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    प्रशासन हो सतर्क, ताकि बठिंडा में ना हो अमृतसर जैसा रेल हादसा

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 20 Oct 2018 07:33 PM (IST)

    अमृतसर में दशहरे के दौरान जौड़ा रेलवे फाटक के नजदीक हुई दिल दहला देने वाली घटना ने देश भर के लोगों को झकझोर कर रख दिया है।

    प्रशासन हो सतर्क, ताकि बठिंडा में ना हो अमृतसर जैसा रेल हादसा

    सुभाष चंद्र, ब¨ठडा : अमृतसर में दशहरे के दौरान जौड़ा रेलवे फाटक के नजदीक हुई दिल दहला देने वाली घटना ने देश भर के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन इस दर्दनाक घटना ने देश भर में रेलवे लाइनों के नजदीक होने वाले विभिन्न धार्मिक एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजनों के बारे में भी अब सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। रेलवे लाइनों के आसपास होने वाले आयोजनों में भविष्य में इस तरह की कोई घटना न हो, इसके लिए जहां लोगों को खुद भी सचेत होना होगा, वहीं जिला स्तर पर सिविल और पुलिस प्रशासन को भी अभी से कड़े उपाय करने होंगे। इसके अलावा देश की बड़ी आबादी भी रेलवे लाइनों के आसपास रहती है। ऐसी आबादी के आयोजन भी रेलवे लाइनों के नजदीक खाली पड़ी जमीन पर होते हैं। ब¨ठडा में भी अनेक बस्तियां रेलवे लाइनों के आसपास बसी हुई हैं।

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    सिरसा रेलवे लाइन पर

    गूगा मैड़ी मंदिर

    ब¨ठडा का मशहूर गूगा मैड़ी मेला सिरसा रेलवे लाइन के बिलकुल साथ लगता है। संगूआना बस्ती स्थित गूगा मैड़ी मंदिर सिरसा लाइन से महज ढाई-तीन सौ गज की दूरी पर स्थित है। प्रत्येक सितंबर में लगने वाले इस मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है। इस मेले में न केवल ब¨ठडा, बल्कि पंजाब के मालवा क्षेत्र के अलावा हरियाणा और राजस्थान से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु नतमस्तक होने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इस दौरान ना केवल मंदिर का परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहता है, बल्कि सिरसा रेलवे लाइन भी श्रद्धालुओं से भरी रहती है। जिन दिनों मेला चलता है तो रेलगाड़ियों के ड्राइवरों को बेहद सूझबूझ के साथ अत्यंत धीमी गति से यहां से गुजरना पड़ता है। जबकि दिन-रात इस लाइन से रेलगाड़ियों का आवागमन रहता है। अमृतसर के दशहरा हादसे ने इस मेले के आयोजन पर सभी को सोचने के लिए विवश कर दिया है। भविष्य में मेले के आयोजकों, श्रद्धालुओं और प्रशासन को सुरक्षा के बारे में सोचना होगा।

    रेलवे लाइन स्थित नहर पर होती छठ पूजा

    गूगा मैड़ी मेले के अलावा सर¨हद नहर की ब¨ठडा शहर से होकर गुजरने वाली ब्रांच पर प्रत्येक वर्ष छठ पूजा के दौरान भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। थर्मल प्लांट के साथ सटी हुई इस नहर के ऊपर से फिरोजपुर एवं फाजिल्का रेलवे लाइनें निकलती हैं। दोनों लाइनों से अनेक मेल व पेसेंजर गाड़ियां गुजरती हैं। छठ पूजा के समय रेलवे लाइनों पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहते हैं। हालांकि अभी तक कोई बड़ी दुर्घटना से बचाव रहा है, परंतु कई मामूली हादसे हो चुके हैं। लेकिन इन आयोजनों के दौरान अब तक कभी भी पंजाब पुलिस या रेलवे पुलिस की ओर से एहतियात नहीं बरती जाती। श्रद्धालु लापरवाही के साथ अपनी जान की परवाह किए बगैर परिवार की सुख समृद्धि, तंदरुस्ती और लंबी आयु के लिए रेलवे लाइनों पर पूजा अर्चना करते रहते हैं।

    रेलवे लाइन पर शहर में अनेक बस्तियां

    ब¨ठडा चूंकि देश के बड़े जंकशनों में शुमार है। इसलिए यहां से सात रेलवे लाइनें विभिन्न स्थानों को निकलती हैं। लेकिन शहर से निकलती सभी रेलवे लाइनों के साथ ही बस्तियां बसी हुई हैं। इसमें सिरसा रेलवे लाइन के साथ अमरपुरा बस्ती, संगुआना बस्ती, बंगी नगर, मैहणा बस्ती के अलावा भी कई मोहल्ले पड़ते हैं। नई दिल्ली रेलवे लाइन के साथ बंगी नगर और संजय नगर पड़ते हैं। बीकानेर रेलवे लाइन के साथ संगूआना बस्ती के अलावा लाल ¨सह बस्ती प्रमुख हैं। पटियाला-अंबाला रेलवे लाइन के साथ बाबा दीप ¨सह नगर, गुरु की नगरी, काला ¨सह सिद्धू बस्ती शामिल हैं। फिरोजपुर एवं फाजिल्का रेलवे मार्ग पर जोगी नगर के कुछ हिस्से के अलावा कई मोहल्ले और झोपड़ियां भी पड़ती हैं। इन रेलवे लाइनों पर युवकों के बैठे होने के अलावा बच्चे भी अकसर खेलते हुए देखे जा सकते हैं।