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    डंकी रूट से अमेरिका जा रहे युवक की हार्ट अटैक से हुई मौत; छह बहनों की शादी का सपना रह गया अधूरा

    Updated: Sun, 09 Feb 2025 06:12 PM (IST)

    अमृतसर के अजनाला के रहने वाले युवक गुरप्रीत सिंह की डंकी के रास्ते अमेरिका जाते समय हार्ट अटैक से मौत हो गई। गुरप्रीत पर उसकी छह बहनों की शादी करने की जिम्मेदारी थी। अमेरिका भेजने के लिए गुरप्रीत से ट्रैवल एजेंट ने 36 लाख रुपये लिए थे। गुरप्रीत करीब तीन महीने पहले अमेरिका के लिए निकला था और ग्वाटेमाला के पास दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।

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    हार्ट अटाक के कारण मरनेवाले युवक गुरप्रीत का फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। अजनाला विधानसभा हलका के कस्बा रमदास के गुरप्रीत सिंह (33) की विदेश जाने के रास्ते में हार्ट अटैक से मौत हो गई। आरोप है कि ट्रैवल एजेंट उसे डंकी लगाकर अमेरिका भेज रहे थे।

    इस काम के लिए आरोपित ट्रैवल एजेंटों ने गुरप्रीत और उसके परिवार के 36 लाख रुपये वसूल किए थे। घटना के बारे में पता चलते ही मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच गए।

    छह बहनों की शादी करने की थी जिम्मेदारी

    हरप्रीत सिंह ने बताया कि गुरप्रीत सिंह उनका दूर का रिश्तेदार है। वह रमदास में मेहनत मजदूरी करता था। परिवार में उसकी छह बहनें हैं। उनकी शादी और अपनी शादी का सारा जिम्मा गुरप्रीत सिंह पर था। गुरप्रीत सिंह आठ महीने पहले एक एजेंट के झांसे में फंस गया था।

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    ट्रैवल एजेंट ने वसूले 36 लाख रुपये

    ट्रैवल एजेंट ने उसे बताया था कि वह 36 लाख रुपये में डंकी (अवैध रूप से) अमेरिका का बार्डर पार करवा सकता है। किसी तरह वह अमेरिका पहुंच गया तो वह भारतीय करंसी के हिसाब से वहां पांच से छह लाख रुपये महीना पैसे कमा सकता है।

    लगभग तीन महीने पहले वह अमेरिका के लिए निकला था और अब ग्वाटेमाला के पास दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। गुरप्रीत के साथ अमेरिका जा रहे एक युवक ने परिवार को यह दुखद समाचार दिया तो परिवार का रो रो कर बुरा हाल हो गया।

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    वर्क परमिट पर इंग्लैंड जा चुका है गुरप्रीत सिंह

    परिवार के सदस्यों ने बताया कि गुरप्रीत सिंह छह साल पहले वर्क परमिट पर इंग्लैंड गया था। लेकिन सेटिंग नहीं हो पाने के कारण लौट आया। अब उसका सपना अमेरिका जाने का था।

    गुरप्रीत के परिवार ने बताया कि किसी तरह रिश्तेदारों से पैसे उठाकर 36लाख रुपये एजेंट को दिए थे। परिवार ने देश के पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम भगवंत मान से अपील की है कि बेटे का शव किसी तरह भारत लाया जाए ताकि उसका दाह संस्कार किया जा सके।

    उल्लेखनीय है कि हर वर्ष हजारों पंजाबी अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके जाने के लिए अवैध तरीका अपनाते हैं। विदेश जाने का यह मोह पंजाबियों पर भारी पड़ रहा है। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों में 30 पंजाबी थे। इन लोगों ने लाखों रुपये खर्च कर महीनों यातनाएं झेली और डंकी रूट से अमेरिका में एंट्री तो की लेकिन डिपोर्ट होने के साथ ही सभी सपने टूट गए। लाखों खर्च करने के बाद भविष्य तो संवरा नहीं, जिंदगी बेशक दांव पर लग गई।

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