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    अमृतसर हादसा: अायोजन समि‍ति के दावे से कार्यक्रम को अनुमति पर सस्‍पेंस पैदा

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 20 Oct 2018 03:58 PM (IST)

    अमृतसर में जिस दशहरा कार्यक्रम के दौरान हादसा हुआ उसके लिए प्रशासन व पुलिस से अनुमति को लेकर सस्‍पेंस पैदा हो गया है। आयोजन समिति ने पत्र जारी कर अनुम‍ति लिए जाने का दावा किया है।

    अमृतसर हादसा: अायोजन समि‍ति के दावे से कार्यक्रम को अनुमति पर सस्‍पेंस पैदा

    जेएनएन, अमृतसर। जोड़ फाटक के पास हुए हादसे को लेकर बड़ी बात सामने आई है। यहां आयोजित दशहरा कार्यक्रम के लिए प्रशासन की अनुमति नहीं लेने की बात की जा रही है। लेकिन, दशहरा कार्यक्रम का अायोजन करने वाली कमेटी का कहना है कि इसके लिए अनुमति लेने साथ-साथ पुलिस से सुरक्षा प्रबंध करने का अनुरोध किया गया था। दशहरा कमेटी का दावा है कि पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजन पर 'नो आब्‍जेक्‍शन' भी दिया था। दूसरी ओर रेल राज्‍यमंत्री मनोज सिन्‍हा ने कहा कि लोग ट्रेन की आवाज नहीं सुन सके। ट्रेन की अधिक गति अधिक होने के बारे में जांच कराई जाएगी।

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    अब तक अनु‍मति न लिए जाने की हो रही थी बात, दशहरा कमेटी ने जारी किए पुलिस अनुमति के पत्र

    दूसरी ओर, लाेगों का कहना है कि हादसे का सबसे बड़ा कारण प्रशासनिक लापरवाही और राजनीतिक दखलंदाजी रही। जोड़ा फाटक में पुतलों के दहन के दौरान न तो पर्याप्‍त सुरक्षा व्‍यवस्‍था थी और न ही किसी हादसा की स्थिति में बचाव के उपाय‍ किए गए थे। इसका बाद भी आयोजन होने दिया गया। 

    मनोज सिन्‍हा बोले- लोग ट्रेन की अावाज नहीं सुन सके

    बताया जा रहा है कि दशहरा कार्यक्रम में पुतला दहन की अनुमति नहीं ली गई थी। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू इस कार्यक्रम की मुख्‍य अतिथि थीं, इस कारण प्रशासन ने बिना प्रर्याप्‍त सुरक्षा प्रबंध के भी इस कार्यक्रम को होने दिया। लाेगों का कहना है कि आयोजन स्थल पर पुलिस सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं था। डॉ. सिद्धू के साथ कुछ सुरक्षा कर्मचारी जरूर आए थे।

    दशहरा कमेटी द्वारा जारी किया गया पत्र।

    दूसरी अोर, दशहरा कार्यक्रम का आयोजन करने वालों ने कहा है कि इसके लिए प्रशासन और पुलिस से अनुमति ली गई थी। इस संबंध में दशहरा कमेटी ने इस संबंध में दो पत्र जारी कर कहा है कि इस कार्यक्रम के लिए अनुमति लेने के साथ-साथ पुलिस से सुरक्षा प्रबंध की मांग भी की गई थी। कमेटी की ओर से कहा है कि अमृतसर के गोल्‍डेन एवेन्‍यू के धोबीघाट में दशहरा कार्यक्रम के बारे में पुलिस को सूचित किया गया था और सुरक्षा प्रबंधों की मांग करते हुए इसके लिए अनुमति मांगी गई थी। दशहरा कमेटी के पदा‍धिकारियों का कहना है कि एक सब इंस्‍पेक्‍टर ने इस संबंध में दिए गए पत्र पर 'नो ओब्‍जेक्‍शन' की टिप्‍पणी भी लिखी थी।

    दशहरा कमेटी द्वारा जारी किया गया पत्र।

    इसके साथ ही डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने कहा है कि कार्यक्रम के दौरान धोबीघाट मैदान में काफी खाली जगह थी। रावण का पुतला ठीक से बांधा गया था और उसके जलाए जाने के बाद गिरने की कोई संभावना नहीं थी। इस कारण वहां अफरातफरी या भगदड़ जैसी कोई स्थिति नहीं थी। कार्यक्रम के दौरान चार-पांच बार बार लोगों को रेलवे ट्रैक से हटकर धोबीघाट मैदान के अंदर आने की उद्घोषणाएं की गईं।

