे जुड़े निजी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

    जांच के दायरे में यह प्लॉट

    औद्योगिक क्षेत्र में सी210, सी211, सी209, सी201, 202, सी193, सी195, सी177, इ234, सी166, डी247, डी250 (पाकेट 8a), डी 286, इ 260ए , इ248, इ261, इ209, इ260, इ333,168, इ461, इ462, और एफ510 से एफ520 तक शुरू होने वाली 10 प्लाट संख्याओं की एक श्रृंखला।

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    मोहाली के फेज 8-ए में प्लाट नंबर 318 और फेज 9 में प्लाट नंबर 659 संदिग्ध लग रहे हैं। खुले बाजार में प्रत्येक प्लॉट की कीमत करीब 35 करोड़ रुपये बताई जा रही है। अमृतसर इंडस्ट्रियल एस्टेट के प्लाट नंबर 426, 294 और 426, 39, मोगा फोकल प्वाइंट के प्लाट नंबर बी 7 भी जांच के दायरे में हैं। खुले बाजार में प्रत्येक प्लॉट की कीमत 20 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।