पंजाब में कांग्रेस का एक्शन, 8 पार्षद पांच साल के लिए पार्टी से निष्कासित; जानें क्यों हुई कार्रवाई
बठिंडा में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 8 पार्षदों को 5 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। आम आदमी पार्टी द्वारा अशोक कुमार सीनियर डिप्टी मेयर के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में इन पार्षदों ने कांग्रेस के खिलाफ मतदान किया था। अवतार हैनरी द्वारा जारी पत्र के माध्यम से इन सभी पार्षदों को पार्टी से बाहर कर दिया गया है।

जागरण संवाददाता, बठिंडा। बीती 2 मई को कांग्रेस पार्टी से संबंधित पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर अशोक प्रधान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग द्वारा महासचिव कैप्टन संदीप संधू को की गई अपील को नजरअंदाज करने वाले पार्षदों के खिलाफ पार्टी अनुशासन कमेटी ने बड़ी कार्रवाई की है।
जिला अध्यक्ष, शहर के वरिष्ठ नेताओं की शिकायत पर पार्टी की अनुशासन कमेटी के चेयरमैन अवतार हैनरी ने अनुशासनहीनता के आरोप में 8 पार्षदों को पांच साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
13 पार्षदों को जारी किया गया था कारण बताओ नोटिस
इस बीच, ब्लाक अध्यक्ष बलराज सिंह पक्का, पंजाब कांग्रेस प्रतिनिधि पवन मानी और उनकी पत्नी समेत 5 पार्षदों पर अनुशासन की तलवार अभी भी लटकी हुई है। बीती बुधवार को पार्टी की अनुशासन कमेटी ने 13 पार्षदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इन नोटिसों में पार्षदों और नेताओं से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। पार्टी ने 6 पार्षदों द्वारा दिए गए जवाबों को असंतोषजनक माना गया, जबकि 2 पार्षदों ने अनुशासन समिति द्वारा भेजे गए नोटिसों का जवाब नहीं दिया।
जिसके बाद पार्षद कमलजीत कौर पत्नी चरणजीत भोला, पुष्पा रानी पत्नी विपन मीतू, ममता सैनी पत्नी विनोद सैनी, कमलेश मेहरा पत्नी राज मेहरा, राज रानी बहन साधु सिंह, नेहा जिंदल पुत्रवधू मनोज जिंदल, कुलविंदर कौर पत्नी जसपाल गोरा के अलावा पूर्व मेयर बलवंत राय नाथ के भांजे पार्षद सुरेश चौहान को पार्टी से 5 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इसके अलावा कांग्रेस नेता चरणजीत भोला और कार्यकारी ब्लाक अध्यक्ष विपन मीतू पर भी कार्रवाई हो चुकी है।
8 पार्षदों में से 7 ने दो बार पार्टी के खिलाफ मतदान किया
कांग्रेस के अनुसार निष्कासित 8 पार्षदों में से एक ममता सैनी ने तीन बार पार्टी के खिलाफ जाकर तीन बार मतदान किया, जबकि शेष 7 पार्षदों ने पहले 5 फरवरी को कांग्रेस पार्टी के मेयर पद के उम्मीदवार बलजिंदर सिंह ठेकेदार के खिलाफ वोट दिया और फिर 2 मई को सीनियर डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष का साथ दिया, जिसके बाद यह सख्त कार्रवाई की गई है।
इस बीच, शेष पांच पार्षदों व नेताओं के खिलाफ कार्रवाई लंबित है, जिनमें प्रांतीय प्रतिनिधि पवन मानी, उनकी पार्षद पत्नी प्रवीण गर्ग, ब्लॉक अध्यक्ष व पार्षद बलराज पक्का, पार्षद जसवीर सिंह जस्सा और पार्षद शाम लाल जैन शामिल हैं। बलराज सिंह ने इन आरोपों का कड़ा विरोध किया कि मेयर चुनाव के दौरान वह अनुपस्थित थे।
इसके साथ ही उन्होंने सीनियर डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का भी बहिष्कार किया था। इसी प्रकार, पवन मानी की पत्नी, जोकि अनुपस्थित थीं और कांग्रेस द्वारा बनाई गई अपनी एफएडसीसी सदस्यता त्याग दी तथा बाद में मेयर गुट की सदस्यता स्वीकार कर ली।
कांग्रेस पहले ही कई पार्षदों को दिखा चुकी है बाहर का रास्ता
उल्लेखनीय है कि बठिंडा नगर निगम के लिए फरवरी 2021 में हुए चुनाव में सदन के कुल 50 सदस्यों में से 43 पार्षद कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विजयी हुए थे। हालांकि, पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस लगातार गिरावट का सामना कर रही है।
इससे पहले, 15 नवंबर 2023 को मनप्रीत समर्थक मेयर रमन गोयल को पद से हटाए जाने पर मनप्रीत के पक्ष में खड़े कई पार्षद जहां पार्टी छोड़कर मनप्रीत के खेमे में शामिल हो गए थे। वहीं, कई अन्य को कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया था। इसके बावजूद कांग्रेस के पास 27-28 पार्षद बचे थे, लेकिन इसके बाद हुए मेयर चुनाव के दौरान मेहता गुट द्वारा अपने पक्ष में करने के बाद अधिकांश कांग्रेसी पार्षदों ने अपनी ही पार्टी के विरोध में वोटिंग की।
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