'हम लुट गए, बोरियों में भरकर...', बाढ़ पीड़ितों का राशन लूटा; अमृतसर के इस गांव में कौन बना लुटेरा?
पंजाब में बाढ़ पीड़ितों के लिए पड़ोसी राज्यों से आ रही राहत सामग्री को कुछ लोग लूट रहे हैं। ये लोग बाढ़ प्रभावित न होने के बावजूद पीड़ितों के लिए आए राशन को बोरियों में भरकर ले जा रहे हैं। कस्बा रमदास के ग्रामीणों ने इस लूट का पर्दाफाश किया है जिससे जरूरतमंदों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है।

सरबजीत सिंह, अमृतसर। "‘हमारा कुछ नहीं रहा, हम लुट गए, सब कुछ बर्बाद हो गया, हमारी मदद दो...’ मोटर साइकिलों पर सवार लोग उन ट्रैक्टर-ट्रालियों के पीछे चलते हुए यह गुहार लगा रहे हैं जो पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए राहत सामग्री लेकर पड़ोसी राज्यों हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश से आ रही हैं।
इन लोगों ने इन ट्रैक्टर-ट्रालियों वालों से भारी मात्रा में राशन लेकर बोरियों में जमा कर लिया है। इसी तरह अन्य ट्रैक्टर-ट्रालियों से भी ये लोग राशन लेकर बोरियों में भरकर ले जा रहे हैं। इस कहानी का सच यह है कि इन लोगों की गुहार बिल्कुल झूठी है क्योंकि इनके गांव में बाढ़ का कोई नामो-निशान नहीं है। वे केवल मौके का फायदा उठाकर असली बाढ़ पीड़ितों के लिए लाए जा रही राशन सामग्री लूट रहे हैं।"
यह बात उस समय सामने आई जब कस्बा रमदास के गांव पशियां के बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों ने उन लोगों को राशन से बोरियां भरते देखा जिनके गांव में कोई बाढ़ नहीं आई है। उन्होंने आसपास गांवों के इन लोगों को घेरकर पूछताछ भी की।
गांव पशियां निवासी सुखविंदर सिंह, बलजिंदर सिंह व तेजपाल सिंह ने बताया कि रावी दरिया ऊफान पर आने से 27 अगस्त को कस्बा रमदास के कई गांवों में बाढ़ आ गई। स्थानीय लोग फंसे हुए थे। ट्रैक्टर-ट्रालियों में राहत सामग्री रखकर बड़ी संख्या में लोग रमदास व उसके निकटवर्ती बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुंचना शुरू हो गए हैं।
बाढ़ पीड़ितों से कौन कर रहा लूट?
- स्थानीय लोगों को राहत मिली और उनके साथ उनके पालतू मवेशियों के खानपान का प्रबंध होने लगा है। उन्होंने बताया कि रमदास से दूरदराज जिन गांवों में बाढ़ नहीं आई है, वहां के लोगों ने भी बाढ़ पीड़ितों के लिए पहुंचने वाली मदद में हिस्सा मांगना शुरू कर दिया है। इस लूट से दो प्रकार से नुकसान हो रहा है।
- एक तो उन लोगों को मदद नहीं मिल पा रही है जो बाढ़ से वास्तव में प्रभावित हैं। जिन लोगों के घर टूट चुके हैं, फसल बर्बाद हो चुकी हैं, समाजसेवी संस्थाओं द्वारा लाई गई राहत सामग्री से ही मौजूदा समय में उनका गुजारा संभव है लेकिन बाढ़ प्रभावितों को मिलने से पहले ही सड़कों पर खड़े ये लोग माल समेट लेते हैं।
- ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि इंटरनेट मीडिया पर वीडियो व खबरें वायरल हो रही हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग राहत सामग्री लूट रहे हैं।
- यह सरासर गलत है। राशन लूटने वाले बटाला सहित दूरदराज गांव से आते हैं और अपना काम करके लौट जाते हैं। इससे उनके क्षेत्र की बदनामी हो रही है। इस पर लगाम लगाने के लिए स्थानीय लोग बाहर के लोगों की पहचान करने के बाद उन्हें सड़कों से भगा रहे हैं।
नशे के जुगाड़ में नशेड़ी भी जुटे
पशु फीड व चारा लेकर सस्ते में बेच रहे स्थानीय निवासी रमिंदर सिंह व राजदीप सिंह ने बताया कि कई नशेड़ी संस्थाओं से राशन सामग्री व अन्य सामान लेकर बेच रहे हैं। इससे अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए पैसे का जुगाड़ कर रहे हैं।
कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके घरों में कोई भी मवेशी नहीं है लेकिन वह भी पशुओं की फीड और चारा लेकर उसे सस्ते दाम में बेच रहे हैं। चारे की 10 ट्रालियां देखकर बोले-यह सामग्री हम आगे पहुंचा देंगे।
फाजिल्का में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए संगरूर जिले के गांव लहरागागा से आए कुलदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने 4 व 20 किलो की पैकिंग में पशुओं के लिए चारे की 10 ट्रालियां राहत सामग्री लेकर फाजिल्का पहुंचाई लेकिन रास्ते में जहां बाढ़ नहीं थी, वहां के ग्रामीणों ने उन्हें रोक लिया और कहा कि आगे सामग्री वे खुद पहुंचा देंगे। मना करने के बावजूद लोग ट्रालियों से सामान उतारने लगे।
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वह बड़ी मुश्किल से आगे निकले और स्थानीय पंचायत के सहयोग से सही जगह पहुंचे। गुरदासपुर व कपूरथला में कलेक्शन सेंटर बनाए, मोबाइल नंबर जारी गुरदासपुर जिला प्रशासन ने स्थानीय पंचायत भवन में बाढ़ प्रभावितों की सहायता के लिए कलेक्शन सेंटर बनाया है जहां सामान इकट्ठा कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जा रहा है।
इसकी इंचार्ज जिला ट्रांसपोर्ट अधिकारी नवजोत शर्मा का मोबाइल नंबर 96469-62024 भी जारी किया गया है। जिला कपूरथला के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय सुल्तानपुर लोधी में क्लेक्शन प्वाइंट स्थापित किया गया है। इसके कोआर्डिनेटर जिला प्रोग्राम अधिकारी राजीव ढांडा का संपर्क नंबर 98142-39154 है।
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