SGPC प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने दिया इस्तीफा, इस वजह से अचानक लिया फैसला
एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami Resigns) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह इस्तीफा एसजीपीसी कार्यकारिणी को भेज दिया है। धामी के इस्तीफा का कारण अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघवीर सिंह द्वारा ज्ञानी हरप्रीत सिंह को गलत तरीके से हटाने पर की गई टिप्पणी बताया है। इस्तीफे के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत नहीं की।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह इस्तीफा एसजीपीसी कार्यकारिणी को भेज दिया है। धामी ने इस्तीफा का कारण अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघवीर सिंह द्वारा ज्ञानी हरप्रीत सिंह को गलत तरीके से हटाने पर की गई टिप्पणी बताया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष धामी ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के सम्मान में उन्होंने त्यागपत्र दिया है।
इस वजह से दिया इस्तीफा
उन्होंने कहा कि नैतिक तौर पर एसजीपीसी को सिंह साहिबान के मामलों की जांच का पूरा अधिकार है लेकिन क्योंकि ज्ञानी रघवीर सिंह ने यह कहकर एतराज जताया है कि एसजीपीसी को सिंह साहिबान की बैठक का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए वे नैतिक तौर पर अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। यह इस्तीफा उन्होंने एसजीपीसी कार्यकारिणी को भेज दिया है।
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चौथी बार संभाल रहे थे प्रधान पद की जिम्मेदारी
हरजिंदर धामी निरंतर 29 नवंबर 2021 से इस पद पर विराजमान रहे हैं। हर साल नवंबर में प्रधान के होने वाले चुनाव के तहत वे हैट्रिक बना चुके हैं। बतौर प्रधान यह उनकी चौथी सालाना टर्म है। एसजीपीसी कार्यकारिणी अब बैठक कर धामी के इस्तीफे को स्वीकार करने या नहीं स्वीकार करने को लेकर फैसला लेगी। धामी ने पत्रकारों के समक्ष इस्तीफा देने की घोषणा के बाद कोई भी बातचीत करने से इनकार कर दिया और तुरंत लौट गए।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले एसजीपीसी ने तख्त दमदमा साहिब, तलवंडी साबो (बठिंडा) के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटा दिया था। इसकी अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने आलोचना की थी।
बीबी जगीर कौर को हराकर पहली बार प्रधान बने थे धामी
20 नवंबर 2021 के सालाना चुनावी इजलास में बीबी पूर्व प्रधान जगीर कौर को पराजित कर धा्मी पहली बार प्रधान बने थे। 28 अक्टूबर 2024 को एक बार फिर से बीबी जगीर कौर को 74 मतों के अंतर से हराकर धामी निरंतर चौथी बार यानि एसजीपीसी के 47 वें प्रधान बने थे ।
धामी को 107 जबकि विरोधी गुट की बीबी जगीर कौर को मात्र 33 मत पड़े थे। 28 अगस्त 1956 को जन्मे एडवोकेट धामी होशियारपुर के शाम चौरासी हलके से पहली बार 1996 में सदस्य बने थे। वह 2019 में एसजीपीसीमहासचिव व 2020 में मुखय् सचिव की सेवाएं भी निभा चुके हैं। एसजीपीसी हाउस में कुल 190 सदस्य होते हैं , पांच सदस्यों यानि सिंह साहिबानों को वोट का अधिकार नहीं होता है , 185 में से 15 सदस्य मनोनीत किए जाते हैं।
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