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    पूरण चंद वडाली हुए गमगीन- कहा, प्यारे के बिना अधूरा हो गया, वो मेरा कंठहार था

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Mon, 12 Mar 2018 08:58 PM (IST)

    सूफी गायक उस्ताद प्यारेलाल के निधन के बाद उनके बड़े भाई पूरण चंद वडाली ने चुप्पी तोड़ी। कहा प्यारे के बगैर मैं टूट गया हूं। वो मेरा कंठहार था।

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    पूरण चंद वडाली हुए गमगीन- कहा, प्यारे के बिना अधूरा हो गया, वो मेरा कंठहार था

    अमृतसर [नितिन धीमान]। वो सबको रुला गया। मुझे तन्हा छोड़ गया। प्यारे के बिना कुछ अच्छा नहीं लगता। एक साथ रहते थे, साथ-साथ गाते थे। उसे सारी दुनिया प्यार करती है..। आंखों में विरह की नमी लिए पद्मश्री पूरण चंद वडाली ने छोटे भाई उस्ताद प्यारेलाल वडाली के निधन के तीन दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ी।

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    उन्होंने कहा कि प्यारे के बगैर मैं टूट गया हूं। वो मेरा कंठहार था। जब हम गाते थे, तो वह आंखों का इशारा समझता था। सूफी स्वर को कब और कैसे उतार-चढ़ाव देना है, उसे मालूम था। भुक्ख लग्गी होवे तां लूण भी चंगा लगदा है.. नींद लग्गी होवे तां बिस्तर दी की लोड़ है.. भाई को याद करते हुए पूरण चंद वडाली बीच-बीच में सूफी कलाम की पक्तियां बोलकर अपना दर्द जाहिर करते रहे।

    उन्होंने कहा कि हमने बहुत कोशिश की प्यारे को बचाने की, पर रब की मर्जी के आगे बेबस हो गए। मुझे याद है कि एक बार हम अमेरिका से लौट रहे थे। घर पहुंचने से पहले ही उसकी तबीयत बिगड़ गई। हम उसे तत्काल रानी का बाग स्थित उप्पल अस्पताल ले गए। प्यारे मेरी ताकत था, अब मैं तन्हा हो गया। उन्होंने कहा- प्यारे को सारी दुनिया प्यार करती है। उसके देहांत के बाद दुनियाभर से फोन आए। लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया।

    वडाली ब्रदर्स की फाइल फोटो।

    गौरतलब है कि शुक्रवार को हार्ट अटैक के कारण 75 वर्षीय उस्ताद प्यारेलाल वडाली का निधन हुआ था। उनका शव फोर्टिस अस्पताल से जैसे ही गुरु की वडाली स्थित घर लाया गया तो पद्मश्री पूरणचंद वडाली गहरे सदमे में आ गए। वे बार-बार आंखें बंद कर गहरी सांस लेते। किसी से बात नहीं की। कुछ देर प्यारे के शव को निहारने के बाद चुपचाप कमरे में चले गए।

    पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला भी वडाली स्थित प्यारेलाल के आवास पर पहुंचीं। उन्होंने कमरे में बैठे पूरण चंद वडाली से शोक व्यक्त किया और कहा कि ईश्वर आपके भाई को अपने चरणों में स्थान देंगे। वो सूफी गायकी के स्तंभ थे। इस दौरान पूरण चंद वडाली की जुबां पर प्यारे के साथ बिताई बचपन की स्मृतियां आ गईं। पुरानी यादों को ताजा करते हुए उनके नेत्र सजल होते रहे।

    दिवंगत प्यारे लाल वडाली की फाइल फोटो।

    दुनियाभर में चाहते वाले

    पूरण चंद वडाली ने कहा कि प्यारेलाल की आवाज में वो जादू था, जिसकी पूरी दुनिया कायल थी। यही वजह है कि भारत सहित अमेरिका, कनाडा से लोगों ने फोन कर गहरा शोक व्यक्त किया है। पाकिस्तान में भी प्यारे को प्यार करने वाले हैं। ये लोग भी अपनी शोक संवेदनाएं भेज रहे हैं।

    पूरण चंद वडाली ने कहा, सरकार ने मेरा नाम पद्मश्री के लिए प्रेषित किया था। मैं चाहता था कि प्यारे को भी यह अवॉर्ड मिले। मैंने पद्मश्री लेने से इन्कार कर दिया, लेकिन बाद में प्यारे और परिवार के सदस्यों के कहने पर मैंने अवॉर्ड लिया था।

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