सुखबीर सिंह बादल को दीवाली के बाद सजा सुनाएगी SGPC, किन आरोपों में घिरे हैं अकाली दल के अध्यक्ष?
Punjab Newsएसजीपीसी ने दिवाली के बाद सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाने का फैसला किया है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पर सिख पंथ की सही तरीके से तरजमानी ना करने का आरोप है। जत्थेदार रखबीर सिंह ने कहा है कि जब तक कोई तनखाईयां सिख तनखाह पूरी नहीं कर लेता तब तक दोष मुक्त नहीं हो सकता।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। पांच तख्तों के सिंह साहिबानों द्वारा तनखैया घोषित किए गए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रधान सुखबीर बादल का विधानसभा क्षेत्र गिद्दड़बाहा से उप चुनाव लड़ने तथा चुनावी गतिविधियों में सक्रिय होने की संभावना क्षीण हो गई है।
श्री अकाल तख्त के जत्थेदार रघबीर सिंह ने बुधवार को स्पष्ट किया कि सुखबीर प्रकरण में अब दीवाली के बाद ही फैसला होगा। उन्होंने कहा कि दीवाली से पहले पांच तख्तों के सिंह साहिबान की आपात बैठक होने की संभावना नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि तनखैया की एक अलग परिभाषा होती है। जब तक कोई तनखैया घोषित सिख श्री अकाल तख्त साहिब से अपनी तनखाह नहीं लगवा लेता तब तक वह आरोपों से बरी नहीं हो सकता है।
सुखबीर सिंह बादल को घोषित किया गया है तनखैया
गौरतलब है कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 30 अगस्त, 2024 को सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया था। 22 अक्टूबर को शिअद कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ की अध्यक्षता में शिष्टमंडल ने जत्थेदार रघबीर सिंह से मुलाकात कर उन्हें सुखबीर को चुनावी गतिविधियों में शामिल होने देने की इजाजत प्रदान करने की अपील की थी।
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जत्थेदार के फैसले के बाद उपचुनाव को लेकर शिअद असमंजस में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार की ओर से सुखबीर बादल को कोई राहत न देने से शिअद के समक्ष विधानसभा की चार सीटों पर उप चुनाव लड़ने को लेकर असमंजस में पड़ गया है।
सबसे पुरानी पार्टी है अकाली दल
बता दें कि शिअद देश के सबसे पुराना क्षेत्रीय दल है। 104 वर्ष पुराने क्षेत्रीय दल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) मौजूदा स्थिति में राज्य में होने वाले चार विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर अंतिम फैसला नहीं ले पा रहा है।
हालात ऐसे हो गए हैं कि शिअद ही एक मात्र ऐसी पार्टी रह गई है जिसने अभी तक प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की जबकि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा (चब्बेवाल सीट छोड़ कर) प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है।
वहीं, पार्टी ने ताजा राजनीतिक हालात को देखते हुए वीरवार को पार्टी की वर्किंग कमेटी और जिला प्रधानों की आपात कालीन बैठक बुला ली है। इस बैठक में फैसला होगा कि पार्टी को चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं।
सुखबीर को मांगनी पड़ेगी सार्वजनिक माफी
तख्तो के सिंह साहिबान की आयोजित बैठक के बाद अकाल तख्त साहिब पर सुनाए गए फैसले में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा है कि जब तक सुखबीर बादल पूर्व अकाली सरकार के दौरान साल 2007 से 2017 तक हुई गलतियों और बजर गुनाहों के लिए अकाल तख्त साहिब पर निमाने सिख की तरह पेश होकर सिख पंथ से सार्वजनिक तौर से माफी नहीं मांगते तब तक वह तनखैया घोषित रहेंगे।
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