पाक नागरिक मुमताज, फातिमा और बच्ची हिना रिहा होकर वतन रवाना, कहा- सलाम इंडिया
अमृतसर जेल में बंद पाकिस्तानी नागरिक फातिमा, मुमताज व दस वर्षीय हिना आज वतन लौट गए। फातिमा ने कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी की आभारी हैं, जिनके प्रयासों से यह संभव हुआ।
जेएनएन, अमृतसर। अमृतसर जेल में बंद पाकिस्तानी नागरिक फातिमा उसकी बहन मुमताज और 10 साल की बेटी हिना की जिंदगी में 2 नवंबर का दिन जन्नत जैसा है। 12 साल के बाद उन्हें वतन और परिवार नसीब होने जा रहा है। मासूम हिना के लिए वतन पहुंचना एक सपने जैसा था। आज सुबह तीनों वतन के लिए रवाना हो गए। वतन वापसी से पूर्व फातिमा ने कहा, 'पीएम मोदी के विशेष प्रयासों से यह सब संभव हुआ। मैं भारत को सलाम करती हूं।' उक्त तीनों को वतन पहुंचाने के लिए अमृतसर की वकील नवजोत कौर चब्बा ने अहम भूमिका निभाई है।
तीनों की रिहाई में वकील नवजोत कौर चब्बा ने अहम भूमिका निभाई है। वकील नवजोत कौर चब्बा ने बताया कि दस साल सजा, चार लाख रुपये आर्थिक दंड का भुगतान करने के बावजूद इनकी रिहाई नहीं हो पा रही थी। उन्हें लग रहा था कि बीती ईद को फातिमा, मुमताज व उसकी बेटी हिना की रिहाई संभव है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा था। बच्ची के हालातों को देखते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। पीएमओ आफिस से तुरंत जवाब मिला था कि दो नवंबर को महिलाओं की रिहाई कर दी जाएगी। भारत ने आज नौ मछली पालकों, चार सिविलियन को रिहा किया है। रिहा हुए लोगों ने कहा कि जेल में उन्हें किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। हमारे जेलर बहुत अच्छी थे। उनका व्यवहार हमेशा अच्छा रहा।
Was told PM Modi paid special attention to our case, we thank him and salute India: Fatima,Pakistani national released from Amritsar Jail pic.twitter.com/x6VF3ve9at— ANI (@ANI) November 2, 2017
वकील या डाक्टर बनना चाहती है हिना
दस वर्षीय बच्ची हिना ने बताया कि जेल में रहकर उसने सेवा करना ही सीखा है। अपने वतन लौटने के बाद वह वकील या डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहती है। उसने बताया कि उसके जीवन पर वकील नवजोत कौर चब्बा की गहरी छाप रहेगी।
क्या है मामला
साल 2006 में फातिमा और उसकी बहन मुमताज समझौता एक्सप्रेस से भारत पहुंची थी। कस्टम विभाग ने तलाशी के दौरान अटारी रेलवे स्टेशन पर दोनों के कब्जे से हेरोइन बरामद की थी। दोनों महिलाओं का कहना था कि उन्हें किसी ने यह सामान भारत पहुंचाने के लिए दिया था, जबकि उन्हें पता नहीं था कि सामान में हेरोइन छिपाकर रखी हुई थी।
फतेहपुर जेल से रिहा हुई मुमताज, फातिमा और हिना अपने वकील और एडवोकेट नवजोत के साथ।
अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों महिलाओं दस-दस साल कैद और चार लाख रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई थी। इस बीच फातिमा ने जेल में एक बच्ची (हिना) को जन्म दिया। सजा पूरी करने के बाद भी तीनों की रिहाई नहीं हो पा रही थी। क्योंकि अदालत ने सजा के साथ आर्थिक दंड की सजा भी सुनाई थी, लेकिन वकील नवजोत कौर चब्बा ने एक समाज सेवी संस्था के साथ मिलकर 4 लाख रुपये आर्थिक दंड का भुगतान भी करवा दिया था, लेकिन पाक नागरिकता के चलते उनकी रिहाई नहीं हो रही थी।
सारी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने पर भी रिहाई नहीं हो पाने की हालातों पर वकील चब्बा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मामले के हालातों को लेकर पत्र लिखा था। पीएमओ से 17 अक्टूबर 2017 को जारी एक पत्र में वकील चब्बा को जवाब दिया गया कि तीनों कैदियों की रहाई 2 नवंबर को की जाएगी।
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