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    There were vacant seats at Dhobi Ghat ground. Ravan was tied securely & there were no chances of it falling down & creating chaos. There was no stampede. Announcements were made 4-5 times asking people to come inside Dhobi Ghat ground: Navjot Kaur Sidhu on

    देर रात तक प्रभावित रहा ट्रेनों का आवागमन

    जोड़ा फाटक पर हादसे के बाद देर रात तक ट्रेनों का आवागमन प्रभावित रहा। लोग ट्रैक पर विरोध जताते रहे। इसके चलते अमृतसर दिल्ली ट्रैक और अमृतसर पठानकोट ट्रैक पूरी तरह से बंद रहा। अमृतसर से जाने वाली फ्रंटियर, अमृतसर देहरादून एक्सप्रेस देर रात तक प्लेटफॉर्म तक खड़ी रही। वहीं दूसरी तरफ अमृतसर आने वाली दादर, डीलक्स, सचखंड, शताब्दी, जन शताब्दी, फ्लाइंग मेल, चंडीगढ़ आदि गाडिय़ों भी देर रात तक नहीं पहुंची। इसके चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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    पार्षद मदान के बेटे ने कहा, हमने ली थी अनुमति

    निगम कमिश्नर सोनाली गिरी ने कहा कि आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। वहीं, आयोजनकर्ता पार्षद विजय मदान के बेटे व कांग्रेसी नेता सौरभ मिट्ठू मदान ने कहा कि उन्होंने समारोह की जानकारी डीसीपी और संबंधित थाने में दी थी। चेकिंग के लिए पुलिस फोर्स आई थी और समारोह के वक्त एडीसीपी स्तर के अधिकारी हाजिर थे। कार्यक्रम धोबीघाट की चारदीवारी में बने हुए मैदान में ही चल रहा था, पर लोग रेलवे लाइन वाली साइड पर भी खड़े होकर देखने लगे। घटना दुखद है। मेरे कजन मामा के बेटे बिल्ला के अलावा मेरे सात करीबियों की भी इसमें मौत हुई है।

    मदान के घर के बाहर कड़ी सुरक्षा

    दशहरा पर्व के आयोजक सौरभ मदान मिट्ठू पर लोगों ने बिना आज्ञा के पर्व का आयोजन करन के आरोप लगाए। इसके चलते मदान के घर के बाहर देर रात तक भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही, ताकि किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न हो।

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    ट्रेन की स्‍पीड अधिक होने की कराएंगे जांच : मनोज सिन्‍हा

     हादसे के बाद रात 12 बजकर 40 मिनट पर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा जोड़ा फाटक रेल ट्रैक घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक के पास हुए दशहरा आयोजन की अनुमति नहीं ली गई थी। पर्व में भीड़ उमड़ने की वजह से यह हादसा हुआ। ट्रेन की स्पीड ज्यादा होने के विषय पर उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उस मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

    नॉर्दर्न रेलवे के जीएम विशेषवर चौबे, चेयरमैन अश्वनी लोहानी व भाजपा नेताओं के साथ सिन्हा मुआयना करते हुए कहा कि दुर्घटना बहुत ही दुखद है। मृतकों को उचित मुआवजा दिया जाएगा और घायलों के इलाज में रेलवे हर संभव मदद करेगा। उनके साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक, राजिंदर मोहन सिंह छीना, तरुण चुग, गुरप्रताप टिक्का, अनुज सिक्का, राजेश हनी आदि नेता भी थे।

    सिन्‍हा व अन्‍य नेता वहां से वह गुरुनानक देव अस्पताल गए, जहां उन्होंने घायलों का हालचाल जाना। मौके पर मौजूद लोगों ने रेल प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। जीएम चौबे ने कहा कि दशहरा पर्व पर इस आयोजन की कोई जानकारी रेलवे के पास नहीं थी। इसकी जांच की जाएगी। रेल राज्‍य मंत्री सिविल अस्पताल भी पहुंचे और मरीजों का हाल जाना।