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    44 ट्रेनें रद, 64 के बदल गए रूट..., किसानों के रेल रोको आंदोलन से रेलगाड़ियां बुरी तरह प्रभावित

    Updated: Thu, 25 Apr 2024 10:01 AM (IST)

    Rail Roko Andolan शंभू बॉर्डर के नजदीक पटरियों पर किसानों के रेल रोकों आंदोलन से यात्रियों का जीवन बुरी तरह प्रभावित है।17 अप्रैल से जारी किसानों के धरने के कारण बुधवार को 112 ट्रेनें प्रभावित हुईं और 44 ट्रेनों को रद करना पडा। 64 ट्रेनों को रूट बदल कर चलाना पडा। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि अभी आंदोलन और तेज करेंगे।

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    किसानों के रेल रोको आंदोलन से रेलगाड़ियां बुरी तरह प्रभावित

    जागरण टीम, अमृतसर। Kisan Rail Roko Andolan: शंभू रेलवे स्टेशन पर रेल ट्रैक पर किसानों का धरना आठवें दिन भी जारी रहा। 17 अप्रैल से चल रहे धरने के कारण बुधवार को 112 ट्रेनें प्रभावित हुईं और 44 ट्रेनों को रद करना पडा। 64 ट्रेनों को रूट बदल कर चलाना पडा।

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    ट्रेनों का आवागमन प्रभावित होने से गर्मी में यात्री बेहाल दिखे। लंबी दूरी के यात्रियों को घंटों स्टेशन पर ट्रेनों का इंतजार करना पड़ा। यात्रियों का कहना है कि किसानों का गुस्सा सरकार से है, लेकिन इसकी सजा लोगों को मिल रही है।

    ट्रेनें रोकना ठीक नहीं

    उधर, लुधियाना रेलवे स्टेशन पर यात्री डिंपल, मदन, पंकज कुमार व अमित ने बताया कि इस तरह की व्यवस्था से देश का माहौल खराब हो रहा है। यात्रियों की परेशानी की तरफ किसी का ध्यान नहीं है।

    मामले पर फिरोजपुर रेल मंडल के ट्रैफिक इंस्पेक्टर आरके शर्मा ने कहा कि किसानों को चाहिए कि अपनी बात सरकार के समक्ष शांतिपूर्ण तरीके से रखें। ट्रेनें रोकना ठीक नहीं है।

    और तेज होगा संघर्ष: किसान नेता पंढेर

    पंढेर ने कहा कि  केंद्र के खिलाफ संघर्ष और तेज किया जाएगा किसानों का कहना है कि वह तब तक ट्रैक पर बैठे रहेंगे जब तक हरियाणा पुलिस किसानों को रिहा नहीं कर देती।

    किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि शंभू में नेशनल हाईवे पर चल धरना 71वें दिन में प्रवेश कर चुका है। जब 100 दिन पूरे हो जाएंगे, तब एक बड़ा इकट्ठ शंभू और खनौरी बार्डर पर रखा जाएगा। इस दिन केंद्र के विरुद्ध संघर्ष तेज करने को लेकर निर्णय लिया जाएगा।

    लुधियाना रेलवे स्टेशन पर ट्रेनें रद होने से परेशान यात्री 

    ट्रेन बहुत लेट है, कहीं दिल्ली से फ्लाइट छूट न जाए दिल्ली जाने के लिए अमृतसर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे जंग बहादुर सिंह ने बताया कि उनकी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्लाइट थी।

    ऐसे में दिल्ली जाने के लिए शताब्दी में टिकट बुक करवाई थी। अभी पता चला है कि शताब्दी भी चार से पांच घंटे देरी से चल रही है। डर सता रहा है कि कहीं ट्रेन के लेट होने से उनकी फ्लाइट ही न छूट जाए।

    यात्रियों को छलका दर्द

    दो दिन से भटक रहे मुरादाबाद से आए सुरिंदर मुरादाबाद से आए सुरिंदर सिंह ने बताया कि अमृतसर में रहते रिश्तेदार के यहां कार्यक्रम में आए थे। दो दिन पहले लौटना था, लेकिन ट्रेन रद होने से परेशान हो रहे हैं।

    आज दोबारा टिकट करवाई तो स्टेशन पर पता चला कि ट्रेनें छह से आठ घंटे देरी से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अपना रोष जताने का तरीका कोई और ढूंढ़ना चाहिए ताकि लोगों को परेशानी न हो।

    बार-बार रेलवे ट्रैक को जाम करना ठीक नहीं बरेली जाने के लिए अमृतसर स्टेशन पर पहुंचे अवतार सिंह ने कहा कि वह परिवार के साथ श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने के लिए आए थे। बुधवार को वापसी की टिकटें बुक थीं।

    रेलवे स्टेशन पर आकर पता चला कि गाड़ी कई घंटे लेट है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांगों का स्थायी हल निकाले। बार-बार किसान रेल ट्रैक जाम कर देते हैं, इससे परेशानी होती है।

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