JNU Violence: छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 9 आरोपितों की पहचान, पुलिस ने जारी की तस्वीरें
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस की। पुलिस ने हिंसा मामले में नौ आरोपितों की तस्वीरें जारी की।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार (5 जनवरी) को हुई हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को नौ छात्रों की तस्वीर जारी की है, जिनमें जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष भी शामिल हैं। इनमें सात छात्र वाम संगठनों से जुड़े हैं, जबकि 2 गैर वामपंथी बताए गए हैं। पुलिस ने अभी किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। नोटिस भेजकर सभी से जबाव मांगा है।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने प्रेसवार्ता कर बताया कि हिंसा में शामिल अब तक नौ लोगों की पहचान की गई है। वीडियो फुटेज के आधार पर तोड़फोड़ करने वालों की पहचान हुई है। फुटेज में ये छात्र हाथों में डंडा लिए और पथराव करते दिख रहे हैं। क्राइम ब्रांच जल्द ही इन लोगों से पूछताछ भी कर सकती है। अभी तक 32 लोगों से पूछताछ की गई है।
इनकी हुई पहचान
डीसीपी ने बताया कि पहचाने गए लोगों में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष, पूर्व छात्र चुनचुन कुमार, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के छात्र पंकज मिश्रा, संस्कृत के शोध छात्र योगेंद्र भारद्वाज, स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चरल स्टडीज के छात्र प्रिया रंजन, स्टडीज ऑफ कोरियन लैंग्वेज के विकास पटेल, स्कूल ऑफ सोशल साइंस-सेंटर ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज के डोलन समांता, स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के सुचेता तालुकदार व एमए के छात्र वास्कर विजय शामिल हैं।
इनमें विकास पटेल व योगेंद्र भारद्वाज के अलावा सात का संबंध वामपंथी छात्र संगठनों से हैं। वाट्सएप ग्रुप बनाकर मारपीट के वीडियो शेयर किए डीसीपी जॉय टिर्की के अनुसार, योगेंद्र भारद्वाज ने रविवार को घटना के वक्त यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट का वाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसके बाद इस ग्रुप में मारपीट के वीडियो शेयर किए गए थे।
हिंसा में 37 लोग हुए थे घायल
दरअसल, गत रविवार को कुछ नकाबपोश हमलावरों ने जेएनयू परिसर में घुसकर पेरियार, साबरमती, नर्मदा हॉस्टल और परिसर के कुछ अन्य जगहों पर छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट और तोड़फोड़ की थी। इस हिंसा में छात्र, शिक्षक व सुरक्षाकर्मियों समेत कुल 37 लोग घायल हुए थे, जिनमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष भी शामिल हैं। पुलिस ने अलग-अलग ग्यारह मुकदमे दर्ज किए हैं।