Bathinda: विजिलेंस ने मनप्रीत बादल के करीबियों पर कसा शिकंजा, घर पर की छापेमारी; खास लोगों से पूछताछ जारी
Bathinda News पंजाब के बठिंडा में विजिलेंस ने मनप्रीत बादल के करीबियों पर शिकंजा कसा है। प्लाट खरीद मामले को लेकर विजिलेंस विभाग द्वारा मनप्रीत बादल के रिश्तेदारों और करीबी लोगों से लगातार पूछताछ की जा रही है। टीम ने उसके दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर के अलावा एक कंप्यूटर और अन्य कागजात वहां से जब्त किए गए।
जागरण संवाददाता, बठिंडा: पंजाब सरकार को 65 लाख रुपये का वित्तीय नुक्सान पहुंचाने के आरोप में फरार चल रहे पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा की कोर कमेटी के सदस्य मनप्रीत सिंह बादल के रिश्तेदारों और करीबी लोगों पर विजिलेंस ब्यूरो बठिंडा ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। प्लाट खरीद मामले को लेकर विजिलेंस विभाग द्वारा मनप्रीत बादल के रिश्तेदारों और करीबी लोगों से लगातार पूछताछ की जा रही है।
सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर के अलावा एक कंप्यूटर और कागजात जब्त
इसके तहत बीती वीरवार देर शाम विजिलेंस विभाग ने मनप्रीत बादल के बेहद करीबी माने जाने वाले शराब ठेकेदार जसविंदर सिंह उर्फ जुग्नू के पुडा मार्केट में स्थित दफ्तर में छापेमारी की। टीम ने उसके दफ्तर में लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर के अलावा एक कंप्यूटर और अन्य कागजात वहां से जब्त किए गए। इस बीच विजिलेंस टीम ने उक्त शराब ठेकेदार के करीबी रिश्तेदार व मौजूदा पार्षद के घर पर भी छापेमारी की गई थी।
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पार्षद के घर से भी कागजात कब्जे में लिए
विजिलेंस सूत्रों की मानने तो टीम ने पार्षद के घर से भी कुछ कागजात अपने कब्जे में लिए है। उक्त शराब ठेकेदार और उसका करीबी रिश्तेदार पार्षद मनप्रीत सिंह बादल और उनके साले जयजीत जोहल का काफी करीबी है। उक्त शराब कारोबारी का नाम पूर्व मंत्री मनप्रीत बादल द्वारा बीडीए अधिकारियों से मिलीभगत कर कामर्शियल प्लाट को रिहायशी में तब्दील कर सस्ते दाम पर खरीदने के मामले से भी जुड़ा है।
अवैध मिलीभगत से तैयार किए गए एफिडेवट
बीडीए द्वारा प्लाट आवंटन से पहले ही मनप्रीत बादल ने बोलीकर्ता के साथ जो एग्रीमेंट किया था, उसमें गवाह के तौर पर उक्त शराब कारोबारी जसविंदर सिंह उर्फ जुग्नू के हस्ताक्षर हैं। विजिलेंस अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि प्लाटों के लिए बनाए गए एफिडेवट अवैध मिलीभगत से तैयार किए गए हैं। एक अन्य व्यक्ति सुखमंदर सिंह निवासी गांव मान जिला श्री मुक्तसर ने गवाह के रूप में प्लाट के उक्त समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। विजिलेंस टीम उक्त गवाह से भी पूछताछ की तैयारी कर रही है।
बता दें कि उक्त प्लाटों का आवंटन पत्र बीडीए द्वारा 8 अक्टूबर 2021 को विकास अरोड़ा और राजीव कुमार को दिया गया था, जबकि इससे पहले प्लाटों का एग्रीमेंट मनप्रीत बादल ने 4 अक्टूबर 2021 को किया था, जबकि इकरारनामे के लिए एफिडेवट 30 सितंबर 2021 खरीदे गए थे।
मनप्रीत के नजदीकी कालोनाइजर से पूछताछ
अगले कुछ दिनों में कालोनाइजरों और प्रापर्टी डीलरों के अलावा मनप्रीत बादल के करीबी कई कांग्रेसी नेताओं और पार्षदों से भी पूछताछ हो सकती है। विजिलेंस ने ऐसे करीब एक दर्जन लोगों की सूची तैयार की है, जिन्हें विजिलेंस तलब कर सकती है। विजिलेंस ने एक कालोनाइजर से कई घंटे तक पूछताछ की है।
विजिलेंस को शक है कि मनप्रीत की कालोनी में गुमनाम हिस्सेदारी हो सकती है। इसी तरह प्रापर्टी डीलर से नेता बने एक कालोनाइजर पर भी विजिलेंस की नजर है, जिनसे विजिलेंस पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। उधर, विजिलेंस की कार्रवाई को लेकर मनप्रीत के करीबियों में भय का माहौल है। विजिलेंस की कार्रवाई के बाद मनप्रीत के कई करीबी दूर चले गए हैं।
विजिलेंस की पहुंच से दूर मनप्रीत बादल
पूर्व मंत्री मनप्रीत बादल की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं, लेकिन छह दिन बीत जाने के बाद भी मनप्रीत अभी भी विजिलेंस की पकड़ से बाहर हैं। पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस टीमों ने पंजाब के अलावा राजस्थान और हरियाणा में भी छापेमारी की है।
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सूत्रों के मुताबिक अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए मनप्रीत बादल ने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया है, जिससे विजिलेंस को उनकी लोकेशन पता करने में दिक्कत हो रही है। विजिलेंस अधिकारी मनप्रीत बादल को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।