भारतीयों को लेकर फिर आ रहा अमेरिकी विमान, अमृतसर एयरपोर्ट पर इस दिन होगी लैंडिंग; अबकी बार कितने होंगे यात्री?
अमेरिकी सरकार ने कथित तौर पर 100 और भारतीयों को डिपोर्ट करने का फैसला किया है। ये भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। हालांकि अभी तक किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है लेकिन सूत्रों का कहना है कि इन लोगों को 15 फरवरी को अमेरिका के विशेष विमान से अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। अमेरिकी सरकार ने सौ और भारतीयों को डिपोर्ट करने का फैसला किया है। अभी किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है और जिला प्रशासन ने भी चुप्पी साध रखी है, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि अवैध रूप से गए इन भारतीयों को 15 फरवरी को अमेरिका के विशेष विमान से अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सरकार की ओर से बीते पांच फरवरी को सैन्य विमान में 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया था। इस विमान में गुजरात के 33, हरियाणा के 33, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के तीन, चंडीगढ़ के दो और उत्तर प्रदेश के तीन लोग थे। इनमें तीन महिलाएं व एक बच्चा भी था।
डिपोर्ट किए गए लोगों से बातचीत में पता चला था कि सभी को बेडि़यों में जकड़ कर लाया गया था। हालात यह थे कि यात्रा के दौरान किसी को भी अपनी सीट से उठने तक की आज्ञा नहीं थी। भारतीय को इस तरह से डिपोर्ट करने का देश में कड़ा विरोध हुआ था। यह मामला विपक्षी पार्टियों ने संसद में भी उठाया था।
कांग्रेस ने साधा निशाना
उधर, अमेरिका द्वारा भारतीयों को भेजने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को अमेरिका से कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों के निर्वासन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ 'करीबी संबंध' के पीएम के दावों पर सवाल उठाया।
एएनआई से बात करते हुए, खड़गे ने निर्वासित लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार के बारे में चिंता जताई और जोर देकर कहा कि भारत उन्हें घर वापस लाने के लिए अपनी खुद की फ्लाइट भेज सकता था।
पीएम ट्रंप से बात करें: खरगे
उन्होंने कहा, पीएम मोदी वहां (अमेरिका) गए हैं, वे इस बारे में बात करेंगे। पीएम मोदी कहते रहते हैं कि वे किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं, क्योंकि अमेरिका हमारा मित्र है और समस्या का समाधान हो जाएगा। लोग आते-जाते रहते हैं, लेकिन राष्ट्र स्थायी होता है।
राष्ट्र के हित में सोचने के बजाय पीएम मोदी कहते रहते हैं कि ट्रंप उनके मित्र हैं। अगर ट्रंप वाकई पीएम मोदी की बात सुनते हैं, तो वे हमारे लोगों को क्यों निर्वासित कर रहे हैं? खड़गे ने कहा, "उन्हें नियमित यात्री विमान से भेजने के बजाय, उन्हें मालवाहक विमान से क्यों भेजा गया। इसका मतलब है कि पीएम मोदी के मित्र हमारे लोगों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार कर रहे हैं।
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