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    Golden Temple: श्री हरिमंदिर साहिब को फिर मिली बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस की जांच पर उठ रहे सवाल

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 08:11 PM (IST)

    Golden Temple Bomb Threat श्री हरिमंदिर साहिब को आरडीएक्स से उड़ाने की धमकी भरा ई-मेल फिर एसजीपीसी को मिला। पुलिस आरोपी की पहचान करने में जुटी है लेकिन लोकेशन बदलने से परेशानी हो रही है। साइबर सेल की मदद ली जा रही है। सीएम मान पहले ही सुरक्षा का जायजा ले चुके हैं।

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    श्री हरिमंदिर साहिब को आरडीएक्स से उड़ाने की फिर मिली धमकी (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्री हरिमंदिर साहिब को आरडीएक्स से उड़ाने की धमकी एक बार फिर सोमवार को एसजीपीसी की ई-मेल पर भेजी गई है। ई-मेल में लिखे संदेश की शैली वही है, जो इससे पहले दी गई तेरह धमकियों में लिखी गई है। लेकिन हैरानी की बात तो यह कि अभी तक पुलिस ई-मेल भेजने वाली आरोपित का पता नहीं लगा सकी है।

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    एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ई-मेल भेजने वाले की लोकेशंस बार बार बदली जा रही हैं। उसका आइपी एड्रेस कभी भारत के राज्यों में तो कभी विदेश में पता चल रहा है। इन हालात में आरोपित तक पहुंचना पुलिस के लिए काफी मुश्किल हो रहा है।

    इसे लेकर पंजाब पुलिस का स्टेट साइबर सेल डाटा मुहैया करवाने वाली कंपनी के संपर्क में है। लेकिन ई-मेल से संबंधित डाटा पुलिस के पास पहुंचने में एक से डेढ़ महीने तक का समय लग सकता है।

    CM मान ले चुके हैं सुरक्षा का जायजा

    शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को बताया था कि अब तक श्री हरि मंदिर साहिब को चौदह धमकियां मिल चुकी हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है। अब तक पुलिस अधिकारियों द्वारा उन्हें आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर कुछ नहीं बताया जा रहा।

    बता दें पंजाब के सीएम भगवंत मान स्वयं 22 जुलाई को पुलिस अधिकारियों के साथ श्री हरि मंदिर साहिब की सुरक्षा का जायजा ले चुके हैं। इसके बाद आरोपितों ने ईमेल के मार्फत श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को भी आरडीएक्स लगाकर उड़ाने की धमकी दी थी।

    डार्क वेब का इस्तेमाल कर रहा आरोपित

    इंटरनेट एक्सपर्ट का कहना है कि इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देने वाले अपराधी डार्क वेब का इस्तेमाल करते हैं। इसे डार्क नेट भी कहा जाता है और यह इंटरनेट का एक छिपा हुआ हिस्सा होता है।

    डार्क वेब का इस्तेमाल अकसर गैर कानूनी गतिविधियों जैसे कि चोरी किए गए डेटा की बिक्री, साइबर हमले, गुमनाम धमकी भरा संदेश देने इत्यादि के लिए किया जाता है।

    साइबर अपराधियों के लिए यह उन्हें एक सुरक्षित स्थान भी मुहैया करवाता है। वह आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं और कानून से भी बचे रहते हैं।

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