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    अमेरिका से डिपोर्ट हुए 65 पंजाबी, एजेंट के खिलाफ केवल एक ने की शिकायत; जानिए क्यों डर रहे हैं लोग

    अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोग ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से कतरा रहे हैं। अभी तक केवल एक ही पीड़ित ने एजेंट के खिलाफ शिकायत दी है। पुलिस के लिए फर्जी एजेंटों को पकड़ना चुनौती बन गया है। कुछ एजेंटों ने परिवारों को आधी या कुछ राशि वापस करने का वादा किया है जिससे लोग पुलिस के पास जाने से बच रहे हैं।

    By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 16 Feb 2025 11:59 PM (IST)
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    अमेरिका से डिपोर्ट होकर अमृतसर लौटे लोग। फाइल फोटो

    आशीष तिवारी, जालंधर। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोग ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ शिकायत के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। शनिवार को अमेरिकी विमान से लाए गए 116 भारतीयों में 65 लोग पंजाब से थे। ये सभी अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन अभी तक केवल एक पीड़ित ने ही एजेंट के खिलाफ शिकायत दी है। पीड़ितों के आगे नहीं आने से पुलिस के लिए फर्जी एजेंटों को ट्रेस करना चुनौती बन गया है।

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    शनिवार को डिपोर्ट हुए कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी के गांव बेहबल बहादुर निवासी गुरप्रीत सिंह ने लुधियाना और दिल्ली के एजेंट के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। पांच फरवरी को डिपोर्ट हुए पंजाब के 30 लोगों में से भी केवल तीन ने एजेंट के खिलाफ शिकायत दी थी।

    पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी की जांच के बाद दस ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। शनिवार को दो और एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। शनिवार को डिपोर्ट किए गए लोगों में सबसे अधिक लोग गुरदासपुर के थे, जहां के 11 लोग शामिल थे। इसके अलावा होशियारपुर और कपूरथला के 10-10 लोग शामिल रहे। पटियाला के सात, जालंधर व अमृतसर के पांच-पांच लोग थे।

    एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग

    इसके अलावा कुछ अन्य जिलों के लोग भी शामिल थे। डिपोर्ट हुए लोगों में से कई को झूठे वादों के साथ अमेरिका भेजा गया था। कुछ को गलत वीजा के सहारे भेजा गया तो किसी को खतरनाक डंकी रूट से अमेरिका में घुसने के लिए मजबूर किया गया।

    इसके बावजूद लोग एजेंट के खिलाफ शिकायत नहीं दे रहे। रविवार को घर पहुंचे फतेहगढ़ साहिब के गांव तलानिया निवासी गुरमीत ने कहा कि अब वह सोमवार को एसएसपी से मुलाकात करके अपनी आपबीती सुनाएंगे और बनूड़ के एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।

    इन कारणों से नहीं दे रहे शिकायत

    परिवार नहीं चाहते कि उनके बेटे को डिपोर्ट होने के बाद किसी कानूनी पचड़े में फंसना पड़े। वे पहले ही आर्थिक और मानसिक दबाव में हैं और पुलिस में शिकायत करने से मामला और उलझ सकता है।

    एजेंटों का पैसे लौटाने का आश्वासन

    कई ट्रैवल एजेंटों ने परिवारों को आधी या कुछ राशि वापस करने का वादा किया है। परिवार भी इस आश्वासन के चलते पुलिस के पास जाने से बच रहे हैं। उन्हें डर है कि अगर वे शिकायत करेंगे तो एजेंट पैसा लौटाने से मुकर सकता है।

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