क्या साथ आएंगे उद्धव और राज ठाकरे? शादी समारोह में की मुलाकात; BMC चुनाव से पहले तीसरी बार दिखे साथ
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की मुंबई में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के बेटे की शादी में मुलाकात हुई है। इस दौरान दोनों ने एक दूसरे से मिले और आपस में बातचीत की। पिछले तीन महीने में उद्धव-राज ठाकरे के बीच ये तीसरी मुलाकात है ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दोनों एक साथ आएंगे।

पीटीआई, मुंबई। मुंबई में रविवार को एक शादी समारोह में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे एक साथ नजर आए। इसके बाद से दोनों के बीच राजनीतिक मतभेद सुलझने की अटकलें तेज हो गई हैं।
राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़े चचेरे भाईयों को रविवार शाम अंधेरी में सरकारी अधिकारी महेंद्र कल्याणकर के बेटे की शादी में एक साथ देखा गया।
बीएमसी चुनाव से पहले राजनीतिक अटकलें तेज
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे से इस कार्यक्रम में मुलाकात की, जबकि सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) दोनों खेमों में दरार की अफवाहें चल रही हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एमएनएस और शिवसेना (UBT) के बीच आगामी नगर निगम चुनावों, खासतौर पर आर्थिक रूप से समृद्ध बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों को ध्यान में रखते हुए आपसी मतभेद खत्म करने की संभावना बन सकती है।
कब होंगे चुनाव?
- अभी तक नगर निकाय चुनावों की तारीखों का एलान नहीं हुआ है।
- पिछले दो महीनों में यह तीसरा मौका था जब दोनों भाइयों की सार्वजनिक रूप से मुलाकात हुई, जिससे दोनों दलों के बीच संबंधों में सुधार की अटकलें तेज हो गई हैं।
- पिछले दो महीनों में चचेरे भाइयों के बीच यह तीसरी सार्वजनिक बैठक थी, जिससे दोनों दलों के बीच संबंधों में मधुरता की अटकलें और तेज हो गई हैं।
तीन महीने तीसरी बैठक
राज ठाकरे ने 2005 में शिवसेना (तब अविभाजित) छोड़ दी और अगले साल अपनी पार्टी बना ली। पिछले साल 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए हुए चुनावों में, विपक्षी एमवीए का हिस्सा शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं, जबकि एमएनएस को एक भी सीट नहीं मिली।
मनसे और शिवसेना (UBT) का खराब प्रदर्शन
बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले साल 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव हुए थे। इन चुनावों में शिवसेना (यूबीटी) और मनसे दोनों ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है। शिवसेना (यूबीटी) जहां केवल 20 सीटें हासिल करने में सफल रही, वहीं मनसे एक भी सीट नहीं जीत पाई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।