इन किसानों से सीखें! पराली जलाने की बजाय किया सदुपयोग, बस एक टेक्निक और प्रॉब्लम खत्म
मानसा जिले में 105 किसानों को पराली जलाने से बचने और इन-सीटू तथा एक्स-सीटू तकनीकों का उपयोग करने के लिए सम्मानित किया गया। डीसी नवजोत कौर ने उन्हें प्रशंसा पत्र और टी-शर्ट भेंट की। डीसी ने उन्हें पर्यावरण रक्षक बताते हुए अन्य किसानों को प्रेरित करने की बात कही। कृषि विभाग किसानों को पराली प्रबंधन में सहयोग कर रहा है।

संवाद सहयोगी, मानसा। जिले के उन 105 किसानों को प्रशंसा पत्र और टी-शर्ट देकर डीसी नवजोत कौर ने सम्मानित किया, जिन्होंने पिछले वर्षों में धान की पराली को जलाने के बजाय उसे इन सीटू और एक्स सीटू तकनीक से प्रबंधित किया।
डीसी ने बताया पर्यावरण का रक्षक
इन किसानों की प्रशंसा करते डीसी ने कहा कि इन किसानों को पर्यावरण रक्षक कहा गया है और उन्हें उम्मीद है कि ये किसान अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेंगे और उन्हें धान की पराली न जलाने के लिए प्रेरित करेंगे।
डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन और कृषि विभाग हर उस किसान का सहयोग करने के लिए काम कर रहा है जो पराली न जलाकर उसका उचित प्रबंधन करने के इच्छुक हैं।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी कम होती है, इसलिए किसानों का इस नुकसान के प्रति जागरूक होना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि जिले में शून्य पराली जलाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सभी को प्रयास करना चाहिए।
जागरुकता कैंप जारी रखने का निर्देश
एडीसी(विकास) आकाश बंसल ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गांवों में किसान जागरूकता कैंपों का सिलसिला जारी रखें, जिससे किसानों को पराली प्रबंधन की तकनीकों के बारे में जागरूक किया जा सके और उन्हें हर तरह से सहयोग दिया जा सके और जीरो बर्निंग के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयास किए जाएं।
सब्सिडी पर उपलब्ध मशीनों की करें प्रयोग
मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. हरप्रीत पाल कौर ने कहा कि किसानों को पराली के इन सीटू और एक्स सीटू प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर उपलब्ध कराई गई मशीनरी का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने ग्राम पंचायतों से अपील की कि वे किसानों का सहयोग करें और किसानों को पराली जलाने की प्रथा को रोकने के लिए जागरूक करें।
इस अवसर पर एसएसपी भागीरथ सिंह मीणा, आईएएस (अंडर ट्रेनिंग) डा. गुरलीन कौर, एसडीएम सरदूलगढ़ अजीत पाल सिंह, डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा डा. चमनदीप सिंह, कृषि अधिकारी डा. हरविंदर सिंह सिद्धू, कृषि विकास अधिकारी जसलीन कौर के अलावा विभिन्न ब्लाक के किसान और कृषि विकास अधिकारी मौजूद रहे।
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