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    अमेरिका से डिपोर्ट हुए युवकों के बयान से पुलिस भी हैरान, बोले- हमें किसी ने नहीं भेजा अपने आप गए थे

    अमेरिका से पंजाब डिपोर्ट होकर आए युवकों के बयान से पुलिस भी हैरान हो गई है। इन लोगों का कहना है कि यह लोग अपने लेवल पर दुबई गए थे। वहां से इन्हें अमेरिका जाना था। वहां पर भेजने में किसी एजेंट का कोई हाथ नहीं था। इन लोगों की चुप्पी के पीछे का कारण माना जा रहा है कि एजेंटों ने इन्हें पैसे वापस देने का प्रलोभन दिया है।

    By Jagran News Edited By: Suprabha Saxena Updated: Wed, 12 Feb 2025 02:31 PM (IST)
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    जालंधर पुलिस के साथ बातचीत करते डिपोर्ट होकर लौटे युवक

    सुक्रांत, जालंधर। अमेरिका से पंजाब डिपोर्ट होकर आए युवकों से बातचीत के बाद पुलिस हैरान है। युवकों का कहना है कि वे अपने स्तर पर दुबई गए थे, उन्हें दुबई भेजने में किसी एजेंट का हाथ नहीं था।

    दुबई पहुंचने के बाद उन्होंने आगे मेक्सिको जाने के लिए वहां के लोगों से संपर्क किया था। जालंधर व होशियारपुर जिले के पांच युवकों को पुलिस ने पूछताछ के लिए मंगलवार को जालंधर बुलाया था।

    युवक नहीं चाहते थे कि मीडिया को पता चले

    पूछताछ के लिए पुलिस ने रकिंदर सिंह के अलावा कैंट में रहने वाले पलवीर सिंह, फिल्लौर के लांडरां गांव के दविंदरजीत सिंह, एक युवक शाहकोट और एक युवक होशियारपुर को बुलाया था। डिपोर्ट होकर आए युवकों को पूछताछ के लिए जालंधर बुलाने की जानकारी बहुत गोपनीय रखी गई थी।

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    युवक नहीं चाहते थे कि इस बात का मीडिया को पता चले। ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ चुप्पी के दो कारण हो सकते हैं। माना जा रहा है कि जिन ट्रैवल एजेंटों ने इन युवकों को डंकी रूट से अमेरिका भिजवाया था, वे अब इन्हें लिए गए रुपये लौटाने का प्रलोभन दे रहे हैं।

    एजेंटों ने दिया पैसे वापस देने का लालच

    एजेंटों के प्रलोभन के कारण इन युवकों को लगता है कि उन्होंने जितना पैसा दिया था, यदि उससे आधा भी वापस मिल जाए तो बड़ी बात होगी। यही कारण है कि डिपोर्ट होकर आए ये युवक पुलिस के बुलाने पर भी किसी के खिलाफ शिकायत नहीं दे रहे हैं।

    स्वजनों को फंसाना नहीं चाहते हैं युवक

    दूसरा कारण यह भी है कि डिपोर्ट होकर आए लोग यह नहीं चाहते कि इस मामले में उनके स्वजनों का नाम किसी तरह आए। जिन ट्रैवल एजेंटों ने इन लोगों को डंटी रूट से अमेरिका भेजा था, उन्होंने यह पहले ही बता दिया था कि वे अवैध तरीके से अमेरिका भेज रहे हैं।

    यह बात युवकों के स्वजनों को भी अच्छी तरह पता थी। इसके बावजूद उन्होंने ट्रैवल एजेंटों को लाखों रुपये दिए। इस पूरे मामले में उनके स्वजन फंस न जाएं इसलिए भी वे पुलिस के पास ट्रैवल एजेंटों की शिकायत करने से बच रहे हैं।

    उल्लेखनीय है कि हर वर्ष हजारों पंजाबी अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके जाने के लिए अवैध तरीका अपनाते हैं। विदेश जाने का यह मोह पंजाबियों पर भारी पड़ रहा है। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों में 30 पंजाबी थे।

    इन लोगों ने लाखों रुपये खर्च कर महीनों यातनाएं झेली और डंकी रूट से अमेरिका में एंट्री तो की लेकिन डिपोर्ट होने के साथ ही सभी सपने टूट गए। लाखों खर्च करने के बाद भविष्य तो संवरा नहीं, जिंदगी बेशक दांव पर लग गई।