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    बरनाला में काला पीलिया के 2716 मरीजों का रजिस्ट्रेशन,1692 का हुआ इलाज

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 29 Nov 2018 05:50 PM (IST)

    जिला बरनाला में काले पीलिये के 2716 मरीजों का रजिस्ट्रेशन,1692 मरीजों का हुआ इलाजजिला बरनाला में काले पीलिये के 2716 मरीजों का रजिस्ट्रेशन,1692 मरीजों का हुआ इलाजजिला बरनाला में काले पीलिये के 2716 मरीजों का रजिस्ट्रेशन,1692 मरीजों का हुआ इलाजजिला बरनाला में काले पीलिये के 2716 मरीजों का रजिस्ट्रेशन,1692 मरीजों का हुआ इलाजजिला बरनाला में काले पीलिये के 2716 मरीजों का रजिस्ट्रेशन,1692 मरीजों का हुआ इलाजजिला बरनाला में काले पीलिये के 2716 मरीजों का रजिस्ट्रेशन,1692 मरीजों का हुआ इलाजजिला बरनाला में काले पीलिये के 2716 मरीजों का रजिस्ट्रेशन,1692 मरीजों का हुआ इलाज

    बरनाला में काला पीलिया के 2716 मरीजों का रजिस्ट्रेशन,1692 का हुआ इलाज

    हेमंत राजू, बरनाला : प्रदूषित पर्यावरण प्रदूषित पानी व खाने पीने वाले पदार्थों में मिलावट के चलते पहले ही समाज भयानक बीमारियों से पीड़ित है परंतु अब जिला बरनाला के लोगों के लिए उनके रोंगटे खड़े कर देने वाली एक और खबर सामने आई है। जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार जिला बरनाला के लोगों को हेपेटाइटिस सी यानी काला पीलिया की बीमारी ने पूरी तरह से अपने शिकंजे में जकड़ लिया है। आंकड़ों के अनुसार सिविल अस्पताल बरनाला में पंजाब हेपाटाइटिस सी के तहत मुफ्त इलाज करवाने के लिए नवंबर 2018 तक 2716 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है जिनमें से 1692 मरीजों का इलाज किया गया है। यह सरकारी आंकड़े हैं जो जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए हैं। हम सभी जानते हैं कि जिन मामलों में सरकार की किरकिरी होती हो उन संबंधी सही आंकड़े बाहर नहीं आते हैं। गौर हो कि सरकारी अस्पताल के अनुसार जहां 2716 मरीजों की रजिस्ट्रेशन हो चुकी है वहीं जिले के प्राइवेट अस्पतालों का अलग आंकड़ा होगा। सिविल सर्जन बरनाला के अनुसार इस वर्ष 12 नवंबर 2018 तक 1692 मरीजों का इलाज मुख्यमंत्री पंजाब स्कीम के तहत किया जा चुका है। सेहत विभाग की टीम मरीजों के इलाज शुरू होने से मरीजों का इलाज पूरा करवाने के लिए मरीजों को प्रेरित करते हैं।

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    भांबरी सर्जीकल एंड लेप्रोस्कोपी सेंटर बरनाला के एम सर्जन डॉक्टर राजीव कुमार भांबरी ने बताया कि यह एक वायरल बीमारी है जो सी¨रज एक दूसरे से शेयर करने पर, असुरिक्षत यौन संबंध बनाने पर,रक्तदान लेते टाइम,मां से बच्चों को व इलाज के दौरान इलाज करने वाले स्टाफ का होने के ज्यादा चांस रहते हैं।