Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Human Trafficking: दिल्ली से बचाई गई 47 युवतियां, सोनौली सीमा से भेजी गई नेपाल

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 02:48 PM (IST)

    नेपाल से विदेश यात्रा के लिए एनओसी अनिवार्य होने के बाद मानव तस्करों ने भारत को अपना नया रूट बना लिया है। दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ी गई 47 नेपाली युवतियों के मामले से इसका खुलासा हुआ। युवतियों को सोनौली सीमा से नेपाल भेजा गया है जहाँ उनसे पूछताछ की जा रही है। काठमांडू हवाई अड्डे पर एनओसी धांधली के उजागर होने के बाद नेपाल ने यह नियम अनिवार्य कर दिया।

    Hero Image
    रेस्क्यू की गई नेपाली युवतियां। सौ. इंटरनेट मीडिया

     जागरण संवाददाता, सोनौली। नेपाल से विदेश की हवाई यात्रा के दौरान सभी यात्रियों के लिए एनओसी ( अनापत्ति प्रमाण पत्र ) का नियम जारी होने से मानव तस्करों ने अपने धंधे का रूट भारत की ओर कर दिया है।

    इस बात का खुलासा 24 जुलाई को दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ी गई 47 नेपाली युवतियों के मामले से हुआ हैं। जिन्हें भारत स्थित नेपाली दूतावास की मदद से पकड़ गुरुवार की देर रात सोनौली सीमा के रास्ते वापस नेपाल भेजा गया। जहां रूपन्देही जिला प्रशासन की अभिरक्षा में युवतियों को जांच व पूछताछ के लिए अपराध अनुसंधान महाशाखा कार्यालय काठमांडू भेजा गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हालांकि मामले से जुड़े दलाल व मानव तस्कर भाग निकलने में सफल रहे। काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डे से बिना एनओसी व फर्जी एनओसी के आधार पर 200 से अधिक भारतीय व नेपाली यात्री विदेश भेजे जाने की बात पुष्टि हुई थी। जिसमें हवाई अड्डे के एक प्रमुख अधिकारी की संलिप्तता उजागर हुई थी। जो कि नेपाल पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया है।

    उक्त धांधली के उजागर होने के बाद नेपाल उड्डयन व विदेश मंत्रालय ने नेपाल से विदेश यात्रा करने वालों के लिए एनओसी अनिवार्य कर उसे दूतावास से ऑनलाइन भी कर दिया है।

    जिससे नेपाल से खाड़ी देश मानव तस्करी करने वाले धंधेबाज भारत के रास्ते मानव तस्करी को अंजाम दे रहे हैं।

    रूपन्देही के प्रमुख जिलाधिकारी वासुदेव घिमिरे ने बताया कि दिल्ली से बचा कर आईं गई युवतियों से पूछताछ कर उन्हें उच्च जांच के लिए काठमांडू भेजा गया है।