बहने लगी बदलाव की बयार; छूटने लगी लत, तस्करों पर आई शामत
पंजाब में नशे के खिलाफ लोग खड़े हो रहे हैं। यह डर के आगे जीत है कि सोच से पैदा हो रहा है साहस है। लोग नशा तस्करों के बारे में पुलिस को सूचना दे रहे हैं।
जेएनएन, अमृतसर। यह बदलाव की बयार है...। इसमें न केवल नशे की दलदल से बाहर निकलने की छटपटाहट है बल्कि जिन्होंने यह जानलेवा लत लगाई है उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने की तिलमिलाहट भी है। वास्तव में यह डर के आगे जीत है...,और यही सोच लोगों में साहस भर रहा है। फिर नशा बेचने व तस्करी करने वालों की शामत आ गई और लोग इनके नाम उजागर करने लगे हैैं।
सुरक्षा का भरोसा मिला तो 44 तस्करों की सूचना दी, मदद के हाथ बढ़े तो 65 युवा पहुंचे नशे से मुक्ति पाने
यह तभी संभव हो सका है जब नशा करने वालों को कोई मदद का हाथ मिला है और तस्करों का नाम बताने की हिम्मत करने वालों को सुरक्षा का भरोसा मिला। यह भरोसा जिला प्रशासन ने दिया है। प्रशासन के हरकत में आने के बाद पुलिस भी सक्रिय हुई है। नशे की बिक्री का नेक्सस तोड़ने के लिए लोग भी आगे आए हैं। प्रशासन की तेजी का ही नतीजा है कि अब तक जिले में 44 नशा तस्करों के नाम व रिहायश समेत अन्य ब्यौरे की सूची प्रशासन के पास पहुंच चुकी है।
नशे के जाल में फंसे युवा अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
डिप्टी कमिश्नर कमलदीप सिंह संघा की तरफ से जब यह सूची पुलिस को कार्रवाई के लिए भेजी गई तो सामने आया कि वे लोग अंडरग्राउंड हो चुके हैं। संघा की ओर से नशा तस्करों के खिलाफ और नशेडिय़ों को मुख्यधारा में लाने के लिए छेड़े गए अभियान के बाद लोग भी इसका महत्व समझने लगे हैं।
जिला प्रशासन की तरफ से नशे के खात्मे और नशेडिय़ों के पुनर्वास के लिए बैठकें बुला कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों के तहत नशे की गिरफ्त में जकड़े युवकों को भी बुलाया जाता है। पिछले दिनों इस तरह के कार्यक्रम में पहुंचे नशा करने वालों ने बताया कि कुछ लोग उन्हें प्रशासन के पास जाने से रोक रहे हैं। उन्हें कहा जा रहा है कि वे जब डिप्टी कमिश्नर या एसडीएम्ज के पास पहुंचेंगे तो उनके साथ मारपीट की जाएगी।
-------
यह भी पढ़ें: प्यार का सफर बाई रोड, कार से चंडीगढ़ टू लंदन पहुंचा यह खूबसूरत जोड़ा
उपचार फ्री, खाना दे रही एसजीपीसी
उधर, प्रशासन साथ है तो न नशा छोड़ने की इच्छा दब रही है न ही नशा तस्करों को पकड़वाने की। अमृतसर में डिप्टी कमिश्नर कमलदीप सिंह संघा की पहल के बाद नशा करने वाले 65 युवा अपने इलाज को आगे आए हैं। इन्हें उपचार के लिए दाखिल करवाया गया है। सरकारी खर्चे पर इनका इलाज किया जा रहा है और इनके लिए खाना शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से आ रहा है।
नशे में धुत युवा लड़के और लड़कियों की तलाश कर उनको इससे बाहर निकालने की मुहिम चल रही है।
संघा बताते हैैं कि नशेड़ी युवाओं को ट्रेनिंग देकर उनकी योग्यता के मुताबिक रोजगार मुहैया करवाए जाने की भी योजना है। इन युवकों के परिजनों की भी काउंसिलिंग जरूरी है क्योंकि ऐसा न हो कि ये लोग फिर नशे की ओर आकर्षित हों।
-----------
यह भी पढें: जीना इसी का नाम है: आंखों में नहीं नूर तो क्या, हैं कोहिनूर
