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    SGPC कार्यकारिणी की बैठक में बड़ा फैसला, अकाल तख्त और तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदारों को पद से हटाया

    Updated: Fri, 07 Mar 2025 02:55 PM (IST)

    श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और तख्त श्री केसगढ़ साहिब आनंदपुर साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह को पद से हटा दिया गया है। यह फैसला आज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी बैठक में लिया गया। हालांकि शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे को स्वीकार करने की कोई खबर सामने नहीं आई है।

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    श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को पद से हटाया (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) कार्यकारिणी ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए श्री अकाल तख्त व तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदारों को उनके पदों से हटा दिया।

    ऐसा पहली बार है जब एक साथ दो जत्थेदारों को एक ही दिन हटाने का निर्णय लिया गया है। एसजीपीसी ने जिन जत्थेदारों से हटाया है, उनमें श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह व तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह शामिल हैं।

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    विशेष यह कि एसजीपीसी ने एक ही महीने में तीन जत्थेदारों को पद से हटाया है। इससे पहले दस फरवरी को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पद से हटाया गया था। शुक्रवार को दोनों जत्थेदारों को हटाने का कारण उनके पद के अनुरूप ठीक ढंग से काम नहीं करना बताया गया है।

    ढाई घंटे तक चली बैठक

    कार्यकारिणी की ढाई घंटे चली बैठक में जत्थेदार रघबीर सिंह की जगह सिख प्रचारक कुलदीप सिंह गजगढ़ को श्री अकाल तख्त का कार्यकारी जत्थेदार मनोनीत किया गया है। उन्हें तख्त श्री केसगढ़ साहिब का स्थायी जत्थेदार भी मनोनीत किया गया है। ज्ञानी रघबीर सिंह श्री हरिमंदिर साहिब के हेड ग्रंथी बने रहेंगे।

    ज्ञानी सुल्तान सिंह को जत्थेदारी से हटाकर श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी की जिम्मेवारी सौंपी गई है। संत बाबा टेक सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब का कार्यकारी जत्थेदार मनोनीत किया गया है। ज्ञानी रघबीर सिंह को 16 जून 2023 को ज्ञानी हरप्रीत सिंह की जगह श्री अकाल तख्त साहिब का कार्यकारी जत्थेदार मनोनीत किया गया था। वह इस पद पर दो वर्ष भी पूरे नहीं कर पाए।

    विरोधी पक्ष ने जताया एतराज

    कार्यकारिणी की बैठक में जब वरिष्ठ उपप्रधान रघुजीत सिंह विर्क ने यह प्रस्ताव रखा तो विरोधी पक्ष के तीनों सदस्यों जसवंत सिंह पडैण, अमरीक सिंह विछौआ व परमजीत सिंह ने इसका लिखित विरोध किया। रघुजीत सिंह विर्क ने बताया कि एसजीपीसी का वार्षिक बजट इजलास 28 मार्च को एसजीपीसी मुख्यालय तेजा सिंह समुंद्री हाल में दोपहर 12 बजे से होगा।

    उन्होंने बताया कि एसजीपीसी प्रधान रहे हरजिंदर सिंह धामी का इस्तीफा आज की बैठक में भी स्वीकार नहीं किया गया है। उनका इस्तीफा पेंडिंग ही रखा गया है।

    जत्थेदार अपनी जिम्मेवारी निभाने में विफल रहे

    रघुजीत विर्क सीनियर उपप्रधान रघुजीत सिंह विर्क ने दोनों जत्थेदारों की सेवाएं समाप्त करने की पुष्टि करते हुए कहा कि जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह व ज्ञानी सुल्तान सिंह अपनी ड्यूटी व जिम्मेदारी का निर्वाह बेहतरीन तरीके से निभा पाने में विफल रहे हैं। जत्थेदार कौम को समुचित मार्गदर्शन देने में भी अक्षम दिखाई दिए।

    विश्व में सिख पहचान व सिख संस्थाओं का अस्तित्व खतरे में है। ऐसे हालात में पंथक शक्ति को मजबूत करने के बजाय सिंह साहिब ऐसे हालात पैदा कर रहे हैं जिससे पंथक की शक्ति विभाजित हो रही है। सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 में सिंह साहिब को हटाने व मनोनीत करने का एसजीपीसी कार्यकारिणी को पूरा अधिकार है तथा इसी अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यह कार्रवाई की गई है।

    कल तक योग्य जत्थेदार रघबीर सिंह आज अयोग्य कैसे हो गए

    कार्यकारिणी में विरोधी पक्ष के सदस्यों जसवंत सिंह व अमरीक सिंह ने बैठक के प्रस्ताव में ज्ञानी रघबीर सिंह को अक्षम जत्थेदार करार का विरोध करते हुए कहा कि कल तक योग्य जत्थेदार माने जाने वाले ज्ञानी रघबीर सिंह आज भला अयोग्य कैसे हो गए। आज सिख पंथ की अगुआई करने के अक्षम कैसे हो गए।

    शिअद के पूर्व प्रधान सुखबीर बादल द्वारा ड्राफ्ट करवाया गया रटा-रटाया प्रस्ताव पढ़ा जबकि सदस्यों को भेजे गए एजेंडे में यह प्रस्ताव था ही नहीं। सुखबीर ने दो दिसंबर के फैसलों की रंजिश में जत्थेदारों को हटवाकर पंथ को संकट में डाल दिया है। इसके लिए पंथ उन्हें माफ नहीं कर सकता है।

    दो दिसंबर के फैसले लागू करवाने पर अडिग थे जत्थेदार रघबीर सिंह श्री अकाल तख्त साहिब के हटाए गए जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह दो दिसंबर के अकाल तख्त की ओर से शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की भर्ती प्रक्रिया सहित अन्य फैसलों को पूर्णतया लागू करवाने पर अडिग थे। 

    यह भी पढ़ें- 'इस्तीफा वापस नहीं लूंगा', श्री अकाल तख्त के जत्थेदार रघबीर सिंह से बोले हरजिंदर धामी, आज बैठक में होगा अंतिम फैसला

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