अाप ने पंजाब विधानसभा में दिखाए तेवर, सदन से किया वाकआउट
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने साेमवार को विधानसभा में अपने तीखे तेवर दिखाए और सदन से वाकआउट किया। उन्हाेंने सदन से तभी वाकआउट किया जब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव किया जा रहा था।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने सोमवार को अपने तेवर दिखाए। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने इससे सत्ता पक्ष को जता दिया कि वह उन्हें कम क्षमता वाला समूह न समझे। आप विधायकों ने सदन में शोर-शराबा किया और विधानसभा से वाकआउट किया।
स्पीकर के चुनाव से ठीक पहले विपक्ष के नेता एचएस फूलका ने संविधान में नियमों का हवाला देते हुए मंगलवार को सदन में होने वाले राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस की मांग रख दी और शोर-शराबा करने लगे। इस दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पीकर पद के लिए राणा कंवरपाल सिंह राणा के नाम का प्रस्ताव रखा। जिसे सर्वसम्मति से पास तो किया गया लेकिन आम आदमी पार्टी के विधायक सदन से वाकआउट कर गए। अकाली दल और भाजपा के नेता सदन में ही रहे।
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उम्मीद के विपरीत स्पीकर से चुनाव से पूर्व विपक्ष के नेता एचएस फूलका ने संविधान के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर इसी सत्र में बहस होनी चाहिए। स्पीकर ने सरकार को समय देने की बात कही तो 'आप' विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने मोर्चा संभाला और मांग को दोहराया।
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इसी दौरान खैहरा के इशारे पर आप के विधायक सीट पर खड़े हो गए। हालांकि फूलका सीट पर ही बैठे रहे। इसके बाद स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने कहा 'काम अभी शुरू नहीं हुआ, बहस किस बात की।'
आप की सहयोगी पार्टी लोक इंसाफ पार्टी के बैंस बंधुओं ने भी बहस की मांग रख दी। सिद्धू ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'हक देना या न देना लोगों का काम है, लोगों ने उन्हें हक दिया हैं। इसलिए वह ट्रेजरी बैंच पर और आप विपक्ष में हैं।' आप के शोर-शराबे के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पीकर पद के लिए राणा केपी के नाम का प्रस्ताव रखा। इस बीच आप विधायक वाक आउट करके सदन से बाहर चले गए।
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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि स्पीकर के चयन से समय विपक्ष द्वारा वाकआउट करना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को सस्ती शोहरत की राजनीति में पड़ने की बजाए सदन की गरिमा को बनाए रखना चाहिए।