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    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक दे रहे अच्छे स्वास्थ्य का डोज, 2.58 करोड़ लोगों ने करवाया इलाज

    Updated: Wed, 15 Jan 2025 12:16 PM (IST)

    आम आदमी क्लीनिकों में मरीजों के लिए 80 प्रकार की दवाएं और 38 प्रकार की डायग्नोस्टिक जांच मुफ्त उपलब्ध हैं। इन क्लीनिकों ने राज्य के लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को लगभग 1200 करोड़ रुपए तक कम करने में योगदान दिया है। यही नहीं पंजाब सरकार ने प्रदेश में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 3134 स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्र को भी सक्रिय किया है।

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    भगवंत मान द्वारा शुरू की गई डेंगू विरोधी मुहिम 'हर शुक्रवार, डेंगू पर वार' को व्यापक सफलता मिली है।

    डिजिटल टीम, चंडीगढ़। स्वास्थ्य हरेक व्यक्ति से जुड़ा हुआ है। छोटी-मोटी बीमारी होने पर लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने पंजाब में 881 आम आदमी क्लीनिक खोले। धीरे-धीरे अब आम लोगों को आम आदमी क्लीनिक पर विश्वास बढ़ता जा रहा है। यही कारण हैं कि 2.58 करोड़ लोगों ने आम आदमी क्लीनिक में आकर अपना इलाज करवाया है।

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    महत्वपूर्ण तथ्य यह हैं कि इसमें से 1.50 करोड़ वो लोग हैं जिन्होंने दोबारा या इससे अधिक बार क्लीनिक में आकर स्वास्थ्य लाभ लिया पंजाब सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रमुख फोकस ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। हालांकि शहरी क्षेत्र में भी 316 क्लीनिक लोगों को सेवाएं दे रही है लेकिन सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 565 क्लीनिक खोले हैं जिसके पीछे मुख्यमंत्री भगवंत मान का तर्क हैं कि शहरी क्षेत्र में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल जाती है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में छोटी-मोटी बीमारी होने की सूरत में भी उन्हें शहरों की ओर जाना पड़ता है।

    आम आदमी क्लीनिकों में मरीजों के लिए 80 प्रकार की दवाएं और 38 प्रकार की डायग्नोस्टिक जांच मुफ्त उपलब्ध हैं। इन क्लीनिकों ने राज्य के लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को लगभग 1200 करोड़ रुपए तक कम करने में योगदान दिया है। यही नहीं पंजाब सरकार ने प्रदेश में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 3134 स्वास्थ्य और वेलनेस केंद्र को भी सक्रिय किया है। इसके साथ ही, नए स्टाफ, जैसे कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स, को भी शामिल किया गया है।

    मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में समग्र विकास पर फोकस कर रही है जिसके तहत सरकारी अस्पतालों में डायग्नोस्टिक पहल शुरू की। इसके तहत सभी माध्यमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए कुल 202 एक्स-रे केंद्र और 389 अल्ट्रासाउंड केंद्र सूचीबद्ध किए गए हैं, जो सरकार द्वारा निर्धारित सस्ती दरों पर सेवाएं दे रहे हैं। जनवरी 2024 के बाद से कलर डॉपलर/अल्ट्रासाउंड मशीनों की संख्या 65 से बढ़ाकर 98 और एक्स-रे मशीनों की संख्या 368 से बढ़ाकर 384 कर दी गई है। अब सभी जिला अस्पताल (डीएच), उप-मंडलीय अस्पताल (एसडीएच) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब तक कुल 10.11 लाख मरीजों (7.76 लाख एक्स-रे सेवाएं और 2.34 लाख यूएसजी सेवाएं) ने इन सेवाओं का लाभ उठाया है।

    स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे और सेवाओं के विस्तार में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस प्रगति में पटियाला में नेशनल मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनएमटीआई) को सक्रिय करना, नए मदर एंड चाइल्ड हेल्थकेयर (एमसीएच) विंग की स्थापना और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए डीएनबी कार्यक्रम का विस्तार शामिल है।

    डॉ बलबीर सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार ने हब और स्पोक मॉडल पर आधारित पंजाब स्टेमी प्रोजेक्ट को आठ जिलों में सफलतापूर्वक लागू किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत अब तक 7,000 से अधिक छाती दर्द के मरीजों को लाभ दिया गया है। इसका उद्देश्य थ्रोम्बोलाइसिस पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्टेमी (दिल का दौरा) के मरीजों को समय पर और प्रभावी इलाज प्रदान करना है। इस प्रोजेक्ट के तहत टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन, जिसकी कीमत 25,000 से 35,000 रुपए तक होती है और जो रक्त के थक्कों को घोलने में मदद करता है, मरीजों को मुफ्त दिया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का विस्तार अब अन्य 15 जिलों में भी किया जा रहा है, जिसमें तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज और एम्स बठिंडा समेत चार नए हब शामिल किए गए हैं।

    पंजाब सरकार की ओर से पंजाब स्ट्रोक प्रोजेक्ट अक्टूबर 2024 में शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य इस्केमिक स्ट्रोक के मरीजों को मुफ्त मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टॉमी प्रदान करना है। इस प्रोजेक्ट के तहत अब तक लगभग 200 स्ट्रोक मरीजों को लाभ दिया गया है। यह प्रोजेक्ट भी हब और स्पोक मॉडल पर आधारित है, जिसमें सीएमसी लुधियाना को हब और तीन जिला अस्पतालों को स्पोक के रूप में शामिल किया गया है।

    डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू की गई डेंगू विरोधी मुहिम 'हर शुक्रवार, डेंगू पर वार' को व्यापक सफलता मिली है। 2024 में डेंगू के मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 55 प्रतिशत की कमी और डेंगू से होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

    उन्होंने बताया कि गुर्दे की बीमारियों से पीडि़त मरीजों को राहत देने के लिए पंजाब सरकार ने हंस फाउंडेशन, माता गुजरी ट्रस्ट जगरा और अन्य एनजीओ के सहयोग से मरीजों को मुफ्त डायलिसिस सुविधा प्रदान की है। वर्तमान में 23 जिला अस्पतालों, 14 उप-मंडलीय अस्पतालों, और तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थित 40 डायलिसिस केंद्रों पर 168 डायलिसिस मशीनें उपलब्ध हैं। अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 के बीच 4,831 मरीजों को 32,800 डायलिसिस सत्र प्रदान किए गए।