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    'क्या मैं मोस्ट वांटेड हूं...' मोहल्ला क्लीनिक में नो एंट्री का पोस्टर लगने पर AAP वालंटियर ने सीएम से किया सवाल

    By Jagran News Edited By: Jagran News Network
    Updated: Sun, 21 Jul 2024 11:19 AM (IST)

    पंजाब (Punjab News) के अमृतसर के तहसीलपुरा स्थित आम आदमी क्लीनिक में एक मरीज को डॉक्टरों ने दवा देने से साफ मना कर दिया। यहां तक कि क्लीनिक में डॉक्टरों ने आप वालंटियर की नो एंट्री का एक पोस्टर तक लगा दिया। जिसके बाद से पीड़ित ने सीएम से शिकायत इंसाफ की गुहार लगाई है। वहीं सिविल सर्जन ने इस मामले में आरोपितों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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    AAP वालंटियर का मोहल्ला क्लीनिक में लगा नो एंट्री का पोस्टर (जागरण फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता,अमृतसर। अमृतसर तहसीलपुरा स्थित आम आदमी क्लीनिक में डॉक्टरों ने एक मरीज को दवा देने से ही साफ इंकार कर दिया। हद तो तब हो गई, जब क्लीनिक के डॉक्टरों की तरफ से आप वालंटियर की नो एंट्री का एक पोस्टर भी क्लीनिक में चस्पा दिया गया। पोस्टर में साफ लिखा गया है कि इस मरीज को दवा नहीं दी जाएगी और ना ही अंदर आने दिया जाएगा।

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    आम आदमी पार्टी के वालंटियर जसपाल सिंह ने इसकी शिकायत तो पहले स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को की, वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अब उन्होंने मुख्यमंत्री को शिकायत करते हुए लिखा कि क्या वह मोस्ट वांटेड है, जो आम आदमी क्लीनिक में उनकी नो एंट्री का पोस्टर लगा दिया गया है।

    आप वालंटियर अब इंसाफ मांग रहा है कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिन लोगों ने यह सब किया है। उन्होंने कहा कि वह क्लीनिक के डॉक्टरों के खिलाफ मानहानि का केस भी दायर करेंगे। फिलहाल अब इस मामले की जांच सिविल सर्जन के पास पहुंची है।

    पर्ची पर बाहर की दवा लिख रहें हैं डॉक्टर

    आप के वालंटियर जसपाल सिंह का कहना है कि उक्त क्लीनिक में अप्वाइंटमेंट सिस्टम चलता है, जबकि किसी अन्य आम क्लीनिक पर ऐसा नहीं होता। यहां डॉक्टर अपनी मनमर्जियां कर रहे है। उन्होंने बताया कि यहां पर ब्लड टेस्ट करवाने के लिए डॉक्टरों से अप्वाइंटमेंट लेनी पड़ती है। उसके बिना टेस्टिंग नहीं होती। जब उन्होंने डॉक्टर से इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक दो तरह के है।

    वह इस संबंध में सिविल सर्जन से बात कर सकते है। उन्हें खुद पता चल जाएगा कि लोगों को क्यों अप्वाइंटमेंट लेनी पड़ती है। इसके पश्चात उन्होंने डॉक्टर को अपना चेकअप करवाया तो उन्होंने पर्ची पर बाहर की दवाई लिख दी। उन्होंने उस बारे भी पूछा कि दवाई बाहर से क्यों लिखी जा रही है। डॉक्टर ने कहा कि अंदर स्टॉक खत्म हो चुका है। इस सारे घटनाक्रम की उन्होंने विभाग के उच्चाधिकारियों को शिकायत कर दी।

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    शिकायत करने पर लगा नो एंट्री का पोस्टर

    इसके पश्चात 12 जुलाई 2024 को साढ़े दस बजे के करीब वह तहसीलपुरा क्लीनिक पर अपनी पत्नी के साथ गए। वह अपनी पत्नी की ब्लड टेस्ट की अप्वाइंटमेंट और अपनी ओपीडी के लिए गए थे। डाक्टरों ने उनसे कहा कि मोहल्ला क्लीनिक से उन्हें ओपीडी नहीं मिल सकती। ओपीडी के लिए किसी अन्य मोहल्ला क्लीनिक में जा सकते है। इस संबंधी जब डॉक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि इसके लिए वह सिविल सर्जन और विधायक से बात करें।

    इसके पश्चात मोहल्ला क्लीनिक की कर्मचारी गुरजीत कौर ने बताया कि उनका नोटिस क्लीनिक में लगा हुआ है। पीड़ित ने कहा कि वह बताए कि क्या वह मोस्ट वांटेड है, जो उनकी नो एंट्री का पोस्टर क्लीनिक पर लगा दिया गया। उन्हें बताया गया कि उनके द्वारा मिस बिहेव करने के कारण पोस्टर लगाया गया है। पीड़ित ने कहा कि अगर उन्होंने मिस बिहेव किया है तो वह पुलिस को शिकायत करती और अपने उच्चाधिकारियों को अवगत करवाती।

    क्लीनिक की अधिकारी की तरफ से उनका पोस्टर लगवा दिया गया। उन्होंने कहा कि यह क्लीनिक लोगों के लिए है या किसी का पर्सनल क्लीनिक है, जहां शिकायत करने वाले की नो एंट्री कर दी जाती है। पीड़ित ने कहा कि वह क्लीनिक के अधिकारियों के खिलाफ अदालत में मानहानि का केस दायर करेंगे।

    जांच की जा रही है, कार्रवाई होगी- सिविल सर्जन

    सिविल सर्जन डा. सुमीतपाल सिंह का कहना है कि उनके ध्यान में यह मामला जैसे ही आया, उन्होंने तहसीलपुरा क्लीनिक से उस पोस्टर को हटवा दिया। किसी के खिलाफ दफ्तर में पोस्टर लगवाना गलत है। इस मामले की शिकायत उनके पास पहुंची है और जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाया गया, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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