गुरमीत राम रहीम की फरलो पर SGPC के प्रधान ने जताई कड़ी आपत्ति, बोले- सिखों के अंदर अविश्वास एवं भेदभाव का माहौल हो रहा पैदा
कत्ल एवं दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोपों के अधीन जेल में सजा काट रहे डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को आठवीं बार फरलो पर मिलने पर एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि सरकारों की इस दोहरी नीति के कारण सिखों के अंदर अविश्वास एवं भेदभाव का माहौल पैदा हो रहा है।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Shiromani Gurdwara Committee) ने कत्ल एवं दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोपों के अधीन जेल में सजा काट रहे डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को आठवीं बार फरलो पर रिहा किए जाने पर एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कड़ी आपत्ति जताई है।
सरकारों की नीति के कारण सिखों में अविश्वास एवं भेदभाव का माहौल
उन्होंने कहा कि सरकारों की इस दोहरी नीति के कारण सिखों के अंदर अविश्वास एवं भेदभाव का माहौल पैदा हो रहा है। यह माहौल सरकार ऐसे कारनामे कर खुद सिखों के दिलों में पैदा कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि गुरमीत राम रहीम को बार-बार फरलो दी जा रही है जब कि बंदी सिखों की रिहाई के लिए दशकों से सिख कौम द्वारा उठाई जा रही आवाज सरकारों को सुनाई नहीं दे रही है। सरकारें इसे निरंतर नजरअंदाज कर रही हैं।
राम रहीम को फरलो देना देश एवं समाज हित में नहीं
प्रधान धामी ने कहा कि अपने सियासी हितों की पूर्ति के लिए सरकारों द्वारा राम रहीम के घिनौने अपराधों को बार-बार नजर अंदाज करके उसे फरलो दी जा रही है। ऐसा करना देश एवं समाज के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारों द्वारा एक साजिश के अधीन सिखों को भारत में रहते हुए भी बेगानेपन का एहसास करवाया जा रहा है।
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