Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बठिंडा नगर निगम का बड़ा कदम, 5.62 करोड़ के टेंडर से ऑटोमैटिक मशीनों से चमकेगा शहर

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 02:54 PM (IST)

    बठिंडा नगर निगम ने शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 5.62 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। अब सड़कों की सफाई ऑटोमैटिक मशीनों से होगी जिससे प्रदूषण कम होगा और शहर स्वच्छ बनेगा। पहले निगम मशीनें खरीदने वाला था लेकिन अब ठेके पर काम देगा। सफाई कर्मचारियों को दूसरे कार्यों में लगाया जाएगा जिससे कालोनियों की गंदगी दूर होगी।

    Hero Image
    ऑटोमैटिक रोड़ स्वीपिंग मशीनें से हाेगी बठिंडा की सड़कों की सफाई (फोटो: जागरण)

    नितिन सिंगला, बठिंडा। शहर को क्लीन दिखाने के लिए नगर निगम की तरफ से शहर की प्रमुख सड़कों के अलावा गली मोहल्लों की साफ-सफाई अब ऑटोमैटिक रोड़ मशीनों से करवाई जाएगी। यह काम निगम की तरफ से एक निजी कंपनी या ठेकेदार को तीन साल के लिए ठेके पर दिया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ठेका हासिल करने वाली कंपनी या ठेकेदार खुद की ऑटोमैटिक रोड़ स्वीपिंग मशीनें खरीदेगा और उसे शहर की सड़कों की सफाई करेगा। मशीनों को चलाने के लिए ड्राइवर, हेल्पर से लेकर उसकी रिपेयरिंग और तेल का पूरा खर्च कंपनी या ठेकेदार की तरफ से अदा किया जाएगा। निगम की तरफ से केवल किलोमीटर की सफाई के हिसाब से अदायगी की जाएगी।

    इसके लिए नगर निगम की तरफ 5.62 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया है, जोकि आगामी एक या दो दिन में खोला जाएगा। जिसके बाद इस टेंडर में शामिल होने वाली कंपनियों की फाइनेसिल बिड खोलने के बाद तय टेंडर रेट से कम रेट डालने वाली कंपनी या ठेकेदार को इस काम का वर्क आर्डर जारी किया जाएगा, जबकि वर्क ऑर्डर जारी करने से पहले इसकी निगम की फाइनेंस एंड कांट्रेक्ट कमेटी से भी मंजूरी ली जाएगी।

    यह काम 3 साल के लिए ठेके पर दिया जाएगा। हालांकि, निगम इस योजना से पहले 6 करोड़ रुपये की लागत से अपनी 2 नई रोड ऑटोमैटिक रोड़ स्वीपिंग मशीनें खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन निगम के पास पहले से ही अपनी छोटी व बड़ी 7 रोड स्वीपिंग मशीनें है, जिसमें चार मशीनें चालू हालत में है, जबकि सरकार ने भी सभी निगमों को एक पत्र जारी कर रोड स्वीपिंग, डोर टू डोर कचरा उठाने जैसे काम ठेके पर देने के निर्देश दिए है।

    इसके चलते निगम ने अब अपनी मशीनों खरीदने का फैसला बदलकर यह काम ठेके पर देने के लिए यह टेंडर जारी किया है। निगम अधिकारियों का दावा है कि मैकेनिकल स्वीपिंग से सफाई करने वाली मशीन सड़कों की सभी धूल मिट्टी को साफ कर जाएगी।

    गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 से लेकर 2020 तक लगातार प्रदेश भर में बठिंडा नगर निगम ने पहला स्थान हासिल करने के बाद पिछले दो सालों से नगर निगम की रैकिंग लगातार नीचे गिरती जा रही है। जिसका मुख्य कारण शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ना है। हालांकि, साल 2025 में बठिंडा नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में दोबारा से पहला स्थान हासिल किया है। इसके चलते निगम ने शहर की सफाई व्यवस्था पर विशेष जोर देने में जुटा हुआ है।

