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    'खूनी' डीएमयू के ड्राइवर का बड़ा बयान, कहा-इस कारण नहीं रोकी ट्रेन, लोगों ने कहा- झूठ बोल रहा

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 22 Oct 2018 07:53 AM (IST)

    अमृतसर में लोगों को कुचलने वाली डीएमयू ट्रेन के ड्राइवर ने बड़ा बयान दिया है। उसने कहा कि लाेगों द्वारा पथराव करने के कारण उसने ट्रेन नहीं राेकी। ट्रेन अब अटारी यार्ड में खड़ी है।

    'खूनी' डीएमयू के ड्राइवर का बड़ा बयान, कहा-इस कारण नहीं रोकी ट्रेन, लोगों ने कहा- झूठ बोल रहा

    जेएनएन, अमृतसर। दशहरा के दिन यहां जोड़ा रेलवे फाटक पर लोगों को राैंदनेवाली डीएमयू ट्रेन को ड्राइवर ने  गंतव्‍य स्‍टेशन पर पहुंचने के बाद अटारी रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ा कर दिया। उसे डर था हादसे से क्रुद्ध जनता ट्रेन को आग न लगा दे। दूसरी ओर, ड्राइवर अरविंद कुमार ने हादसे को लेकर अहम राज खोले हैं। उसने पुलिस काे दिए बयान में हादसे के दौरान ट्रेन को नहीं रोकने का कारण भी बताया है। उसने कहा है कि इमरजेंसी ब्रेक लगाए जाने के कारण ट्रेन रुकने की वाली थी कि लोगों ने उस पर पथराव कर दिया और इस कारण उसने ट्रेन की स्‍पीड तेज कर दी।  दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने ट्रेन चालक के बयान को गलत करार दिया है।

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    अटारी स्टेशन के यार्ड में खड़ी है लोगों को रौंदने वाली ट्रेन

    पुलिस काे दिए उसने कहा कि भीड़ को सामने देख कर उसने लगातार हॉर्न बजाया और इमरजेंसी ब्रेक भी लगाया। इसके बावजूद कई लाेग ट्रेन की चपेट में अा गए। इमरजेंसी ब्रेक लगाने के कारण ट्रेन रुकनेवाली ही थी, कि ट्रैक के किनारे खड़े लाेगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उसने ट्रेन की स्‍पीड तेज कर दी।

    ट्रेन चालक अरविंद कुमार के बयान की प्रति।

    पुलिस ने अरविंद कुमार से पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। उसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया था। अरविंद ने पुलिस को दिए बयान में घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है। उसने बताया है कि उसकी ट्रेन जब जोड़ा रेल फाटक के पास पहुंची तो उसने वहां भीड़ देखी। इसके बाद उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाया और लगातार हॉर्न भी बजाया। इसके बावजूद कई लोग ट्रेन की चपेट में आ गए।

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    ट्रेन चालक अरविंद ने बयान में कहा है कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने के कारण ट्रेन की रफ्तार बेहद धीमी हाे गई थी और वह रुकने वाली ही थी कि इसी बीच वहां मौजूद कुछ लोगों ने ट्रेन पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद रेल यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उसने ट्रेन की रफ्तार तेज कर दी।

    दूसरी ओर, स्थानीय और प्रत्यक्षदर्शियों ने ट्रेन चालक के बयान को पूरी तरह गलत करार दिया है। लोगों का कहना है कि ट्रेन की रफ्तार बहुत तेज थी और यह धीमी नहीं हुई। यह कुछ सेकेंड में ही लोगों को कुचलती हुई निकल गई।

    दूसरी ओर, रेलवे सूत्रों का कहना है कि ट्रेन की रफ्तार करीब 68 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की थी।

    उधर, जोड़ फाटक पर लोगों को कुचलने वाली यह डीएमयू ट्रेन (11091) अटारी रेलवे स्‍टेशन के यार्ड में खड़ी है। इस ट्रेन के चार डिब्बों पर खून के गहरे निशान हैं। ट्रेन को शुक्रवार को हादसे रात ही चालक ने अटारी स्‍टेशन पर यार्ड में खड़ा कर दिया। इस डीएमयू ट्रेन को उन पटरियों पर खड़ा किया गया है, जिन पर कभी भारत विभाजन से पहले ट्रेनें चलती थीं।  इन पटरियों पर समझौता एक्सप्रेस रेलगाड़ी व रेल कारगो का आदान प्रदान होता था। इस लाइन को खस्ता हालत होने के कारण बंद कर दिया गया था।

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    आज फिर से रेलवे के गैंगमैनों की टीमें विशेष तौर पर सफाई करने पहुंची थी। इन लाइनों की इस कारण सफाई की जा रही है ताकि ट्रेन आगे पीछे करते समय पटरियों से नीचे न उतर जाए। एक रेल अधिकारी ने बताया कि इस ट्रेन की रक्षा के लिए रेलवे ने सुरक्षा कर्मी तैनात कर रखे हैं।

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    गुस्साए लोगों ने गेटमैन के केबिन पर किया हमला, तोड़फोड़

    दशहरा पर रावण दहन देखने के दौरान ट्रेन की चपेट में आकर कई लोगों के मरने से क्षेत्रवासी भड़क गए हैैं। शुक्रवार देर रात प्रदर्शनकारियों ने जोड़ा रेल फाटक पर गेटमैन के केबिन पर हमला कर दिया। किसी तरह से गेटमैन ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। वहां से कुछ दूरी पर स्थित शिवाला बाग भाइया रेल फाटक पर बने केबिन को भी शनिवार दोपहर प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। दोनों जगहों पर सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैैं।

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    जोड़ा रेल फाटक पर गेटमैन के कमरे में टूटे हुए शीशे और सामान बिखरा पड़ा है। वहां पर आरपीएफ के जवान भी तैनात कर दिए गए हैं। शनिवार को कोई भी गेटमैन वहां नहीं तैनात था। वहां पर खड़े लोगों का कहना था कि अगर गेटमैन चाहता तो शुक्रवार का हादसा रुक सकता था क्योंकि कुछ ही दूरी पर रेल ट्रैक पर लोग खड़े थे। शनिवार को काफी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर बैठे रहे। कोई भी नेता लोगों की अगुवाई नहीं कर रहा था, फिर भी लोग डटे हुए थे। लोगों का कहना है कि यह हादसा रेलवे विभाग के कर्मचारियों की चूक है। इसके अलावा दशहरा आयोजकों व प्रशासन की भी लापरवाही है। आरपीएफ तथा पंजाब पुलिस के जवान रेलवे ट्रैक के आसपास तैनात हैैं।

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