पंजाब के गुरदासपुर में IED ब्लास्ट से हड़कंप, धमाके में BSF जवान घायल; बॉर्डर पर 500 KM तक बढ़ी चौकसी
पंजाब में भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बुधवार को आईईडी विस्फोट में बीएसएफ का एक जवान बुरा तरह से घायल हो गया। जवान को इतनी गंभीर चोट लगी है और उसका एक पैर का अंगूठा ही उड़ गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब में इस सीमा के 553 किलोमीटर के क्षेत्र में अलर्ट जारी किया है और विस्फोट वाले क्षेत्र के आसपास खेती को भी रोक दिया है।

पीटीआई, अमृतसर। पंजाब में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बुधवार को फेंस के आगे हुए एक IED विस्फोट में BSF का एक जवान "गंभीर रूप से" घायल हो गया। इस मोर्चे पर इस तरह के खतरनाक विस्फोटकों और छर्रों के इस्तेमाल का यह पहला मामला है, जिसका इस्तेमाल किसी की हत्या या घायल करने के लिए किया गया है।
आसपास के इलाके में अलर्ट, क्षेत्र के पास खेती पर लगाई गई रोक
यह घटना 8-9 अप्रैल की रात गुरदासपुर जिले के दोरंगला गांव के पास हुई। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पंजाब में इस सीमा के 553 किलोमीटर के क्षेत्र में "अलर्ट" जारी किया है और विस्फोट वाले क्षेत्र के आसपास खेती को रोक दिया है। बल के सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि बीएसएफ इस मामले को उठाएगा और सीमा पार अपने समकक्षों -पाकिस्तान रेंजर्स - को एक "तकनीकी और फोरेंसिक" जांच पूरी होने के बाद एक विरोध पत्र जारी करेगा।
बल ने एक बयान में कहा कि बीएसएफ का एक दल रात में फेंस के आगे गश्त कर रहा था और उसने भारतीय क्षेत्र में काफी अंदर छिपे तारों के साथ कई (प्रारंभिक जानकारी के अनुसार लगभग दो आईईडी) विस्फोटक उपकरण (आईईडी) पाए।
इस गश्ती दल का उद्देश्य क्षेत्र पर नियंत्रण करना और सैनिकों, रक्षा कर्मियों और स्थानीय किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था, जो दिन के समय अक्सर इस मार्ग से गुजरते हैं। बयान में कहा गया है कि क्षेत्र की घेराबंदी और सफाई करते समय, कुछ IED के विस्फोटक उपकरण, जो छुपाए गए थे, गलती से चालू हो गए, जिसके परिणामस्वरूप BSF के एक जवान के पैर में गंभीर चोट लग गई।
जवान को लगी गंभीर चोट, पैर का अंगूठा उड़ा
सूत्रों ने बताया कि कांस्टेबल रैंक के जवान के पैर में चोटें आईं और विस्फोट के कारण उसके एक पैर का अंगूठा उड़ गया। बीएसएफ ने कहा कि कई जोखिमों के बावजूद, सैनिकों ने अपना अभियान जारी रखा, सफलतापूर्वक क्षेत्र को सुरक्षित किया और बल कर्मियों और किसानों के लिए संभावित "बड़े" हादसे को रोका। सुबह होने के बाद शेष IED को निष्क्रिय कर दिया गया।
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