    इसमें निगम पहले 3 मशीनों के लिए राशि राज्य के पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल की ओर से 1 करोड़ रुपये की राशि सरकार से उपलब्ध करवाई गई थी। जिससे निगम ने एक बड़ी और दो छोटी स्वीपिंग मशीनें खरीदी थी,जबकि एक मशीन नगर निगम की ओर से अपने स्तर पर खरीदी गई थी।

    मौजूदा समय में निगम के पास 7 रोड स्वीपिंग मशीनें है, जिससे सुबह-शाम शहर की सड़कों की सफाई की जा रही है, लेकिन निगम के मेयर पदमजीत मेहता ने दो ओर नई ऑटोमैटिक रोड स्वीपिंग मशीनें खरीदने की योजना को हरी झंडी दी।

    इस बाबत बीते मार्च माह में हुई जनरल हाउस की मीटिंग में 6 करोड़ रुपये की लागत से उक्त दो ऑटोमैटिक रोड स्वीपिंग मशीनें खरीदने की मंजूरी दी थी, लेकिन निगम ने अब अपनी खरीदने की वजह रोड स्वीपिंग का काम ठेके पर करवाने का फैसला लिया है।

    मैकेनाइज्ड स्वीपिंग सिस्टम शुरू होने के बाद शहर की सड़कों की सफाई कर्मचारियों के स्थान पर वैक्यूम मशीन करती दिखाई देगी। हालांकि, निगम मौजूदा समय में 7 रोड स्वीपिंग मशीनों से शहर के कुछ प्रमुख सड़कों की सफाई कर रहा है, लेकिन नई मशीनों से शहर की बड़ी और छोटी सभी सड़कों की सफाई की जाएगी।

    चाहे वह गली मोहल्ले में की सड़क ही हो। वहीं जो कर्मचारी सड़कों पर सफाई करते हैं उन्हें निगम के अन्य कार्यों में लगाया जाएगा। इससे कालोनियों में लगने वाले गंदगी के ढेर से निजात मिल जाएगी। मशीन से सफाई शुरू होने के बाद समय की काफी बचत होगी। अभी तक सफाई करने के लिए कर्मचारी पहले तो झाड़ू से सड़क पर फैली हुई मिट्टी को एकत्रित करते हैं उसके बाद उन्हें हाथ वाली रेहड़ी में डालकर दूर स्थान पर फेंका जाता है। इसमें काफी समय लगता है।

    निगम अधिकारी ग्राउंड वर्क के साथ-साथ मशीनों की खरीद-फरोख्त के लिए भी विभिन्न कंपनियों के साथ माथापच्ची कर रहे हैं। निगम की योजना के अनुसार शहर में करीब 400 किलोमीटर का एरिया 20 फुट चौड़ी सड़कों के अधीन है। इन तमाम सड़कों का नक्शा निगम की ओर से तैयार कर लिया गया है।

    इन सड़कों की सफाई के लिए मशीनों दो शिफ्ट में 100 किलोमीटर की सड़कों की सफाई कर रही है। निगम के पास मौजूद सफाई कर्मी 800 के करीब हैं। जो फिलहाल मुख्य रूप में सड़कों की सफाई कर पा रहे हैं। काम ठेके पर देने के बाद निगम के लिए नए सफाई कर्मियों की कमी का संकट भी खत्म हो जाएगा।

    मेयर पदमजीत मेहता ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में सड़कों के दोनों तरफ और डिवाइडरों पर रेत या गंदगी जमा हो जाती है, जिससे प्रदूषण फैलता है। स्वीपिंग मशीनों से सफाई करवाने उद्देश्य सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ ही प्रदूषण खत्म करना है।

    यह मशीन धूल की सफाई के साथ ही मुख्य सड़कों पर पड़ी पालिथिन, कागज, फलों के छिलके, कपड़ों के चिथड़े को भी उठाने का काम करती है। इन मशीनों का इस्तेमाल करने से बठिंडा शहर में सफाई व्यवस्था पहले से ज्यादा बेहतर और दुरुस्त होगी। इसके कारण शहर को स्वच्छ बनाने के मिशन में भी काफी सहयोग मिलेगा।