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    मुश्किल में शिरोमणि अकाली दल, 43 साल तक जिस सीट पर रहा बादल परिवार का कब्जा; वहां अब नहीं मिल रहा प्रत्याशी

    Updated: Thu, 24 Oct 2024 12:27 PM (IST)

    पंजाब के गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के सामने बड़ी चुनौती है। पार्टी को इस सीट से उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिल पा रहा है। हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों ने पार्टी छोड़ दी है। आम आदमी पार्टी ने डिंपी ढिल्लों को यहां से उम्मीदवार बनाया है। वहीं शिअद के लिए इस सीट पर प्रत्याशी तक मिलना मुश्किल हो गया है।

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    गिद्दड़बाहा उपचुनाव के लिए शिअद को नहीं मिल रहा प्रत्याशी। फाइल फोटो

    गुरप्रेम लहरी, बठिंडा। पंजाब में उपचुनाव के बीच शिरोमणि अकाली दल के सामने बड़ी चुनौती आ गई है। श्री मुक्तसर साहिब जिले का विधानसभा क्षेत्र गिद्दड़बाहा एक समय शिअद की राजनीति का केंद्र रहा है। इसी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल पांच बार विधायक बने और दो बार मुख्यमंत्री बने।

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    यही नहीं, इसके बाद उन्होंने यह क्षेत्र अपने भतीजे मनप्रीत बादल को सौंपा और वे भी यहां से लगातार चार बार विधायक चुने गए। मनप्रीत बादल के शिअद को छोड़ने के बाद हल्के की जिम्मेदारी पार्टी ने हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को सौंपी लेकिन वे पार्टी की साख नहीं बचा पाए।

    नहीं मिल रहा कोई प्रत्याशी

    इस बार डिंपी ढिल्लों भी पार्टी को अलविदा कहकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए और आप ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। ऐसे हालात में अब शिअद के समक्ष इस सीट से पार्टी प्रत्याशी खड़ा करने के लिए कोई चेहरा ही नहीं बचा है।

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    पार्टी की ओर से इस सीट पर सुखबीर बादल को प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा तो चली लेकिन श्री अकाल तख्त के जत्थेदार की ओर से बुधवार को लिए गए फैसले के बाद शिअद के समक्ष बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

    1969 से 2012 तक इस सीट पर रहा बादल परिवार का कब्जा

    गिद्दड़बाहा विधानसभा हल्के से प्रकाश सिंह बादल 1969, 1972, 1977, 1980 व 1985 में विधायक बने। गिद्दड़बाहा से विधायक बनने के बाद प्रकाश सिंह बादल 1970 पहली बार मुख्यमंत्री बने। जबकि इसी हल्के से जीतने के बाद दूसरी बार 1977 में वे मुख्यमंत्री बने।

    1969 से लेकर 2012 तक बादल परिवार का इस सीट पर कब्जा रहा। इसके बाद मनप्रीत बादल अकाली दल के टिकट से चुनाव जीतकर विधायक चुने जाते रहे।

    डिंपी ढिल्लों के जाने के बाद मुश्किल में शिअद

    पिछले तीन चुनाव से कांग्रेस के टिकट पर अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग चुनाव जीत रहे हैं। मनप्रीत बादल के शिअद छोड़कर अपनी पार्टी पीपीपी बनाने के बाद अकाली दल की ओर से हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को हलका सौंप दिया गया था।

    अब उप चुनाव से पहले उन्होंने शिअद के मनप्रीत बादल के साथ मिले होने के आरोप लगाकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया और आप ज्वाइन कर ली। ऐसे में जिस विधानसभा हल्के पर शिअद का कब्जा हुआ करता था, अब उस हल्के से शिअद को कोई सही प्रत्याशी ही नहीं मिल रहा।

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