Punjab News: इस खतरनाक बीमारी से पीड़ित हैं अमृतसर के इशमीत, 27 करोड़ के इंजेक्शन से बचेगी जान
पंजाब (Punjab News) के अमृतसर (Amritsar News) जिले के 9 वर्षीय इशमीत को ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्राफी (डीएमडी) नामक दुर्लभ बीमारी है। इसके इलाज के लिए 27 करोड़ रुपये की जरूरत है। इशमीत के माता-पिता क्राउड फंडिंग के जरिए पैसे जुटा रहे हैं। अब तक डेढ़ करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं लेकिन अभी भी साढ़े पच्चीस करोड़ रुपये की जरूरत है।

नितिन धीमान, अमृतसर। पंजाब (Punjab News) के अमृतसर में नौ वर्षीय इशमीत उस रोग से ग्रस्त है, जिसका उपचार 27 करोड़ रुपये में होगा। इतनी बड़ी धनराशि जुटाना सैनिक पिता के लिए संभव नहीं है।
अमृतसर के जंडियाला गुरु निवासी भारतीय सेना में सैनिक हरप्रीत सिंह और उनकी पत्नी अपने बेटे के जीवनरक्षण के लिए क्राउड फंडिंग अर्थात जनसहयोग के माध्यम से धनराशि जुटाने में लगे हैं।
अब तक डेढ़ करोड़ हो चुके हैं जमा
लोगों के सहयोग से अब तक डेढ़ करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं, लेकिन अब भी साढ़े पच्चीस करोड़ रुपये की आवश्यकता है। दरअसल, इशमीत ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्राफी (डीएमडी) रोग से पीड़ित है। इशमीत जब चार वर्ष का था, तब स्वजनों को उसके इस रोग से पीड़ित होने की जानकारी मिली।
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इशमीत की सभी मांसपेशियां हो रही है कमजोर
इशमीत का कई अस्पतालों से उपचार करवाया गया, पर रोग मुक्त नहीं हुआ। इसके बाद एम्स के डॉक्टरों ने इशमीत की जांच में पाया कि वह डीएमडी से पीड़ित है। इस रोग से ग्रस्त रोगी की आयु 11 से 21 वर्ष के मध्य रह जाती है।
इशमीत के शरीर की सभी मांसपेशियां कमजोर होती जा रही हैं। हड्डियां खुद टूटने लगती हैं। यह रोग दस लाख में से किसी एक को हो सकता है। वास्तव में यह रोग आनुवांशिक है। एक समय ऐसा भी आता है जब मांसपेशियां पूर्णत: निष्क्रिय हो जाती हैं।
27 करोड़ के इंजेक्शन से उपचार संभव
डॉक्टरों ने बताया कि अमेरिका में उपचार संभव है, लेकिन वहां 27 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगाया जाएगा। यह सुनकर परिवार सन्न रह गया। देश में इस रोग का उपचार नहीं। श्री हरिमंदिर साहिब में इशमीत को लेकर पहुंचे हरप्रीत ने बताया कि एम्स के डॉक्टरों ने आश्वस्त किया है कि इंजेक्शन लगने के बाद इशमीत 100 प्रतिशत स्वस्थ हो जाएगा।
2016 में बठिंडा के दो बालक भी इस रोग से ग्रस्त मिले थे
बता दें कि 2016 में बठिंडा के दाना मंडी के नजदीक रहने वाले सिद्दीक खान के दो बेटे शाहिद खान (9 ) और शहजाद खान (13) मस्कुलर डिस्ट्राफी रोग से ग्रस्त पाए गए थे। उनकी कमर व पैर पूरी तरह से निष्क्रिय हो गए। ये बच्चे खुद से न बैठ सकते हैं और न चल सकते हैं।

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