Maharashtra Politics: 'क्या उन्होंने आठ मर्सिडीज दी?' नीलम गोरे के बयान पर भड़के संजय राउत; सीएम फडणवीस ने दी नसीहत
महाराष्ट्र में इस समय विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे के बयान पर सियासी पारा हाई है। गोरे ने कहा था कि अविभाजित शिवसेना में मर्सिडीज के बदले पद दिया जाता है। रविवार को आए नीलम गोरे के इस बयान पर शरद पवार एवं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान भी आए हैं। गोरे के बयान के बाद दोनों शिवसेना आमने-सामने हैं।

जेएनएन, मुंबई। महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे के इस बयान पर कि शिवसेना (यूबीटी) में दो मर्सिडीज के बदले एक पद दिया जाता है, महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मच गया है। इस बयान पर दोनों शिवसेना आमने-सामने हैं।
इस बीच राकांपा (शरदचंद्र पवार) के नेता शरद पवार एवं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान भी आए हैं। नीलम गोरे करीब दो साल पहले शिवसेना (यूबीटी) छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना में आ गई थीं।
नीलम गिरी के बयान पर घमासान
दरअसल, रविवार को नीलम गोरे का उक्त बयान दिल्ली में अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में एक साक्षात्कार देते हुए आया था। उनके बयान के बाद शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा था कि ये वो लोग हैं, जो गुजर चुके हैं। मुझे दिखाओ मर्सिडीज कहां है ?
संजय राउत ने उठाए सवाल
वहीं, उनकी पार्टी के नेता संजय राउत ने तो और कड़ा रुख अपनाते हुए नीलम गोरे को निर्लज्ज तक कह दिया। उन्होंने सवाल किया है कि शिवसेना ने उन्हें चार बार विधान परिषद की सदस्यता दी। तो क्या उन्होंने आठ मर्सिडीज दी हैं। दी हैं, तो उनकी रसीदें दिखाएं।
शरद पवार दें गोरे को जवाब: राउत
नीलम गोरे का बयान मराठी साहित्य सम्मेलन में दिया गया, जिसके स्वागत अध्यक्ष शरद पवार थे। इसलिए राउत ने शरद पवार को भी घेरते हुए कहा कि साहित्य सम्मेलन का उपयोग नेताओं पर कीचड़ उछालने के लिए किया जा रहा है। क्या शरद पवार इससे सहमत हैं ? राउत ने कहा कि जब शरद पवार पर कोई टिप्पणी की जाती है, तो शिवसेना (यूबीटी) हमेशा उनके साथ खड़ी रहती है। अब शरद पवार को भी नीलम गोरे की बात का जवाब देना चाहिए।
शरद पवार का बयान आया सामने
राउत का यह बयान आने के बाद सोमवार शाम शरद पवार ने स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद एक संवाददाता सम्मेलन करके नीलम गोरे के बयान को मूर्खतापूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि उनके लिए ऐसा बयान देना आवश्यक नहीं था। उन्हें ऐसा बयान देना था, तो इस कार्यक्रम में नहीं आना चाहिए था।
साथ ही पवार ने यह भी कहा कि पिछले सप्ताह भर में मराठी साहित्य सम्मेलन की पृष्ठभूमि में दो बार संजय राउत द्वारा शरद पवार पर बोले गए हमले का कोई असर महाविकास आघाड़ी पर नहीं पड़ेगा।
पवार के हाथों शिंदे को दिया गया सम्मान
बता दें कि पिछले सप्ताह दिल्ली में ही शरद पवार के हाथों महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे जीवन गौरव सम्मान से विभूषित किया गया था। शिंदे को पवार के हाथों यह सम्मान दिया जाना भी शिवसेना (यूबीटी) रास नहीं आया। तब भी संजय राउत ने शरद पवार पर तीखी टिप्पणियां की थीं।
आज नीलम गोरे प्रकरण पर बोलते हुए शरद पवार ने राउत का नाम लिए बिना कहा कि उस सम्मान समारोह का मराठी साहित्य सम्मेलन से कोई मतलब नहीं था। साथ ही उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें किसी को सम्मानित करने से पहले किसी से अनुमति लेनी होगी।
सीएम फडणवीस ने दी नसीहत
आज ही इस प्रकरण पर पूछे गए एक प्रश्न पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा कि साहित्य सम्मेलन में बोलते समय सभी को कुछ सीमाओं का ध्यान रखना चाहिए। फडणवीस ने कहा कि साहित्यकारों को भी अपनी बात कहते हुए संयम बरतना चाहिए।
खासतौर से वही लोग, जो ये सोचते हैं कि नेता हमारे मंच पर नहीं आने चाहिए, उन्हें पार्टी लाइन पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है। दूसरी ओर शिवसेना (शिंदे) के प्रवक्ता एवं मंत्री संजय शिरसाट ने संजय राउत द्वारा नीलम गोरे को निर्लज्ज बताए जाने पर उनसे पूछा है कि एक महिला को निर्लज्ज कहते हुए उन्हें लाज नहीं आती क्या।
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