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    'बार-बार सबक सिखाने पर भी ये रुकने वाला नहीं', PAK को लेकर RSS प्रमुख का बड़ा बयान; पहलगाम हमले पर कही ये बात

    Updated: Thu, 05 Jun 2025 10:30 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए भारत को अपनी सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनना होगा। उन्होंने समाज को आपसी भ्रम दूर कर एकजुट रहने की सलाह दी क्योंकि देश की असली ताकत एकता में ही है। मोहन भागवत ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी था।

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    पहलगाम हमले पर मोहन भागवत ने क्या कहा? (फाइल फोटो)

    जेएनएन, मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए देश को अपनी सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर होना पड़ेगा। इसके साथ ही मोहन भागवत ने समाज को भी आपसी भ्रम दूर कर एक रहने की सलाह दी। क्योंकि देश को असली मजबूती आपसी एकता से ही मिल सकती है।

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    मोहन भागत आज नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग (द्वितीय) के समापन समारोह का संबोधित कर रहे थे।

    मोहन भागवत ने किया ऑपरेशन सिंदूर पर की बात

    इस वर्ष समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं देश के वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम थे। इस अवसर पर बोलते हुए मोहन भागवत ने हाल के ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि पहलगाम की घटना के बाद लोगों के मन में रोष था।

    पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी था: भागवत

    लोग चाहते थे कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए। उसके अनुरूप सबक सिखाया भी गया। दुश्मन को सबक सिखाने के दौरान हमें एक ओर अपने रक्षा अनुसंधान एवं तैयारियों को देखकर संतुष्टि हुई, तो दूसरी ओर समाज के सभी वर्गों में दिखाई दे रहे एकता के दृश्य ने भी संतुष्टि प्रदान की है। ये दृश्य यदि चिरस्थायी होता है, तो यह देश के लिए बड़ा संबल साबित होगा।

    सर संघचालक ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम तो सत्य-अहिंसा का पालन करने वाले देश हैं। कोई हमारा दुश्मन नहीं है। लेकिन दुनिया में दुष्ट लोग भी होते ही हैं। इसके लिए हमें पूर्ण सजग रहना पड़ेगा।

    'बार-बार सबक सिखाने पर भी नहीं रुकेगा पाकिस्तान': भागवत

    पहलगाम नरसंहार के पहले पाकिस्तानी जनरल आसिम मुनीर के एक वक्तव्य की ओर इशारा करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि जब तक द्विराष्ट्रवाद का भूत कायम रहेगा, तब तक देश पर खतरा बना रहेगा। बार-बार सबक सिखाने पर भी वह रुकनेवाला नहीं है। इसी कड़ी में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ परोक्ष या प्रत्यक्ष खड़े रहे देशों पर तंज कसा कि इसी दौरान कुछ दूसरे देशों की भी परीक्षा हो गई कि सत्य के साथ कौन-कौन खड़े होते हैं। इसलिए अपनी सुरक्षा के मामले में हमें आत्मनिर्भर होना ही पड़ेगा।

    समाज को भी सजग रहने की जरूरत: भागवत

    मोहन भागवत ने आगे कहा कि हमें सिर्फ रक्षा के मामले में ही आत्मनिर्भर नहीं होना है। हमें अपने समाज को भी सजग और एक रखना है। समाज के किसी वर्ग का किसी वर्ग से लड़ाई न हो, यह भी हमें ही देखना है। किसी बात पर प्रतिक्रिया में कानून हाथ में लेना ठीक नहीं है। भारत में हमारा शासन संविधान के अनुसार चलता है। इसलिए हिंसा करना, प्रतिक्रिया व्यक्त करना, ये बातें हमें छोड़नी पड़ेंगी।

    मोहन भागवत ने कहा किसी समाज को उत्पीड़ित बता कर उसे भड़काने वाले लोग भी बहुत हैं। लेकिन हमें उनके चंगुल में फंसकर अपना संयम नहीं खोना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में भाषा, संस्कृति, और पूजा पद्धति की विविधता है। लेकिन इन सबसे ऊपर हमारी एकता है। हमें विविधता में रहते हुए भी अपनी एकता को बनाए रखना है। क्योंकि हमारी जड़ें एकता में हैं, विविधता में नहीं।

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