संघ के मंच पर दिखेंगे इंदिरा गांधी के पूर्व मंत्री, RSS ने बनाया चीफ गेस्ट; विपक्षी खेमे में मची खलबली
Arvind Netam पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने आरएसएस और जनजातीय समाज के बीच संवाद की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस देश का सबसे बड़ा वैचारिक संगठन है और जनजातीय समाज के कल्याण के लिए कार्य कर रहा है। नेताम ने बताया कि उन्हें आरएसएस के एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है जहाँ वे जनजातीय समाज की मांगों पर चर्चा करेंगे।

जेएनएन, जगदलपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक 83 वर्षीय अरविंद नेताम ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और जनजातीय समाज के बीच संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस देश का सबसे बड़ा वैचारिक संगठन है, जिसका उद्देश्य धर्म, संस्कृति और समाज का संरक्षण कर राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करना है।
दरअसल, रविवार को पत्रकार वार्ता में नेताम ने बताया कि आरएसएस जनजातीय समाज के कल्याण के लिए वनवासी कल्याण आश्रम जैसे प्रकल्प चला रहा है, लेकिन दोनों के बीच कई विषयों पर वैचारिक मतभेद हैं। जनजातीय समाज की भलाई के लिए विचारों का आदान-प्रदान आवश्यक है।
पहली बार कांग्रेस के टिकट पर बने थे सांसद
नेताम, जो 1971 में कांग्रेस के टिकट पर कांकेर से पहली बार लोकसभा सदस्य बने थे, ने इंदिरा गांधी और नरसिम्हाराव की सरकार में मंत्री पद भी संभाला। 1998 में कांग्रेस छोड़कर उन्होंने बसपा, एनसीपी और भाजपा का दामन भी थाम लिया था। उन्होंने कहा कि उन्हें पांच जून को नागपुर में आरएसएस के कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय वर्ग समापन समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
आरएसएस के मंच पर दिखेंगे पूर्व कांग्रेस नेता
उन्होंने स्पष्ट किया कि वह दो वर्ष पूर्व कांग्रेस से अलग हो चुके हैं और अब जनजातीय समाज के कार्यों में संलग्न हैं। नेताम ने कहा कि वह संघ के कार्यक्रम में सामाजिक विषयों पर अपनी बात रखेंगे। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से जनजातीय समाज की मांगों और समस्याओं पर चर्चा करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि आर्थिक उदारीकरण जनजातीय समाज के लिए हानिकारक साबित हुआ है।
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