जीएनडीयू के वीसी का बेटा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार, जेल भेजा
बिहार कर्मचारी चयन आयोग क्लर्क भर्ती के पेपर लीक के मामले में पुलिस ने जीएनडीयू वीसी के बेटे को गिरफ्तार किया है। बिहार पुलिस ने उसे गुड़गांव स्थित फार्म से किया गया।
अमृतसर [पंकज शर्मा]। अमृतसर स्थित गुरुनानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू) के वीसी डॉ. एएस बराड़ के बेटे आनंतप्रीत बराड़ को बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की जनवरी में हुई क्लर्क भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करने के मामले में गिरफ्तार कर शनिवार को जेल भेज दिया गया। आनंतप्रीत की गिरफ्तारी वीरवार को गुडग़ांव स्थित उनके फार्म हाउस से पटना के एसएसपी मनु महाराज ने की।
जनवरी 2017 में बिहार में बीएसएससी की ओर से क्लर्क पदों के लिए भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके प्रश्न पत्रों के लीक होने का मामला प्रकाश में आने के बाद बिहार सरकार ने जांच के लिए एसआइटी गठित की थी। एसआइटी ने दो आइएएस व कुछ अन्य अफसरों को गिरफ्तार किया था। इन्होंने पूछताछ में आनंतप्रीत का नाम लिया था। शनिवार को उसे बिहार हाईकोर्ट में पेश किया, जहां से अदालत ने आरोपी को जेल भेज दिया।
इससे पहले आनंतप्रीत के परिजनों ने पटना अदालत में आनंतप्रीत के खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए गिरफ्तारी न करने के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया था, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। एसआइटी ने जब गुडग़ांव के फार्म हाउस में छापा मारा तो आनंतप्रीत वहां नहीं था। वीसी डॉ. एएस बराड़ व उनकी पत्नी वहां मौजूद थे। जब एसआइटी ने डॉ. बराड़ व उनकी पत्नी को साथ चलने का दबाव बनाया तो डॉ. बराड़ ने अगले ही दिन आनंतप्रीत बराड़ को एसआइटी के हवाले कर दिया।
प्रतियोगी परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएंसप्लाई करता था
बिहार में बीएसएससी की ओर से आयोजित की जाने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र व उत्तर पुस्तिकाओं की प्रिंटिंग व सप्लाई आनंतप्रीत ही करता था। एसआइटी के अनुसार आनंतप्रीत का नेटवर्क बिहार, यूपी और दिल्ली में फैला हुआ है। उसके इस गोरखधंधे में दर्जनों कोचिंग सेंटर, यूपी व बिहार के आइएएस व अन्य बड़े अधिकारी, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रोफेसर व विशेषज्ञ भी शामिल हैं। आरोपी ने सारा नेटवर्क अपने पिता की पहचान के आधार पर ही खड़ा किया था।
उसके पिता डॉ. एएस बराड़ आइआइटी नई दिल्ली में सीनियर प्रोफेसर, लखनऊ विश्वविद्यालय के वीसी रह चुके हैं। मौजूदा समय में जीएनडीयू के वीसी हैं। वे वर्ष 2009 में जीएनडीयू के वीसी बने, तो उन्होंने अपने बेटे की ही कपंनी के प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट की सप्लाई जीएनडीयू में शुरू करवा दी थी। इसका बजट प्रति वर्ष दो करोड़ रुपये के करीब बनता था। इतना ही नहीं आनंतप्रीत बराड़ ने अपने पिता के वीसी पद के प्रभाव के चलते पंजाब में भी मेरिटोरियस स्कूलों में अध्यापकों की भर्ती और राज्य में पटवारियों की भर्ती की प्रक्रिया का ठेका भी हासिल किया था। इन भर्तियों में भी घपला होने की चर्चा है।
टीचिंग एसोसिएशन ने कहा-जांच हो
जीएनडीयू के टीचिंग एसोसिएशन के सचिव डॉ. एनपीएस सैनी का कहना है कि इस मामले के अलावा एसोसिएशन की ओर से पिछले 7 वर्षों में उठाए गए मामलों की भी जांच होनी चाहिए।
इवैल्यूवेटर के रूप में करता था काम
आनंतप्रीत बीएसएससी के इवैल्यूवेटर के रूप में काम करता था। यहां उसने ओएमआर शीट्स की प्रिंटिंग, चेकिंग व इवैल्यूएशन का काम लिया। इसमें उसने दिल्ली आइआइटी के प्रो. देवव्रत दास की मदद की। एसअसाइटी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा बीएसएससी के पूर्व अध्यक्ष सुधीर कुमार, पूर्व सचिव परमेश्वर राम, आइटी मैनेजर नीति प्रताप के साथ भी गठजोड़ किया था। अब तक इस मामले में 60 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
अमेरिका भागने की फिराक में था
एसआइटी के अनुसार आनंतप्रीत अमेरिका भागने की फिराक में था उसने गुरदासपुर जिले के बटाला के एक एड्रेस से वीजा के लिए अप्लाई किया था, लेकिन इससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने पंजाब, दिल्ली, यूपी व बिहार में काफी प्रॉपर्टी बनाई है। इसकी भी जांच चल रही है।
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