देवीलाल-चौटाला के परिवार में चल रहा शह और मात का खेल, 9 दिसंबर को JJP का पांचवां स्थापना दिवस
fifth foundation day करीब चार साल पहले 2018 में इनेलो की टूट के बाद अजय सिंह चौटाला व उनके बेटे दुष्यंत चौटाला ने अलग जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) बनाई थी। 9 दिसंबर को जेजेपी का पांचवां स्थापना दिवस है जो भिवानी में मनाया जा रहा है।
चंडीगढ़, जागरण डेस्क। JJP fifth foundation day: देश की पालिटिक्स में राजनीतिक परिवारों की कलह का कोई अंत नहीं है। वीपी सिंह, चंद्रशेखर, मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, चंद्रबाबू नायडू और लालू प्रसाद यादव को किसी न किसी रूप में राजनीतिक ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले ताऊ देवीलाल का परिवार भी राजनीतिक कलह से अछूता नहीं रहा।
पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के दोफाड़ होने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि देवीलाल के पोते अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला शांत रहकर अपने-अपने मिजाज की राजनीति करेंगे, लेकिन कोई मौका ऐसा नहीं जाता, जब दोनों धड़े एक दूसरे पर हमलावर नहीं होते। और तो और देवीलाल के पड़पोते दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला तक अपने चाचा अभय सिंह चौटाला से अक्सर राजनीतिक हिसाब मांगते नजर आते हैं।
9 दिसंबर को जेजेपी का पांचवां स्थापना दिवस
चाचा भी भतीजों का हिसाब चूकता करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते। करीब चार साल पहले 2018 में इनेलो की टूट के बाद अजय सिंह चौटाला व उनके बेटे दुष्यंत चौटाला ने अलग जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) बनाई थी। 9 दिसंबर को जेजेपी का पांचवां स्थापना दिवस है, जो भिवानी में मनाया जा रहा है। इनेलो प्रमुख के नाते ओमप्रकाश चौटाला व उनके बेटे अभय सिंह चौटाला हर साल 25 सितंबर को ताऊ देवीलाल का राज्य स्तरीय जयंती समारोह मनाते हैं।
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दिग्विजय चौटाला अपनी पूरी टीम के साथ हरियाणा के दौरे पर
अजय सिंह चौटाला हों या फिर अभय सिंह चौटाला, दोनों की राजनीति के केंद्र बिंदु ताऊ देवीलाल ही हैं। जेजेपी की रैली में शक्ति प्रदर्शन के लिहाज से अजय सिंह, उनकी धर्मपत्नी नैना चौटाला, बेटे दुष्यंत सिंह और दिग्विजय चौटाला अपनी पूरी टीम के साथ हरियाणा के दौरे पर निकले हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि जेजेपी की यह रैली सत्तारूढ़ दल भाजपा व विपक्षी दल कांग्रेस के लिए राजनीतिक चुनौतियां खड़ी कर सकती है।
भिवानी रैली में भीड़ जुटाकर दुष्यंत चौटाला सत्तारूढ़ भाजपा को यह संदेश देना चाहते हैं कि दोनों दलों का गठबंधन लंबे समय तक बनाए रखने में ही दोनों का फायदा है। दोनों साथ रहे तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी उनके लिए किसी सूरत में चुनौती नहीं बन पाएंगे।
अभय सिंह चौटाला निकालेंगे पदयात्रा
इनेलो पार्टी तो कहीं स्टैंड कर ही नहीं रही है। अपने भाई अजय सिंह और भतीजों दुष्यंत व दिग्विजय की रणनीति भांपते हुए इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने पूरे प्रदेश में पदयात्रा निकालने का एलान किया है। हालांकि अभी इसकी तारीख घोषित नहीं हुई। ताऊ देवीलाल अक्सर पदयात्राएं निकाला करते थे।
दुष्यंत चौटाला ने अपने चाचा की पदयात्रा पर सवाल उठाते हुए जरा भी देर नहीं लगाई और उन्हें पदयात्रा की तारीख घोषित करने की चुनौती देते हुए यहां तक कह डाला कि मेरे पिता अजय सिंह ने करीब सात सौ किलोमीटर की पदयात्रा की थी। यदि अभय सिंह इसकी आधी पदयात्रा भी कर लें तो वह उन्हें गंभीर राजनेता मान लेंगे।
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यह है इनेलो के टूटने और जेजेपी के बनने की कहानी
दिग्विजय के अनुसार जेजेपी के बनने का कारण सिर्फ यही नहीं है कि दादा ओमप्रकाश चौटाला व चाचा अभय सिंह ने अजय सिंह, दुष्यंत और दिग्विजय को पार्टी से निकाल दिया, बल्कि जेजेपी इसलिए बनी, क्योंकि चौधरी देवीलाल की नीतियों का अनुसरण करने वालों को सम्मान मिलना बंद हो गया था। दिग्विजय के इस बयान को कार्यकर्ताओं को भावनात्मक रूप से कैश करने से भी जोड़कर देखा जा रहा है।