पंजाब में पराली जलाने से रोकने के लिए अधिकारियों का जोश हाई! बठिंडा के डीसी ने जागरुकता वैन को दिखाई हरी झंडी
बठिंडा के डीसी राजेश धीमान ने पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूकता वैन को रवाना किया। उन्होंने पराली जलाने के नुकसान बताए जैसे कि पर्यावरण प्रदूषण दुर्घटनाएं मिट्टी की उर्वरता में कमी और स्वास्थ्य समस्याएं। उन्होंने लोगों से पराली न जलाने की अपील की ताकि पर्यावरण और स्वास्थ्य को बचाया जा सके।

जागरण संवाददाता, बठिंडा। डीसी राजेश धीमान ने जिला प्रशासनिक परिसर से जिले में पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डा. जगदीश सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
डीसी राजेश धीमान ने कहा कि धान की पराली और उसके अवशेषों में आग लगाने से उत्पन्न धुआं न केवल पर्यावरण को प्रदूषित करता है, बल्कि कई बार सड़कों पर दुर्घटनाओं का कारण भी बनता है। उन्होंने कहा कि आग लगाने से खेतों में खड़े पेड़ों और फसलों को भी नुकसान पहुंच सकता है।
आग लगने से भूमि की ऊपरी सतह के अत्यधिक गर्म होने से मिट्टी की उर्वरता प्रभावित होती है, जिससे जल अवशोषण क्षमता कम हो जाती है, जिससे भारी बारिश होने पर फसल को नुकसान पहुंचता है। डीसी ने यह भी कहा कि धान की पराली जलाने से निकलने वाले धुएं से आंखों और फेफड़ों की बीमारियां बढ़ जाती हैं।
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