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    पंचायतों आैर स्‍थानीय निकायों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 14 Jun 2017 08:09 AM (IST)

    पंजाब सरकार ने पंचायताें और स्‍थानीय निकायाें में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। इस संबंध में कैबिनेट की बैठक में फैसला किया गया।

    पंचायतों आैर स्‍थानीय निकायों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण

    जेएनएन,चंडीगढ़। महिलाओं को पंचायतों और स्‍थानीय निकायों में 50 फीसदी आरक्षण देने के अपने चुनावी वायदे को कांग्रेस ने पूरा कर दिया है। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ही अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय संस्थाओं में महिलाओं काे 50 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया गया। अब तक यह आरक्षण 33 प्रतिशत था। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में कई अन्‍य महत्‍वपूर्ण फैसले भी किए गए।

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    महिलाओं का आरक्षण बढ़ाने के फैसले का सीधा असर आने वाले नगर निगम चुनावों में देखने को मिलेगा। पंजाब सरकार पंचायती राज एक्ट 1994, पंजाब म्यूनिसिपल एक्ट 1911 और पंजाब म्यूनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1976 में संशोधन के लिए प्रारूप बिल को एक्ट में तब्‍दील कर आज से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में पेश करेगी।

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    इस फैसले से ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के अतिरिक्त नगर निगमों, नगर कौंसिलों और नगर पंचायतों के सदस्यों के सीधे चयन में महिलाओं का 33 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने से ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में महिलाएं अधिक अधिकारों की हकदार हो जाएंगी। महिलाओं का प्रतिनिधित्व ग्राम पंचायतों के सरपंचों, पंचायत समितियों व जिला परिषदों के प्रमुखों, नगर निगमों के मेयर, नगर कौसिल व नगर पंचायतों की प्रधानगी में बढ़ेगा।

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    बैठक में जीएसटी बिल के प्रारूप को हरी झंडी देने के साथ ही पंजाब के राज्यपाल को पेश की जाने वाली पांचवें राज्य वित्त कमीशन की रिपोर्ट को भी मंजूरी दी गई। बजट सत्र के दौरान मार्किट कमेटियों के प्रशासकों की नियुक्ति संबंधी प्रारूप बिल और पंजाब कृषि उत्पादन मार्किट एक्ट 1961 में संशोधन लाने का भी फैसला किया गया है।

    जीएसटी (वस्तु एवं सेवाएं कर) संबंधी राज्य बिल के कानून का रूप लेने के बाद पंजाब म्यूनिसिपल फंड एक्ट 2006 और पंजाब म्यूनिसिपल बुनियादी ढांचा विकास एक्ट 2011 को इसमें बदले जाने के लिए राह मजबूत हो जाएगी। इससे राजकीय कोष को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे 100 प्रतिशत वैट और पैट्रोलियम उत्पादों व शराब के साथ एकत्र होने का अतिरिक्त टैक्स खजाने में जमा होगा।