अमृतसर में नर्सों का धरना जारी, पांच साल पुरानी मांगों पर एक्शन की गुहार, सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं शुरू
अमृतसर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन और जीएमसीएच नर्सिंग एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। मरीजों को भारी परेशानी हुई क्योंकि ओपीडी सेवाएं बाधित रहीं। नर्सिंग संगठनों का आरोप है कि सरकार पिछले पांच सालों से उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आंदोलन जारी रखेंगे।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर में यूनाइटेड नर्सेज एसोसिएशन पंजाब और जीएमसीएच नर्सिंग एसोसिएशन ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन धरना और हड़ताल शुरू कर दी।
धरने की वजह से अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों को काफी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा। कई ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहीं और केवल आपातकालीन सेवाएं ही जारी रखी गईं।
नर्सिंग संगठनों का कहना है कि वे पिछले पांच सालों से अपनी मांगों को लेकर सरकार से लगातार निवेदन कर रहे हैं। लेकिन अब तक उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला है। मौजूदा सरकार पर आरोप लगाया गया कि वायदे से कम वेतन दिया जा रहा है।
धरने के दौरान नेताओं ने बताया कि पटियाला के राजिंद्रा मेडिकल कॉलेज के नर्स अंकुर सरकार के रवैये से आहत होकर अस्पताल की छत पर चढ़ गए और आत्महत्या की धमकी दी।
नर्सिंग संघों ने चेतावनी दी कि अगर किसी भी साथी के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी पंजाब सरकार और डीआरएमई विभाग की होगी।
यह धरना 30 सितंबर तक केवल आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर बाकी विभागों में कामकाज बंद करने के ऐलान के साथ शुरू किया गया है। अगर तब तक मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी।
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में नर्सें मौजूद रहीं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इधर, अस्पताल पहुंचे मरीजों और उनके परिजन इलाज में देरी और अव्यवस्था से परेशान दिखे। कई लोगों ने मजबूरी में निजी अस्पतालों का रुख किया।
नर्सिंग ने साफ किया कि वे अपने साथी की भावनाओं के साथ खड़े हैं और जब तक सरकार मांगें पूरी नहीं करती, आंदोलन जारी रहेगा।
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