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UP Government Budget 2020 : वित्त मंत्री के बजट भाषण से निकले शायरी के भी रंग, खूब खिलखिलाए योगी

UP Government Budget 2020 आंकड़ों और योजनाओं की गूढ़ बातें यदि बजट भाषण को नीरस बनाती हैं तो इससे निपटने का उपाय भी मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बजट में था।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 07:55 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 07:57 PM (IST)
UP Government Budget 2020 : वित्त मंत्री के बजट भाषण से निकले शायरी के भी रंग, खूब खिलखिलाए योगी
UP Government Budget 2020 : वित्त मंत्री के बजट भाषण से निकले शायरी के भी रंग, खूब खिलखिलाए योगी

खनऊ, जेएनएन। UP Government Budget 2020 : आंकड़ों और योजनाओं की गूढ़ बातें यदि बजट भाषण को नीरस बनाती हैं तो इससे निपटने का उपाय भी मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बजट में था। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसका खास खयाल रखा कि बजट बोझिल न होने पाए। बजट भाषण में उन्होंने शायरी के ऐसे रंग भरे कि खास बिंदु समझने की कोशिश में तनावग्रस्त हुए सदन के चेहरों पर मुस्कुराहट फैलते देर नहीं लगी।

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'बचाएंगे, सजाएंगे, सवारेंगे तुझे (यूपी को)

हर मिटे नक्श को चमका कर उभारेंगे तुझे

राह इमदाद की देखें-यह भले गौर नहीं

हम 'नरेंद्र भाई' के साथी हैं, कोई और नहीं

हम वो गुंचे हैं जो बिजली पर हंसा करते हैं

हम वे दीपक हैं जो आंधी में जला करते हैं।'

शायरी में प्रधानमंत्री का नाम 'नरेंद्र भाई' सुनकर देर तक ठहाके लगते रहे। खन्ना ने जैसे ही तरन्नुम में शेर पढ़े, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खिलखिला उठे और पूरे सदन में मेजें बज उठीं। शायरी का मजा सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष ने भी लिया। तीन साल में प्रदेश में नई ऊंचाइयां हासिल होने के दावे के साथ उन्होंने गुनगुनाया-

'गैर परों से उड़ सकते हैं 

हद के हद दीवारों तक

अंबर तक तो वही उड़ेंगे

जिनके अपने पर होंगे।'

बजरंग बली के भक्त वित्त मंत्री सदन में जब आए तो आमतौर पर नहीं दिखने वाला टीका भी उनके माथे पर था। इसे संयोग कहें या प्लानिंग लेकिन, हर शुभ काम मंगलवार को करने वाले खन्ना के लिए इसी दिन बजट पेश करने का मौका भी खास था। शायरी पर खन्ना को विपक्ष की सराहना भी यूं ही नहीं मिली। इस सौहाद्र्र की बुनियाद मुख्यमंत्री ने सदन में आते ही डाल दी थी। योगी ने अपनी जगह पर विराजमान होने से पहले नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी सहित अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम भी पूछा।

युवाओं को समर्पित बजट में वित्तमंत्री ने नौजवानों का आह्वान भी शायरी की चाशनी में लपेट कर किया-

'तुमने चाहा तो किया आसमान मुट्ठी में

तुमने चाहा तो हवाओं के रुख बदल डाले

तुमने चाहा तो उफनते हुए सागर बांधे

तुमने चाहा तो पर्वतों के सिर कुचल डाले।'

बात जब प्रदेश में कानून व्यवस्था पर होने लगी तो इसमें भी सरकार की प्रतिबद्धता बताने को उन्होंने शायरी का ही सहारा लिया। उन्होंने पढ़ा-

'नफरतों की आग में जलते हुए माहौल को

इस व्यवस्था ने दिए हैं कुछ अनोखे कायदे

एक तरफ शोर है, बगावत है

माल है, मुल्क है, सियासत है

एक तरफ हौसले हैं, मेहनत है

नीति है, नियम है, हुकूमत है।'


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