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    Ajnala Case: अमृतपाल के सात समर्थकों को पुलिस ने कोर्ट में किया पेश, 23 मार्च तक की मिली रिमांड

    Ajnala Case पंजाब में अजनाला थाने पर हुए हमले को लेकर पंजाब पुलिस लगातार वारिस दे पंजाब प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इस हमले के सात आरोपितों को आज पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने इन सातों आरोपितों को रिमांड पर भेज दिया है।

    By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sun, 19 Mar 2023 06:14 PM (IST)
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    अमृतपाल के सात समर्थकों को पुलिस ने कोर्ट में किया पेश

    अमृतसर, जागरण संवाददाता। खलचियां थाने की पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के सात साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इन सातों समर्थकों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने गिरफ्तार सात लोगों को 23 मार्च तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

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    आरोपितों के पास से हथियार हुए थे बरामद

    बता दें कि इन आरोपितों के कब्जे से 12 बोर की छह राइफलें (नजायज), 315 बोर का लाइसेंसी पिस्तौल, 32 बोर की रिवाल्वर, कुल 322 कारतूस (नाजायज) बरामद किए गए हैं।

    अमृतपाल को पकड़ने के लिए पुलिस कर रही छापेमारी

    मामले में अमृतपाल सिंह और उसका एक बठिंडा निवासी गुरभेज सिंह साथी फरार है। पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। पकड़े गए सातों आरोपित जल्लूखेड़ा गांव के उस डेरे में रहते थे, जहां अमृतपाल सिंह अकसर रहा करता था। यह गिरफ्तारी पुलिस ने मेहतपुर से दिखाई है।

    क्या है अजनाल मामला

    पंजाब में अजनाला थाने पर हमले के आरोपित खालिस्तान समर्थक एवं अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस बड़ा ऑपरेशन चला रही है। दरअसल पंजाब में एक महीने पहले खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया।

    इनके हाथों में बंदूकें और तलवारें थीं। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इनके हमले के बाद दबाव में आई पंजाब पुलिस ने आरोपी को रिहा करने का ऐलान कर दिया। ये घटना हिंसा में बदल गई। पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया था फिर भी अमृतपाल के समर्थकों ने पुलिस के साथ झड़प की और बैरिकेडिंग तोड़ते हुए थाने पर हमला कर दिया।

    अमृतपाल ने दी थी धमकी

    बता दें कि अमृतपाल सिंह ने पंजाब प्रशासन और पुलिस को धमकी दी थी कि अगर उसके साथी को जल्दी छोड़ा नहीं गया तो अंजाम बुरा होगा। अमृतपाल सिंह लम्बे समय से खालिस्तान का समर्थन करता आया है।