हेल्पलाइन जल्द शुरू होगी
'' प्रशासन ने नशा तस्करों की सूचना पाने के लिए हेल्पलाइन शुरू करने का फैसला किया है क्योंकि कई लोग पुलिस से डर कर सूचना देने में झिझक महसूस करते हैं। नशे के सौदागरों की सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा और उन लोगों पर कार्रवाई भी निश्चित होगी।
- कमलदीप सिंह संघा, डिप्टी कमिश्नर अमृतसर।
----------
फरीदकोट में 40 युवकों ने छोड़ा चिट्टा, डोप की रिपोर्ट भी निगेटिव
फरीदकोट : शहर के दशमेश नगर के 40 युवाओं ने नशे को मात देकर नई जिंदगी की शुरुआत की है। भरोसे और आत्मविश्वास के बल पर युवा चिट्टे के दलदल से बाहर निकल आए हैं। नशे से तौबा कर चुके ये नौजवान एसएसपी डॉ. नानक सिंह से भी मिले। एसएसपी ने नौजवानों का हौसला बढ़ाया और उन्हें 15 अगस्त को जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित करने की बात कही। इसके साथ ही नशा छोड़ चुके इन युवाओं ने अपने मोहल्ले में नशे के खिलाफ डोर-टू-डोर कैंपेन भी शुरू किया। लोगों के घर जाकर नशे के आदी युवकों की जानकारी जुटा उन्हें बता रहे कि कैसे वे नशे से बाहर निकल सकते हैं।
नशे की चपेट में रह चुके युवक ने इसकी दलदल में फंसे युवाआें को बाहर निकालना का बीड़ा उठाया
एक साल पहले फरीदकोट के नौजवान सुखदीप सिंह ने युवाओं को नशे से बाहर निकालने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने नशा विरोधी कमेटी नाम से एक एनजीओ बनाई और उसकी मदद से युवाओं का नशा छुड़ाने की मुहिम शुरू की। कोटकपूरा के एक नौजवान की नशे की ओवरडोज से मौत के बाद सुखदीप ने सोशल मीडिया पर अपना मोबाइल नंबर देकर चिट्टे से छुटकारा पाने के इच्छुक युवकों से संपर्क करने का आह्वान किया।
यह भी पढ़ें: गांव पर लगे इस कलंक से शर्मिदा हैं लोग, दाग धोने को पहरेदार बने युवा
फरीदकोट के दशमेश नगर से एक युवक ने उनसे संपर्क किया। जब एक युवक का नशा छुड़ाओ केंद्र में इलाज शुरू किया गया तो उसके बाद अकेले दशमेश नगर से ही नशा छोडऩे के लिए 40 युवक उनके संपर्क में आए। जो युवक सबसे पहले उनके पास आए थे उनके डोप टेस्ट की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है।
सुखदीप सिंह बताते हैं कि नशे और नशेड़ी के कारण परिवार को जो दर्द होता है उन्होंने उसे काफी करीब से देखा है। उनके कुछ रिश्तेदार भी नशे के आदी हैं और उनके परिवारों के दर्द ने उन्हें नशे के खिलाफ जंग लगने का फैसला लिया। सभी युवकों का उपचार नि:शुल्क करवा रहे हैं। उनके साथ कुछ मेडिकल स्टोर संचालक भी साथ हैं जो उन्हें दवाइयां दे रहे हैं।
यह भी पढ़ें: पंजाब के इंजीनियर का दावा, इस तकनीक से थाईलैंड की गुफा में फंसे खिलाड़ियों को बचा लूंगा
--------
किसी का तलाक तो किसी का कारोबार हुआ तबाह
नशे का त्याग करने वाले नौजवानों की बड़ी ही दर्द भरी दास्तां है। एक नौजवान की खुशहाल जिंदगी को नशे का ऐसा ग्रहण लगा कि हर रोज होने वाले वाद विवाद की वजह से उसका तलाक हो गया। एक अन्य नौजवान ने बताया कि उसका अच्छा कारोबार चलता था। दुकान पर बतौर ग्राहक आने वाले एक नौजवान के चक्कर में आकर वह भी नशा लेना लगा, जिसके बाद उसकी दुकानदारी से ध्यान हट गया और उसका कारोबार ही तबाह हो गया।