Golden Temple में Reels बनाने वालों पर SGPC का एक्शन, हरमंदिर साहिब में अब से ये नया नियम लागू
अमृतसर स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) में अब वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पर रोक लगा दी गई है। यह फैसला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा लिया गया है। एसजीपीसी सदस्य भगवंत सिंह सियालका ने इस संदर्भ में बताया कि एसजीपीसी ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि पवित्र स्थल को पिकनिक स्पॉट या सेल्फी प्वाइंट के रूप में प्रयोग किया जाने लगा है।

पीटीआई, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के अहाते में वीडियो बनाने या तस्वीर लेने पर रोक लगा दी है। यह रोक आज यानी शुक्रवार से लागू हो गई है।
एसजीपीसी सदस्य भगवंत सिंह सियालका ने बताया कि यह रोक इसलिए लगाई गई क्योंकि इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों द्वारा पवित्र स्थल को पिकनिक स्पॉट या सेल्फी प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कभी-कभार सोशल मीडिया पर ऐसी रील्स देखी जाती हैं जो परवांत नहीं है।
जागरूकता फैलाने के लिए तख्ती का इस्तेमाल
उन्हें मर्यादा का पता नहीं होता। जिसके बाद कार्रवाई करनी पड़ती है। हरमंदिर साहिब के अहाते में रोक को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए तख्ती का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहिब के नाम से भी जाना जाता है। सिख धर्मावलंबियों का सबसे पावन धार्मिक स्थल या सबसे प्रमुख गुरुद्वारा है। रोजाना हजारों की संख्या में देश के अलग-अलग जगहों से पर्यटक हरमंदिर साहिब आते हैं।
1980 के दशक में स्वर्ण मंदिर को पहुंची थी क्षति
1980 के दशक में पंजाब में खालिस्तान समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले का बोलबाला था। सूबे में फैलते अतिवाद और चरमवाद को खत्म करने के लिए तत्कालीन सरकार ने ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। उस दौरान जरनैल सिंह भिंडरावाला हरमंदिर साहिब में ही मौजूद था। इस अभियान में भिंडरावाला मारा गया। लेकिन हरमंदिर साहिब के अकाल तख्त को भारी क्षति पहुंची थी।
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